kanch ki ankh in Hindi Short Stories by Rupesh Kumar books and stories PDF | कांच की आंख

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कांच की आंख

गांव के किनारे एक टूटा फूटा हवेलीनुमा घर था । लोग कहते थे वहां कोई आत्मा रहती है ।

लेकिन 15 साल का लड़का रमेश , जो हाल ही में  शहर से गांव लौटा था ,वो  इन बातों पर यकीन नहीं करता था ।

एक रात दोस्तों से शर्त लगी --

``अगर तू उस हवेली में एक घंटे बीता ले तो ₹1000 तेरे

रमेश हंसते हुए अंदर गया , मोबिल में टॉर्च जलाकर अंदर घुसा । हर कोने में जले दीवारों पर पुरानी तस्वीरें लगी हुई थी । 

जैसे ही रमेश अंदर घुसा तो अंदर एक झूले पर कला साया देखा । जैसे ही उस ने दुबारा देखा तो वो वहां से  गायब हो गया ।

जब वह हवेली के सबसे बड़े कमरे में गया तो वहां उसे पता लगा कि यह हवेली राजा राजेश सिंह का है । 

राजा राजेश सिंह एक शुरु वीर राजा थे  , वह बड़े दयालु थे । एक बार जब राजा शिकार पर निकले थे तो वहां उन्हें डाकूओ ने बहुत बुरी तरह मर डाला ।

जिसमें उनकी दोनों आंखों को निकाल लिया और चिल , कौवे को खाने को दे दी ।

जैसे ही वह आगे बढ़ा तो खिड़कियां अपने आप खुलने और बंद होने लग गई थी ।

अंदर एक पुरानी संदुख में एक डीबा था । जिस के ऊपर  लिख था ।। इसको वही खोले गा जिसको अपनी जान की परवाह नहीं होगी ।। 

इस बात ने रमेश ओर उकसा दिया कि इस में ऐसा क्या है जो इतना छुपा कर रखा है ।

"वह उस डिब्बे की चाबी खोजने लग गया था" ।

"बहुत खोजने के बाद उसे उस डिब्बे की चाबी मिल जाती है। तभी एक आवाज आती है । इस डीबे को मत खोलना" ।

"पर रमेश ने उसकी चाबी लगाई और तला खोल दिया उसमें से राजा की दोनों आंखें निकली" ।

"रमेश ने जैसे ही कांच की आंखें हाथ में उठाई तो उसके हाथ में कांच लग गया और  उसके हाथ में से  खून बहने लगा "।

"तभी पीछे से दरवाज़ा खट ---- खट की आवाज आई रमेश का दिल  जोर जोर से धड़कने लगा  गया" ।

"तभी एक फुसफुसा ने की आवाज आई "

"मेरी  आंख वापिस करो "  

"उसने मूड कर देखा तो एक लंबा सा साया बिना आंख वाला जो अपनी आंख मांग रहा था " 

"रमेश उसे देखकर वहां से भाग गया पर उस लंबे साए ने उसका पीछा किया "  

"रमेश बोला कि तुम मुझे अच्छी तरह से दिखाई क्यों नहीं दे रहे हो "

"साया चीखकर बोला क्या तुम मुझे देखना चाहते हो "

" साए ने अपना असली रूप दिखा दिया "

" साया रमेश की तरफ बढ़ने लगा । साए ने रमेश की आंख में कांच की आंख दल दी " ।

"रमेश दर्द से चिल्लाता रहा पर उसको बचने के लिए कोई  नहीं   आया "।  

"अगले दिन रमेश बेसुध हवेली के बाहर मिला " ।

"रमेश की जान तो बच गई पर उसकी वजह से सारा गांव तबाह हो गया "

"क्योंकि जो व्यक्ति रमेश की आंखों में देखता तो वो मर जाता "। 

" रमेश तो मूर्ख था कि उस हवेली में गया  क्या आप ऐसी हवेली में जाना चाहोगे " । 

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