सुबह 8:45 AM
मुंबई यूनिवर्सिटी
हल्की सी धुंध, लेकिन सूरज की रोशनी धुंध को चीरती हुई कैंपस के ऊँचे पेड़ों पर उतर रही थी।
यूनिवर्सिटी की चौड़ी सीढ़ियों पर छात्र आते-जाते दिख रहे थे। कोई अपनी क्लास खोज रहा था, कोई बस लोगों को निहार रहा था।
एक ऑटो रुकता है... और उतरता है — आशु।
21 साल का, सीधा-सादा, हल्के गुलाबी होंठ, गहरी आँखे और सादगी से भरा चेहरा।
मुंबई उसके लिए नया था — तेज़, भीड़भाड़ भरा, पर कहीं ना कहीं उसे यह शहर अपनी ओर खींचता भी था।
आशु...” — उसने खुद को धीरे से पुकारा — "तैयार हो जा, ये एक नई शुरुआत है।"
कंधे पर बैग टाँगे, वो थोड़ी हिचक के साथ यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग की ओर बढ़ता है।
“Fashion Designing Department…” — वो बोर्ड पढ़ता है और फिर धीरे-धीरे चलता है।
अचानक किसी से हल्की टक्कर होती है।
वो सामने देखता है —
काली शर्ट, तेज़ आँखें, confident चाल…
वो लड़का थोड़ी देर उसे यूँ देखने लगता है, आशु उसे देख के कहता :- हैलो, सुनाई दे रहा है?! मुक हो क्या?!
वो लड़का फिर भी बिना कुछ कहे देखता रहता है!!
और आशु इरिटेट होकर चला जाता है । वो लड़का उसे जाते हुए देखता रहता है और मन में सोचता है "इसे कहीं तो देखा है मैने"
और फिर वो भी ज्यादा ध्यान नहीं देता और चला जाता है !!
ये था कुनाल।
26 साल का, मस्क्यूलर बॉडी, चौड़ा सीना, हर कदम में रॉयल ठाठ।
कॉलेज में सेकंड ईयर का बिजनेस स्टूडेंट और पूरी यूनिवर्सिटी में उसका नाम चलता था।
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Inside the building.......
कॉरिडोर में चहल-पहल थी। कुछ स्टूडेंट्स क्लास ढूंढ़ रहे थे, कुछ नए दोस्त बना रहे थे।
एक लड़के की आवाज़ आई। :– Excuse me, क्या तुम नए हो?”
आशु पलटा। सामने एक फ्रेंडली-सा चेहरा था, हल्का सा मुस्कान लिए। :– “हाँ, आज पहला दिन है मेरा।”
वो लड़का :– “मैं मिहिर हूँ। फर्स्ट ईयर फैशन स्टूडेंट। मैं कुछ दिन पहले ही यहां एडमिशन कर चुका हूं तो अगर चाहो तो मैं तुम्हें डिपार्टमेंट दिखा सकता हूँ।”
आशु :– “Thanks, मैं आशु हूँ।”
मिहिर ने उसे क्लास दिखाई, स्टाफ से मिलवाया और फिर कैंटीन ले गया।
वहीं पहली बार, आशु को कुछ दोस्त मिले — मीनल, जो बोल्ड और बिंदास थी वो सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी, और विवेक, जो काफी शांत और किताबों में डूबा रहता था ये भी सेकंड ईयर से था।
मिनल :– "तुम कहाँ से हो आशु?"
आशु :– “इंदौर से... पहली बार मुंबई आया हूँ।”
मिनल हंसते हुए बोली :– “ओह! तो Welcome to chaos!”
कैंटीन में ----––––
मिनल ने एक टेबल की ओर इशारा किया :–“देखो, वो जो सामने बैठा है ना… वो कुनाल है।”
आशुने देखा — वही लड़का जिससे थोड़ी देर पहले टकराया था। फिर उसने पूछा :– "क्या वो गूंगा है"!!!
मिनल :– अरे नहीं तो! तुम्हे किसने कहा ये?!
आशु :– कुछ नहीं, सुबह वो मुझसे टकराया था और मैने उसे बात करी तो चुप चाप देख रहा था तो मुझे लगा वो गूंगा है😅!!!
