🩸 असली Chapter 1: “प्रशांत की मुस्कान”
📍स्थान: कोटा, राजस्थान
कोटा — जहाँ लाखों बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बनने आते हैं। लेकिन कोई नहीं जानता, एक ऐसा लड़का भी यहां है, जो किसी किताब में नहीं… बस लोगों की चीखों में ज़िंदा रहेगा।
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🧍🏻♂️ नाम: प्रशांत
वह शहर में नया है। एक कोचिंग संस्थान के पास कमरा लिया है। कहता है, पढ़ने आया है — NEET की तैयारी के लिए।
PG में रहता है — दिन में पढ़ता है, रात में किताबों में घुसा रहता है। PG के बाकी लड़के कहते हैं:
> “भाई सीधा-सादा है। बस थोड़ा कम बोलता है।”
उसे मुस्कुराने की आदत है। हर वक़्त। चाहे कोई मर रहा हो… या डर रहा हो।
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📖 दिन – पढ़ाई
दोपहर को लाइब्रेरी जाता है। वहाँ अक्सर एक लड़की बैठती है — नैना अग्रवाल।
वो उसकी हँसी को देखता है… रेखाएँ याद करता है… उसकी पेंसिल की धारियाँ गिनता है।
> "उसके पन्नों में जो स्याही है न… मैं उसमें खून मिलाना चाहता हूँ।"
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🌙 रात – उसकी दुनिया
रात 2 बजे…
प्रशांत अपने कमरे में बैठा है। दीवार पर नैना की तस्वीरें चिपकी हैं।
उसने एक नक्शा बनाया है —
नैना कहाँ जाती है,
किस रास्ते आती है,
किस ATM से पैसे निकालती है,
कहाँ मोबाइल में ज्यादा खोई रहती है।
> “जब कोई अपनी दुनिया में खो जाता है न… मैं वहीं घुसता हूँ।”
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🕯 मर्डर नॉर्मल नहीं है
एक दिन… नैना गायब हो जाती है।
तीन दिन बाद… उसकी लाश मिलती है कोटा बैराज के पास।
गर्दन नहीं है।
चेहरे पर मुस्कान खींची गई है — blade से।
उसके पास एक नोट:
> “तुम्हारी हँसी अब मेरी है।”
— P
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🚓 पुलिस
SI अनवर खान केस लेते हैं — कोचिंग का लड़का गायब, फिर लाश…
पूरा शहर दहल गया।
Forensics रिपोर्ट:
No semen. No resistance. Clean cut.
गर्दन surgical precision से कटी।
मुस्कान ब्लेड से बनाई गई — post mortem।
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📺 मीडिया
“कोटा के कोचिंग हब में सीरियल किलर?”
“NEET स्टूडेंट की रहस्यमयी हत्या — शरीर मिला, गर्दन नहीं”
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👤 प्रशांत
रात को अकेले बैठा है। टेबल पर नैना की डायरी और कटे हुए बाल रखे हैं।
वो मुस्कुरा रहा है…
> "मैं बस हँसी चाहता था… अब उसकी हँसी मेरी है। अब अगली बारी उस लड़के की है… जो नैना को देखता था।"
🩸 Chapter 2: “दूसरा चेहरा”
📍स्थान: कोटा, राजस्थान
तारीख: 18 जुलाई 2025
समय: रात 2:12 AM
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प्रशांत अब भी जाग रहा है। नैना की डायरी अब उसकी नहीं रही — उसकी ट्रॉफी बन चुकी है।
वो पेंसिल से एक नाम गोल-गोल घुमा रहा है —
“अविनाश वर्मा” — नैना के बैच का लड़का।
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🔍 अविनाश
पढ़ाई में होशियार।
नैना का ex-crush।
अब तक दो बार पुलिस पूछताछ कर चुकी है — लेकिन कुछ मिला नहीं।
उसे डर लगने लगा है। अपने दोस्तों से कहता है:
> "भाई लगता है कोई मुझे फॉलो कर रहा है… पर दिखता नहीं।"
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👣 Meanwhile: पुलिस की टीम
SI अनवर खान अब क्राइम ब्रांच से मदद ले रहे हैं।
Forensics Officer: Dr. Yamini Jha — तेज़ और बेबाक।
वो कहती है:
> "Kill neat hai. Surgical. Killer medical background ka ho sakta hai."
