BOUND BY SECRET - 1 in Hindi Thriller by Arkan books and stories PDF | BOUND BY SECRET - 1

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BOUND BY SECRET - 1

Delhi की ठंडी शाम…


Connaught Place (CP) की गोल-गोल सड़कों पर रोशनी जगमगा रही थी। दुकानों के बाहर लगी fairy lights, गाड़ियों का लगातार चलता शोर, भीड़ की आवाज़ें और बीच-बीच में ठेलेवालों की पुकार—सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना रहे थे जिसे सिर्फ दिल्ली वाला ही पहचान सकता था।

Anaya ने अपनी शॉल कसकर ओढ़ी। दिसंबर का महीना था, और हल्की ठंडी हवा उसके चेहरे पर लग रही थी। वो एक bookshop से बाहर निकल रही थी, हाथ में दो मोटी किताबें। उसे किताबों से हमेशा एक अजीब सा comfort मिलता था, जैसे हर कहानी में वो खुद को ढूँढ लेती हो।

लेकिन आज कुछ अलग था।
वो महसूस कर रही थी कि कोई उसे लगातार देख रहा है।

भीड़ बहुत थी—लोग हँसते, बातें करते, किसी को जल्दी थी, किसी को शॉपिंग का नशा। फिर भी Anaya को लग रहा था जैसे किसी की नज़र उसके पीछे चिपकी हुई है। उसने हल्के से पलटकर देखा—भीड़ में कई चेहरे थे, लेकिन कोई एक चेहरा साफ़ नहीं दिखा।

उसने खुद को समझाया: “तुम बेवकूफ़ी कर रही हो, Anaya… इतनी भीड़ में कौन तुम्हें follow करेगा?”

लेकिन फिर भी, उसके कदम थोड़े तेज़ हो गए।

CP के inner circle में चलते-चलते Anaya अचानक ठिठक गई। उसके आगे सड़क पर अचानक कुछ लड़के खड़े हो गए थे—4–5 college वाले, हँसते हुए, लेकिन उनकी आँखों में अजीब सा शरारतीपन। उनमें से एक बोला:
“Arrey madam, इतनी रात को अकेले? हम छोड़ देते हैं घर तक…”

Anaya ने उनकी तरफ़ देखा, आँखों में गुस्सा और डर दोनों। उसने सीधा जवाब दिया:
“Excuse me, हटिए रास्ते से।”

लड़के और करीब आने लगे। तभी भीड़ में से कोई आगे आया—काले leather jacket में, लंबा, confident चाल वाला। उसके चेहरे पर हल्की दाढ़ी और आँखों में अजीब सी चमक थी।

वो सीधा उन लड़कों के सामने आकर खड़ा हो गया।
“रास्ता खाली करो,” उसकी आवाज़ calm थी, लेकिन उसमें एक अजीब authority थी।

लड़के थोड़ी देर हँसे, फिर बोले:
“और तू कौन है? उसका bodyguard?”

वो आदमी हल्की सी मुस्कान के साथ बोला:
“Bodyguard नहीं… लेकिन अगर तुम लोग हटे नहीं, तो तुम्हें समझ आ जाएगा मैं कौन हूँ।”

उसकी आवाज़ में ऐसा confidence था कि लड़के पल भर को सहम गए। फिर उनमें से एक बोला:
“चल छोड़ यार, police आ जाएगी।”
और सब हँसते हुए चले गए।

Anaya ने राहत की साँस ली। उसकी नज़र पहली बार उस आदमी पर ठहरी—Vivaan।

“Thanks…” Anaya ने धीमी आवाज़ में कहा।
Vivaan ने बस हल्की मुस्कान दी, उसकी आँखें सीधे Anaya की आँखों से मिलीं।
“तुम्हें डरना नहीं चाहिए था। दिल्ली dangerous है, लेकिन अगर तुम खुद को strong दिखाओ तो कोई छेड़ने की हिम्मत नहीं करता।”

Anaya ने भौंहें चढ़ाईं।
“और तुम मुझे lecture देने कौन होते हो? मैं handle कर सकती थी।”

Vivaan फिर से मुस्कुराया।
“ठीक है, handle कर लेती… लेकिन फिर भी तुम्हें मेरी ज़रूरत पड़ी।”

Anaya थोड़ा irritated हुई, लेकिन उसके दिल के किसी कोने में curiosity भी जाग गई।
उसने जल्दी से कहा:
“Anyway, मुझे देर हो रही है। Thanks for… saving me.”

वो मुड़ी और तेज़ कदमों से आगे बढ़ गई।

लेकिन जाते-जाते उसने महसूस किया कि Vivaan की नज़रें अब भी उस पर टिकी हुई थीं।



Anaya भीड़ में खो गई, लेकिन Vivaan वहीं खड़ा रहा। उसने अपनी jacket की inner pocket से एक छोटा सा पुराना फोटो निकाला।
उस फोटो में Anaya थी—बचपन की Anaya, करीब 8 साल की उम्र में, अपने parents के साथ।

Vivaan ने फोटो को देखा और धीमे से बुदबुदाया:
“इतने सालों बाद… आखिरकार तुमसे मुलाक़ात हो गई, Anaya।”

Anaya auto लेकर अपने घर पहुँची—Delhi University के पास एक पुराना लेकिन cozy flat।
उसने दरवाज़ा खोला, किताबें table पर रखीं और खुद को mirror में देखा।
आज का दिन अलग था—उस अजनबी की आँखें, उसका confident अंदाज़, उसकी बातों का असर… वो सब दिमाग से निकल ही नहीं रहा था।

उसने खुद से कहा:
“Forget it, Anaya… वो बस एक अजनबी था।”

लेकिन दिल कह रहा था:
“वो अजनबी इतना भी अजनबी नहीं था…”

उसी रात, Vivaan किसी से phone पर बात कर रहा था—
“हाँ… मैंने उसे देख लिया है।
वो बिलकुल वैसी ही है जैसी मैंने सोचा था।
लेकिन उसे अभी कुछ पता नहीं है।
अभी सही वक्त नहीं आया है।”

फोन कट गया।
Vivaan balcony से Delhi की रात की रोशनी देख रहा था।
उसकी आँखों में हल्की मुस्कान और गहरी रहस्य की परछाईं थी।

"क्या Anaya और Vivaan की ये पहली मुलाक़ात सचमुच एक इत्तेफ़ाक़ थी… या फिर एक पहले से बुनी हुई साज़िश का हिस्सा?
Vivaan के पास Anaya की बचपन की तस्वीर क्यों है, और किस रहस्य को वो अभी छुपा रहा है?

जानने के लिए पढ़ते रहिए Bound by Secrets