The hidden world in Hindi Love Stories by Rakhi Pradhan books and stories PDF | छुपाई गई दुनिया

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छुपाई गई दुनिया

   📖  कहानी का विचार: 📖

एक लड़का और लड़की कॉलेज में मिलते हैं। लड़की एक ऐसे परंपरागत परिवार से आती है जहाँ पढ़ाई से ज़्यादा उसकी शादी की चिंता की जाती है। धीरे-धीरे दोनों के बीच एक गहरा भावनात्मक रिश्ता बनता है, लेकिन समाज, परिवार और अपने अंदर छिपे डर की वजह से वे अपने प्यार को कभी ज़ुबान नहीं दे पाते।


हर किसी के भीतर एक दुनिया होती है — जो कभी ज़ुबान पर नहीं आती।

अनंत और सौम्या की मुलाकात एक खामोश कोने में हुई, जहाँ शब्दों से ज़्यादा निगाहें बोलती थीं।

वो दोनों टूटे हुए थे, लेकिन एक-दूसरे की खामोशी में सुकून ढूंढने लगे।

पर सौम्या की ज़िंदगी में एक ऐसा सच छुपा था, जो उसके प्यार को हमेशा एक कदम पीछे खींचता रहा।

क्या हर प्यार को आवाज़ मिलती है? या कुछ रिश्ते सिर्फ दिल में ही पूरे होते हैं…?



"कुछ लोग हमारी ज़िंदगी में बिना किसी आवाज़ के आते हैं... पर उनकी मौजूदगी हर वक़्त महसूस होती है।" 

......

सरकारी कॉलेज की लाइब्रेरी उतनी ही खामोश थी जितनी अनंत की ज़िंदगी। वो हर दिन उसी कोने में बैठकर अपनी डायरी में कुछ अधूरी बातें लिखा करता था — बातें जो उसने कभी किसी से नहीं कही थीं।

एक दिन वहीं, उसी चुप्पी में, सौम्या आई — एक सीधी, शांत और रहस्यमयी लड़की, जिसकी आँखों में एक छिपा हुआ दुख था। उसने पहली बार अनंत से बस एक फाइल माँगी थी, लेकिन उस पल में दोनों के बीच एक ऐसा रिश्ता बन गया जो शब्दों से नहीं, खामोशी से जुड़ा था।

सौम्या हर दिन उसी लाइब्रेरी में आने लगी। वो कम बोलती थी, लेकिन उसकी आँखें हर बात कह जाती थीं। अनंत उसकी तरफ खिंचता चला गया, पर उसे समझने की जल्दी नहीं थी — वो सिर्फ उसका साथ चाहता था।

धीरे-धीरे सौम्या की ज़िंदगी की परतें खुलने लगीं। उसकी माँ मानसिक रूप से बीमार थी, और उसका बचपन डर, तन्हाई और एक अधूरी देखभाल में बीता था। कॉलेज में वो सबके बीच रहते हुए भी अकेली थी — और लाइब्रेरी की खामोशी उसे सुकून देती थी।

अनंत भी कोई आम लड़का नहीं था। उसके अपने ज़ख्म थे — एक बिखरा परिवार, अकेली परवरिश और खुद से जंग। शायद इसीलिए वो सौम्या को समझ पाता था, बिना ज्यादा पूछे।

एक दिन, जब सौम्या ने अपनी डायरी अनंत को दी, उसमें सिर्फ एक पन्ना था —

"अगर मैं कल ना रहूं, तो क्या कोई मेरी कहानी पढ़ेगा?"

उस रात सौम्या ने ज़िंदगी छोड़ने की कोशिश की, लेकिन अनंत समय पर पहुँच गया। उसने सिर्फ उसे बचाया नहीं, बल्कि उसे खुद से जोड़ दिया।

अस्पताल में, सौम्या ने अनंत का हाथ पकड़ते हुए पहली बार खुद को पूरी तरह खुलने दिया।

उसने कहा, "मैं जीना चाहती हूं… अगर तुम साथ हो।"

इसके बाद सब कुछ धीरे-धीरे ठीक होने लगा। सौम्या ने अपनी कहानी एक पब्लिक टॉक में सुनाई, जहाँ अनंत पहली पंक्ति में बैठा मुस्कुरा रहा था — जैसे किसी टूटे हुए हिस्से को जोड़ते देख रहा हो।

अब वो दोनों कॉलेज की उसी लाइब्रेरी में बैठते हैं, पर खामोशी अब बोझ नहीं लगती। वो जान चुके हैं कि कुछ कहानियाँ किताबों में नहीं, निगाहों में लिखी जाती हैं।..📖



⭐ मैसेज:

हर इंसान की एक "छुपाई गई दुनिया" होती है — और जब कोई उस दुनिया में बिना दरवाज़ा खटखटाए दाखिल हो जाए, तो ज़िंदगी बदल जाती है।