"Aur usne victim ko paint kiya hai — using blood. Yeh art bhi hai, obsession bhi."
अब शक किसी मेडिकल स्टूडेंट पर है।
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🔦 Journalist angle
Ritu Mishra, एक investigative journalist, न्यूज़ चैनल "राज्य लाइव" से जुड़ी है।
उसे शक है कि यह एक सीरियल किलर का मामला है।
वो secretly पुलिस से पहले पूछताछ वालों की लिस्ट चुरा लेती है।
लिस्ट में एक नाम है जो उसे अजीब लगता है:
प्रशांत कुमार (Bihar, Age 23)
कोई mobile या social media presence नहीं।
PG में अकेले रहता है।
> "ये लड़का बहुत ही साफ है… शायद ज़्यादा ही साफ।"
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🧠 प्रशांत की मानसिकता
रात के 3 बजे…
वो अपने कमरे में कैमरा ऑन करता है।
बैठता है, मुस्कराता है और बोलता है:
> "आज मैं तुम्हें बताऊंगा 'चेहरे की anatomy'... लेकिन real पर।"
टेबल पर एक नकली पुतला है।
वो ब्लेड उठाता है…
> "सबसे पहले, मुस्कुराहट कहाँ से शुरू होती है…"
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📅 अगले दिन — 20 जुलाई
अविनाश लापता है।
6 घंटे बाद, शहर के एक पुराने हॉस्टल के बाथरूम में एक चेहरा टँगा मिलता है — दीवार पर।
बाकी शरीर नहीं।
चेहरे के पीछे लिखा है:
> “अब चेहरों की किताब मैं लिख रहा हूँ।”
— P
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😱 शहर में दहशत
कोटा के सारे हॉस्टल बंद।
पुलिस पर political pressure: “Kill the news.”
Parents बच्चे वापस बुलाने लगे।
लेकिन पुलिस confused है —
कोई CCTV, कोई fingerprint, कोई गवाह नहीं।
Dr. Yamini:
> "यह आदमी सिर्फ हत्या नहीं करता — यह खेल खेलता है।"
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🎯 अंत सीन
प्रशांत अब नए किरदार पर नज़र रख रहा है —
Journalist Ritu Mishra।
उसकी curiosity अब उसकी तरफ़ खींच रही है।
वो अपने कमरे में बैठा बोलता है:
> “अब मैं तुम्हें देख रहा हूँ, रितु… तुम्हारी headlines नहीं, तुम्हारी आँखें मुझे चाहिए।”
🩸 Chapter 3: “Khoon ki Goonj”
(स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
> Ritu Mishra की रिपोर्ट ने शहर को हिला दिया है. "मासूम चेहरों के पीछे छुपा है एक दरिंदा." अखबार के पहले पन्ने पर यही छपा है.
पुलिस की नींद उड़ गई है. जनता गुस्से में है. और प्रशांत...?
वो अभी भी अपने कमरे में बैठा — एक नए चेहरे की तस्वीर बना रहा है…
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🚔 लखनऊ पुलिस मुख्यालय
SI अनवर खान — 12 साल का अनुभवी पुलिस अफसर, थानेदार नहीं, लेकिन दिल से इमानदार।
वो अपने मेज़ पर बैठा है, सामने forensic report खुली है।
> 🧬 "Victim के नाखूनों में skin fragments मिले हैं... पर DNA match नहीं कर पा रहे..." – Dr. Yamini, forensic head.
"तुम चाहो तो FIR में 'सीरियल किलर' लिख सकते हो,"
एक कांस्टेबल बोलता है — डरते हुए।
SP ने साफ़ कहा है:
> "अगर 7 दिन में कातिल नहीं पकड़ा गया, तो media और politics दोनों पुलिस को चबा डालेंगे।"
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🧠 अब तफ्तीश की Strategy
SI अनवर decide करता है:
> "इस बार न CCTV देखेंगे, न mobile tracking. Killer smart है. हमें differently सोचना होगा."
