Shoharat ki Kimmat - 1 in Hindi Fiction Stories by बैरागी दिलीप दास books and stories PDF | शोहरत की कीमत - 1

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शोहरत की कीमत - 1

"शोहरत की कीमत / The Price of Fame"

 📖 Chapter 1: सपना Indore से / A Dream from Indore


> **"स्टार बनने का सपना तो बहुत लोगों ने देखा है, लेकिन उस सपने की कीमत सिर्फ कुछ ही जानते हैं..."**
>
> *“Everyone dreams of stardom, but only a few know the price it demands.”*

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### 🌃 **Indore – एक शांत सुबह और बेचैन लड़की**

सर्दियों की सुबह थी। Indore की गलियों में धुंध पसरी हुई थी। पर एक कमरा ऐसा था जहाँ उजाले से ज़्यादा **उम्मीदें** भरी थीं।

**ईशा रॉय**, 19 साल की लड़की, अपने छोटे से कमरे में आईने के सामने खड़ी थी। एक सस्ती सी कॉटन की सलवार-कुर्ती, हल्का सा मेकअप, और आँखों में बड़ा सपना – *“बॉलीवुड की हिरोइन बनना है।”*

> **"मैं सिर्फ खूबसूरत नहीं, मैं काबिल भी हूं…"**
> उसने खुद से कहा, मानो दुनिया को चेतावनी दे रही हो।

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### 🎓 **पढ़ाई छोड़, सपना पकड़**

ईशा ने B.Com का पहला साल किया था, लेकिन क्लासरूम से ज़्यादा उसे कैमरे के सामने खड़ा होना पसंद था।

उसके घरवाले – माँ एक आंगनबाड़ी वर्कर और पिता एक प्राइवेट गार्ड – नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी "फिल्मों की दुनिया" में जाए।

> **"अच्छे घर की लड़कियाँ एक्ट्रेस नहीं बनतीं",** माँ कहती थीं।
> पर ईशा हर रोज़ गूगल पर सिर्फ एक चीज़ सर्च करती – *"Bollywood auditions for newcomers"*

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### 🎫 **Mumbai का टिकट – एक तरफ़ा, पर उम्मीद से भरा**

एक दिन उसने ₹4000 जोड़कर एक स्लीपर ट्रेन टिकट बुक की – Indore से Mumbai।

**"ये शहर या तो बना देगा या खा जाएगा"**, ये बात उसने कई बार सुनी थी।
पर डर से ज़्यादा उसके अंदर **भरोसा** था – खुद पर, अपने सपने पर।

> ट्रेन में बैठते वक्त माँ ने कहा था –
> **"अगर कुछ गलत हुआ तो वापस आ जाना..."**
>
> ईशा मुस्कराई,
> **"अगर कुछ सही हुआ तो आप लोग मेरे सेट पर आइएगा।"**

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### 🚂 **मायानगरी में पहला कदम**

Mumbai CST स्टेशन पर उतरते ही भीड़ ने उसका स्वागत किया – या कहें, निगल लिया।

हर चेहरा जल्दी में था।
पर ईशा… वो बस आसमान की ओर देख रही थी —
जहाँ उसकी किस्मत चमकने वाली थी।

ऑटोवाले ने पूछा –
**"कहाँ जाना है मैडम?"**
ईशा बोली –
**"अंधेरी वेस्ट… फिल्म लाइन वहीं से शुरू होती है ना?"**

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### 🏠 **PG, Portfolio, और परेशानी**

उसे एक छोटा सा PG मिला – चार लड़कियाँ, एक बाथरूम, और ढेर सारे सपने।

वहां सब कोई ना कोई "एक्ट्रेस बनने" आयी थीं – किसी ने 5 साल से स्ट्रगल किया था, किसी ने कभी कैमरा नहीं देखा।

ईशा ने ₹1500 देकर एक लोकल फोटोग्राफर से Portfolio बनवाया। उसने कहा –

> **“Expression में कुछ कमी है, पर आँखों में बहुत आग है।”**

वही आग जो Indore से लाई थी…

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### 🎥 **पहला ऑडिशन – और पहला Reality Check**

एक कास्टिंग एजेंसी ने उसके Portfolio पर कॉल किया – "आ जाइए, short film के लिए look test है।"

वह पहुंची, मेकअप किया, स्क्रिप्ट पढ़ी और कैमरे के सामने खड़ी हो गई।

> **"I want to live my dream, not just watch it."** – उसने लाइन बोली, पर अंदर से काँप रही थी।

डायरेक्टर मुस्कराया –
**"Cute हो… Par experience है?"**
**"नहीं, पर सीख सकती हूं…"**
**"तो डिनर के लिए फ्री हो आज?"**

ईशा का चेहरा एक पल में बुझ गया।
उसने स्क्रिप्ट टेबल पर रख दी और कहा –

> **"Talent देखिए, time नहीं।"**

वो चल पड़ी… दरवाजे के बाहर।

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### 🌙 **रात का आंसू और सुबह की ताक़त**

उस रात ईशा अकेली रोई। माँ को कॉल करने का मन किया, पर किया नहीं।

> उसने आईने में खुद से कहा –
> **"अगर पहली हार में ही हार मान ली, तो शोहरत की कीमत कौन चुकाएगा?"**

अगली सुबह फिर वही जूते पहने, वही bag उठाया, और निकल पड़ी – नए संघर्ष की ओर।

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### 🎬 **कहानी अभी शुरू हुई है...**

Mumbai ने उसे झटका दिया, पर गिराया नहीं।
उसने ठान लिया था –

> **"मुझे रोल चाहिए, रेट नहीं…"**

और यही सोच, उसे भीड़ में अलग बनाती थी।

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## 🔚 **End of Chapter 1**

**Next Chapter:** *"मायानगरी की पहली रात / First Night in Mumbai"*