Paththardil Pyaar - 2 in Hindi Love Stories by Sri books and stories PDF | पत्थरदिल प्यार - 2

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पत्थरदिल प्यार - 2

    यू  यॉर्क की चमकती गलियों में, दिया अरोड़ा का मासूम दिल एक बार फिर उस पत्थरदिल इंसान, ईशान मल्होत्रा, के पीछे भाग रहा था। हर कदम पर वो अपने प्यार को साबित करने की कोशिश में थी, पर हर बार उसे सिर्फ़ दर्द और हंसी का सामना करना पड़ता था 😢।

लेकिन आज, क्लासरूम में, कहानी में हंसी, तनाव, और भावनाओं का तूफान आने वाला था।


क्लासरूम का नया ड्रामा

दिया ने क्लासरूम में कदम रखा, और उसकी नज़रें तुरंत सामने की सीट पर बैठे ईशान मल्होत्रा पर टिक गईं। अरे, ईशान सामने बैठा है? उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा 💓।

उसे सामने की सीट पसंद नहीं थी, पर आज उसके पैर जैसे जड़ हो गए। ईशान की मौजूदगी ने उसे बांध लिया था। उसने हिम्मत जुटाई और उसकी सीट के ठीक पीछे जा बैठी, दोनों हाथ गालों पर टिकाए, उसकी पीठ को निहारते हुए। उसके परफ्यूम की खुशबू... वाह, कितनी शानदार है! उसने मन ही मन सोचा, उसकी आँखें सपनों में खो गईं।


तभी पीछे से आर्यन बोस, उसका इकलौता दोस्त, ने पुकारा, “अरे, बेबी, इधर आ! फिर से अपनी नाक मत तोड़ ले!” उसकी आवाज़ में मज़ाक था। दिया ने उसकी बात अनसुनी कर दी और ईशान के पीछे ही बैठ गई।


ईशान का दोस्त, जो पास में बैठा था, ने तंज कसा, “देख, तेरी चिपकू छिपकली फिर से चिपक गई!” उसकी हंसी में क्रूरता थी। ईशान ने पलटकर दिया को एक ठंडी, तीखी नज़र से देखा। दिया का दिल डूब गया 😞, पर वो चुप रही, उसकी उंगलियाँ पेन से खेलने लगीं।


तभी क्लासरूम में रिया मेहता ने एंट्री मारी। रिया—कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की, जिसके आने से सारा माहौल बदल गया। ईशान की नज़रें उस पर टिक गईं, और रिया ने भी हल्के से उसकी तरफ देखा।

दिया ने ये सब देखा, और उसका दिल थोड़ा और टूट गया 💔। रिया ने पास की खाली सीट की तरफ इशारा किया, “क्या मैं यहाँ बैठ सकती हूँ?


”दिया ने जल्दी से सिर हिलाया, “हाँ, ज़रूर!” उसने मुस्कुराकर कहा, “हाय, मैं दिया अरोड़ा, क्लास डी से।”रिया ने जवाब दिया, “मैं रिया... क्लास ए से।


”दिया की आँखें चमक उठीं। “क्लास ए? वो तो टॉप रैंक स्टूडेंट्स की क्लास है! तुम लोग तो कमाल हो!”रिया ने हल्के से हँसकर कहा, “अरे, ऐसा कुछ नहीं। हम सब वही सब्जेक्ट्स पढ़ते हैं।”दिया ने मासूमियत से कहा, “हाँ, पर मैं चाहे जितना पढ़ लूँ, दो पैराग्राफ से ज़्यादा याद नहीं रख पाती।


”तभी ईशान का दोस्त ज़ोर से हँस पड़ा। “सुना? दो पैराग्राफ से ज़्यादा याद नहीं रख सकती! मैं तो समझा था बस दिखने में लंगड़ी है, पर दिमाग भी बेकार है!” उसकी हंसी क्लास में गूंज गई। रिया ने ये सुना। दिया ने भी। उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया 😣, पर वो चुप रही।


हंसी और आँसुओं का मेल

दिया ने हल्के से बड़बड़ाया, “हम्म... मैं क्या करूँ? मेरा दिमाग तो ऐसा ही बना है।” उसकी आवाज़ में मायूसी थी, पर उसने इसे हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा।


रिया ने हल्का सा हँस दिया। “मैं उस तरह से नहीं हँस रही,” उसने सफाई दी। “मैं इसलिए हँसी क्योंकि तूने इतने मज़ेदार तरीके से अपनी बात कही। उसने तुझ पर तंज कसा, और तू गुस्सा होने की बजाय इसे मज़ाक में ले रही है। तू बहुत कूल है, दिया।


”दिया ने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, मेरा दोस्त आर्यन भी यही कहता है।” तभी उसे रिया की हंसी पर ध्यान गया। ईशान ने पलटकर रिया की तरफ देखा। रिया हड़बड़ा गई, उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसने नज़रें झुका लीं। ईशान की नज़रें एक पल के लिए दिया पर भी पड़ीं, और वो फिर सीधा हो गया।


दिया का दिल उछल पड़ा। उसने मुझे देखा! उसने मुझे देखा! उसने मन ही मन चिल्लाया, उसकी आँखें खुशी से चमक रही थीं।


क्लास चल रही थी, पर दिया का सारा ध्यान ईशान पर था। वो उसकी नोट्स लेने की स्टाइल देख रही थी। तो इस तरह नोट्स लेते हैं? उसने सोचा। उसकी लिखावट भी कितनी सुंदर है! उधर, रिया भी चुपके-चुपके ईशान को देख रही थी, उसका चेहरा शर्म से लाल था, और उसका दिल धड़क रहा था।

ईशान को रिया की नज़रों का अहसास था, और उसके चेहरे पर एक हल्की सी स्माइर्क तैर गई।


शर्मिंदगी का धमाका

तभी, अचानक, दिया का फोन ज़ोर-ज़ोर से बज उठा। उसका रिंगटोन पूरे क्लासरूम में गूंज गया। सारे स्टूडेंट्स ने पलटकर उसे देखा। ईशान ने हल्के से उसकी तरफ देखा, और रिया ने भी। दिया का चेहरा शर्मिंदगी से लाल हो गया 😖।

लेक्चरर ने गुस्से में चिल्लाया, “बाहर जाओ!”

दिया ने हड़बड़ाते हुए कहा, “स...सॉरी, सॉरी मैम!

”लेक्चरर ने और ज़ोर से चिल्लाया, “मैंने कहा, बाहर!


”दिया ने अपना बैग उठाया और आँखें नीची किए क्लास से भाग निकली। बाहर कोरिडोर में, वो एक कोने में खड़ी होकर टिश्यू से अपनी आँखें पोंछने लगी 😢। “फिर से मेरे सपनों के राजकुमार के सामने मुझे डाँट पड़ी।

मैंने ऐसा क्या गलत किया कि मुझे बार-बार ऐसी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है? क्या मैं एक बार भी उसके सामने कूल नहीं बन सकती?” उसकी आवाज़ में दर्द और निराशा थी।


तभी आर्यन वहाँ पहुँचा। “यही तो मैं कह रहा था, फिर से अपनी नाक मत तोड़ ले!” उसने मजाक में कहा।दिया ने गुस्से से चिल्लाया, “चुप कर, आर्यन!”आर्यन ने मन ही मन सोचा, ये कभी नहीं सुनेगी।