उसके बाद उसने देखा कि रानी ने एक बर्तन में थोड़ा सा सा आटा और कुछ मिठाई निकल उबली हुई पत्तियों का अर्क मे आटे में गूंथ कर रोटी बेली और उसे आग पर सेंक डाला।
तोता यह देखकर वहां से चुपके से उड़ कर फौरन राजा की बेटी के कमरे में पहुंचा जहां पर दोनों कौओं को भी पाया और अगर राजा की बेटी अब यहां पर रहेगी तो उसे जरूर जहर दे दिया जाएगा।
रानी इस वक्त उसके लिए एक जरह भरी रोटी बना रही है। प्यारी बेटी चलों अब यहां से भाग चलें राजा की बेटी इस बात को सुनते ही बडी दहशत के साथ वहां से उठ कर दरवाज़े कि तरफ दौड़ी पर किवाड़ों मे ताला लगा था।
फिर राजा की बेटी ने खिड़की की तरह देखा तो खिड़की बहुत ऊंची थी कि खिड़की के रास्ते निकल कर बहुत जाना बहुत मुश्किल था।सिवा इसके और खिड़की के पास भी संतरी पहरा दे रहा था। लेकिन जब जब वे सोच विचार कर रहे थे कि क्या किया जाए। तभी दरवाजा खुला खुल गया और रानी रिकाबी में एक उमदा रोटी लिए हुए अंदर आ गई। और कौवे रानी को देखकर खिड़की के रास्ते से बाहर उड़ गए। और रानी राजा की बेटी बड़े प्यार से बोली मेरी अच्छी बेटी देख मैं तेरे लिए अपने हाथों से रोटी बना कर लाई हूं । रोटी उस राजा की बेटी के सामने रखकर खुद बाहर दरवाजे को ताला लगाकर चली गई।
और रानी के चले जाने के बाद तोते ने झट से कौओं को बुलाया और कहा की रोटी दीवार के बाहर झील में फैक दो।
और उन दोनों कौओं ने वैसा ही किया राजा की बेटी उस रोज दिन भर उसी कमरे में बंद रही और
उस रोटी के बाद उस दिन उसके के लिए और कुछ खाना नही आया।
लेकिन कौए उसके लिए कई तरह के फल और बहुत सारे मेवा महल के बागीचे से ले आये और लडकी को और सब चिड़ियों ने मिलकर खूब खाये सुबह होते ही रानी ये देखने के लिए आई की राजा की बेटी मर गई यां नहीं और जब रानी ने उसे जींदा देखा तो बहुत गुस्से में आकर उसके बाल खींच कर उसे और उसे मारने लगी।
और दोनों हाथों से गर्दन दबा कर गला घोंटने का इरादा किया। इस हरकत को देख कर तोते क्या किया की तोता खिड़की के रास्ते से उड़ कर सीधा
उस जगह पहुंचा जहां पर रानी का छोटा बालक पालने में लेटा हुआ था।
और अंगीठी जो वहां जल रही थी उस अंगीठी में से एक जलती हुई लकड़ी लेकर उस कमरे की खिड़की के पर्दे मे आग लगा दी।
और आग आग लगी आग लगी पालने वाले घर में आग लग गई यो पुकारता हुआ राजा की बेटी के कमरे तक जा पहुंचा और पूरे महल में हफडा दफडी मच गई और महल के सब नौकर आग आग चिल्लाने लगे।
यह सब होने में थोड़ी देर लगी कि रानी राजा की बेटी का गला घोंट नही पाई और उसे वही जमीन पर छोड़ अपने बालक को बचाने के लिए दौडी।
राजा की बेटी किसी तरह मुश्किल से जमीन से उठी और तोते ने कहा एक यह सही मौका है यहां पर से भागने के लिए
क्रमशः