एक बार की बात की मेरे घर के पीछे रोहन भैया रेहते थे वो अहमदाबाद से एक नीची कास्ट की लड़की सोनम को भगाकर ले आते है सोनम जहा से आयी थी वहा पर उसकी एक 4 वर्ष की लड़की भी थी, शादी के एक साल तक दोनों खुश थे लेकिन जब सोनम ने एक लड़की को जन्म दिया तब रोहन की भैया की मम्मी को पता नहीं क्या हुआ की वह घर से दूसरे घर जयपुर चली गयी और रोहन भैया भी अब सोनम भाभी को खूब पीता करते थे, वह उस पर सक किया करते थे की उसका अफेयर चल रहा है, रोहन भैया उसको पाइप, सरिया, डंडो से पिता करते थे, एक दिन वह भाभी की जोरदार पिटाई करके चले गए मै तब गांव मै ही पड़ता था फेरबरी का महीना था, तभी हमारी पडोसी राखी भाग कर आती है और कहती है की सोनम ने फ़ासी लगा ली, लगभग सुबह के 4 बजे हुए थे, हमारा घर पुरे गांव मै सबसे बड़ा था और रोहन भैया का घर हमारे पीछे था, तब मै छत पर जाकर उनके घर की और देखता हु तब भाभी की फ़ासी लगी हुई थी, हमारे बाबा साहब भी अब बाड़े से जल्दी आ गए और एक- दो पडोसी भी आये वो सीडियो से छड़के ऊपर जा रहे थे तब वह सभी उसको देखकर निचे भाग आये क्युकी वह बहुत डरावनी लग रही थी आप यह सोच रहे होंगे की मै बार बार भाभी को वह क्यों कह रहा हु उसका जवाब भी आगे दूंगा, तभी सभी आदमी वर्ग योजना बनाते है की ऐसा करो जल्दी से अंतिम संस्कार कर दो क्युकी किसी गांव वाले को पता चल गया तो पुलिस केस हो सकता है, तब रोहन भैया की बाइक पर उसको रखा जाता है, बाइक को चलाने वाले मेरे बाबा साहब थे और बीच मै उसको रखा और पकड़ने वाले विष्णु चाचा थे उसकी टांग सही से बाइक पर आ नहीं रही थी की विष्णु चाचा उसकी टांग को तोड़ देते है और खेत पर ले जाकर आग लगा दी जाती है, सभी गांव वालो को पता भी चल जाता है और पुलिस आती भी तो रोहन भैया की मम्मी और पापा खेत बेचकर पुलिस को घुस खिला दे देते, लगबग 1 महीने बाद की बात है की बारिश पड़ रही थी और विष्णु चाचा की छत से पानी टपक रहा थे, तब वह पानी को रोकने छत पर गए तब... सोनम वही थी और उनको देखकर मुस्कुराने लगी और कहने लगी की तूने ही मेरी टांग तोड़ी थी ना... विष्णु चाचा घबराकार छत से कूद गए, उनकी एक टांग मै फ्रेक्चर आ गया, वो इतना घबरा गए की उनका भुखार 4 दिन तक नहीं उतरा, अब हमारे घर की बात...
हमारे यहाँ पर यानी भरतपुर की ओर हम गवार जिमाते है यानी पशु चराने वाले को एक साथ बुलाकर खाना खिलाते है, तब हम सभी दोस्त मिलकर छुपाम छुपाई खेल रहे थे ओर हमारा घर था भी बड़ा तब मै ओर मेरा दोस्त नितिन हम तीसरे माले पर चले गए ओर वहां....