मिनल हंस देती है और बोलती है :– “कॉलेज का स्टार बॉय। लड़कियाँ उसके लिए पागल हैं। कॉलेज की 60% लड़कियां उसकी गर्लफ्रेंड रह चुकी हैं । लेकिन उससे दूर ही रहना अच्छा है… थोड़ा arrogant टाइप है।”
आशु ने चुपचाप देखा। कुनाल अपनी सीट पर बैठा था, लेकिन उसकी नज़रें टेबल पर नहीं, आशु पर टिकी थीं।
थोड़ी देर देखता है और अपने फोन में घुस जाता है!
पर आशु ने कुछ नहीं महसूस किया।
उसके लिए वो बस एक अनजान चेहरा था… और कुछ नहीं।
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शाम | हॉस्टल रूम–––––
आशु अपना सामान लेकर अपने हॉस्टल रूम में आता है । फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स के लिए शेयरिंग रूम था सेकंड ईयर से सिंगल रूम मिलेगा!!
वो जब रूम में आता है देखता है उसका रूम मेट अपना सामान रख रहा था । वो लड़का उसे देखता है और बात करने लगता है और पूछता है :– "किस डिपार्टमेंट के स्टूडेंट हो?!
आशु :– फैशन डिजाइनिंग फर्स्ट ईयर! और तुम?!
वो लड़का :– इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर!!
आशु :– तुम्हारा नाम?!
वो लड़का :– आशुतोष खन्ना! और तुम्हारा?
आशु :– अरे वाह मेरा नाम भी आशुतोष है आशुतोष वर्मा पर सब मुझे आशु बुलाते हैं!
आशुतोष :– ओह तो मैं ही तुम्हे आशु ही बुलाऊंगा नहीं तो अगर आशुतोष बोलूंगा तो लगेगा खुदको बुला रहा हूं🤣😆
आशु हंस देता है और हां बोलकर अपना सामान रखने लगता है.......
आशु अपने स्केचबुक में कुछ आकृतियाँ बना रहा था।
नए कॉलेज का पहला दिन अच्छा गया था। दोस्त मिल गए थे, क्लासेस ठीक थी, और माहौल धीरे-धीरे अपना लगने लगा था।
पर उसकी नज़रें बार-बार एक चीज़ पर अटक रही थीं —
एक स्केच, जो उसने जाने-अनजाने बना दिया था।
एक महल एक पुराना राजकीय महल जिसके चारों तरफ आग है
उसने खुदाई कहा :–“मैंने ये कब बनाया?”
पर फिर उसने स्केचबुक बंद कर दीया। उसे कोई याद नहीं था कि यह कैसा है या क्यों उसके ज़हन में था।
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उधर कुनाल | अपनी बालकनी में
सामने समुद्र की लहरें उठ रही थीं, लेकिन उसके मन में तूफ़ान था।
उसने वाइन का गिलास हाथ में पकड़ा और खुद से बुदबुदाया!!! :– "आखिर वो कौन है जो मेरे सपनो में बार बार आता है "!!!!
फिर वही सपना याद आया —
धुंधला महल…
बड़ी-बड़ी मशालें…
और चीखें…
"मत जलाओ हमें..."
उसने अपने सीने को जोर से पकड़ा।
"कौन हो तुम? और क्यों मेरी हर साँस में बस गए हो?
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एक अंधेरे कमरे में कोई बैठा है और खुदसे कह रहा है ""आखिर तुम दोनों मिल ही गए, पर इस बार मैं तुम दोनों को एक होने नहीं दूंगा पिछले जन्म में तुम मेरे नहीं हो सके वीर पर इस जन्म में तुम सिर्फ और सिर्फ मेरे होगे!!!"
यह कहकर वो जोर जोर से हंसने लगता है...........
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To Be Continued…
क्या कुनाल और आशु अपने पिछले जन्म की सच्चाई जान पाएंगे?
क्या यह इत्तेफाक है या कोई बड़ी कड़ी?
और वो रहस्यमयी चेहरा कौन है, जो नहीं चाहता कि ये दोनों फिर से मिलें?
जानिए अगले एपिसोड में...
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अगर आपको ये एपिसोड पसंद आया हो तो मैं अगला भाग लिखने को तैयार हूँ! बताइए कैसा लगा 💖
रेटिंग देना ना भूलें और कॉमेंट में बताए आगे की स्टोरी में क्या होने वाला है!!!!
Bye bye take care😊✨🩷
आपका अपना.....👇
~Unknown Writer...🦢