Yamini forensic से killer की mental profile बनाना शुरू करती है:
> “यही आदमी है जो दोहरे जीवन में जी रहा है. एक आम सा लड़का — और दूसरा राक्षस."
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🕵️♀️ Media का Pressure
Ritu Mishra को अब threats मिल रहे हैं।
वो police को exclusive info देना चाहती है, लेकिन एक शर्त पर:
> "आप मेरा नाम छिपा कर रखना. मुझे भी डर लग रहा है अब."
Ritu बताती है कि उसे भी कोई follow कर रहा है।
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🧟♂️ Meanwhile… Prashant
वो अभी तक किसी को suspect नहीं लग रहा।
वो रोज़ tempo लेकर शहर घूमता है, लोगों से मिलता है, चाय पीता है।
पर रात में...?
> उसने एक journalist का नाम अपने diary में circle कर रखा है — "राहुल पांडेय (local TV anchor)"
अगला कौन है, वो तय कर चुका है।
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❗ Ending of Chapter 3
Dr. Yamini forensic report लेकर SI अनवर के पास आती है:
> “Sir… हमें एक lead मिली है. एक hostel का visitor register… उस रात एक नाम दर्ज है — ‘P. Kumar’.”
अनवर चौक जाता है — "Kaun hai ye Prashant Kumar?"
🩸 Chapter 4: "Saaya Police Ke Saamne"
(स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश – थाना गोमती नगर)
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🚔 पुलिस स्टेशन — सुबह 10:45 AM
SI अनवर, forensic officer Yamini और एक junior constable “P. Kumar” नाम पर चर्चा कर रहे हैं।
Yamini:
> "ये नाम झूठा हो सकता है... लेकिन handwriting expert कह रहा है कि जिसने लिखा है, वो confident था..."
अनवर:
> "मतलब वो इंसान डरता नहीं है…"
**"Aisa banda ya to pagal hai... ya kuch aur!"_
तभी — बाहर एक आवाज़ आती है...
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☕ बाहर का सीन – चाय की दुकान
Prashant, वही — सादा सा दिखने वाला लड़का, नीली शर्ट, पतली मूंछें, हाथ में पानी की बोतल...
वो थाने के सामने वाली चाय की दुकान पर खड़ा है, मोबाइल में कुछ देख रहा है।
वो SI अनवर को पहचानता है।
वो Yamini को भी पहचानता है।
पर... उन्हें नहीं पता, ये ही है उनका शिकार।
वो चाय वाले से कहता है —
> "Sir logon ke लिए दो चाय देना, मीठी ज़रा कम।"
फिर दो चाय लेकर खुद थाने में चला जाता है।
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👮♂️ थाने के अंदर – Encounter
Prashant (मुस्कुराते हुए):
> "Sir... मैं बस visitor register में साइन करने आया था।
यादगार बना है यहां आना."
(वो आंख मारता है)
SI अनवर उसे सामान्य समझता है।
बस एक मामूली आदमी… थोड़ा अजीब-सा बोलने वाला।
Prashant हँसते हुए कहता है:
> "वैसे... आप लोग किसी का पीछा कर रहे हो? जो भी है... काफ़ी शातिर लगता है।
कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे वो यहीं कहीं है..."
Anwar मुस्कुरा देता है:
> "अगर सामने आ गया तो पहचान लेंगे हम।"
Prashant:
> "शायद... या शायद नहीं..."
वो अपना पानी उठाता है… और थाने से बाहर निकल जाता है।
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🧠 Yamini (बाद में, अकेले)
वो CCTV फुटेज देखने बैठती है… तभी उसे चाय लेकर आने वाला लड़का दिखता है।
वो pause करती है।
Zoom करती है — चेहरा साफ़ नहीं है, लेकिन कुछ familiar लगता है।
> "ये… ये तो वही लड़का है, जो हर crime scene के आसपास दिखा है…"
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Chapter End Line:
> "Kya Prashant ne police ke saamne apna चेहरा दिखा दिया है?
Ya police ab bhi andhere में है?
Aur... अगला target कौन है?"
🔪 Chapter 5 – "LIVE QATL"
स्थान: दिल्ली
टाइम: रात 9:00 बजे का प्राइम टाइम
Breaking News Channel: IN24 Live
Target: वरिष्ठ पत्रकार Rahul Pandey
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📡 Studio के अंदर...
Rahul Pandey अपने शो “Face the Killer” के लाइव एपिसोड की तैयारी कर रहा है।
> "ये P.Kumar नाम का साइको सिर्फ़ मासूमों को मार सकता है।
सामने क्यों नहीं आता? ये एक कायर है — coward!"
टेक्नीशियन गिनती शुरू करता है—
“3… 2… 1… LIVE!”
Rahul शुरू करता है:
> “देश का सबसे बड़ा सवाल – ये साइको कौन है?
क्या पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम हो गई?
या सरकार उसे बचा रही है?”
इतने में पीछे दरवाज़ा खुलता है।
एक लंबा, शांत लड़का भीतर आता है — एक चाय वाले का भेस पहने।
Security कुछ कहने ही वाली थी, मगर उसने देखा – visitor pass लटका है।
कभी किसी ने गौर ही नहीं किया कि इस pass पर लिखा है – "Visitor: P. Kumar"
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🎭 Camera के पीछे से...
Prashant चुपचाप studio के अंदर पहुंच चुका था।
उसे मालूम है – आज Rahul अकेले लाइव होगा, बिना किसी गेस्ट के।
वो सीधे control room की लाइट काट देता है।
Screen flicker करने लगती है।
Studio के अंदर लाइट्स बंद। Backup emergency light जलती है — लाल।
Rahul चौकता है – "क्या हो रहा है?"
तभी...
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🔪 CUT TO: Live TV Screen
TV पर अब एक distorted आवाज़ आती है –
> “Coward कौन है… ये तुमसे बेहतर कौन जानेगा, Rahul Pandey…”
TV स्क्रीन ब्लैक हो जाती है।
Rahul चीखता है – "Security!!"
लेकिन कोई जवाब नहीं।
Prashant उसके सामने आता है, मुँह पर surgical mask, हाथ में surgical gloves...
और… कैमरे की लाइट फिर से जलती है।
अब पूरा देश देख रहा है —
LIVE MURDER!
Rahul का मुँह दबा दिया गया है…
एक धारदार surgical knife उसकी गर्दन के पास…
> “Tumne mujhe ‘coward’ कहा था…
ab main tumhe ‘example’ banaunga…”
एक सेकंड में – खून का फव्वारा उछलता है।
TV स्क्रीन फिर ब्लैक।
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📢 देशभर में हड़कंप!
Breaking: “Anchor Rahul Pandey MURDERED Live on National TV!”
Net Ban in Delhi NCR
CM Statement: “Yeh sirf ek psycho nahi, yeh rashtriya crisis hai!”
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🧠 दूसरी ओर – Police HQ
SI अनवर कुर्सी से उछल पड़ता है:
> “ये कैसे possible है? CCTV बंद! Masked killer! No prints!”
Dr. Yamini forensic lab से चीखती है:
> “उसने फिर surgical gloves पहने थे...
कोई DNA, कोई hair trace नहीं!”
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📚 Media Channels, Newspapers:
“Serial Killer का तीसरा वार – LIVE KILLER RETURNS!”
“Is India Safe?”
“P.Kumar – नाम का आतंक”
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📌 अंत में…
Camera धीरे-धीरे एक पुराने building की छत की ओर zoom करता है।
Prashant अकेला खड़ा है।
आसमान में चाँद है।
वो अपनी डायरी खोलता है, Rahul की फोटो के नीचे एक लाइन लिखता है:
> "Chapter Closed: Rahul Pandey
‘Coward’ – कट गया।"