Meeting the Genie in Hindi Mythological Stories by Rakesh books and stories PDF | जिन्न से मुलाकात

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जिन्न से मुलाकात

गर्मियों की एक खूबसूरत रात थी। चाँदनी की हल्की रौशनी आसमान में चमक रही थी और गांव के बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर कहानियां सुन रहे थे। उन्हीं बच्चों में एक मासूम और जिज्ञासु लड़का था, जिसका नाम आरव था। आरव अपनी दादी की कहानियों का सबसे बड़ा दीवाना था। उस रात दादी ने उसे जिन्न के बारे में एक किस्सा सुनाया।

दादी बोलीं, “जिन्न बहुत ताकतवर होते हैं, वे जो चाहो कर सकते हैं, लेकिन उनकी ताकत का इस्तेमाल हमेशा सही कामों के लिए करना चाहिए, वरना बुरा भी हो सकता है।” दादी की यह बात सुनकर आरव की आंखों में जिज्ञासा और रोमांच और भी बढ़ गया।

अगले दिन आरव जंगल की ओर निकल पड़ा। उसे हमेशा नई चीजें खोजने का शौक था। पेड़ों के बीच उसे एक अजीब-सी चमकती हुई लालटेन दिखाई दी। उसने लालटेन उठाई और जैसे ही उसकी धूल साफ करने के लिए उसे रगड़ा, अचानक तेज रोशनी फैली और एक विशाल जिन्न उसके सामने प्रकट हो गया।

जिन्न ने गहरी आवाज में कहा, “तुमने मुझे आज़ाद किया है छोटे बच्चे। मैं तुम्हें तीन इच्छाओं का वरदान देता हूं।” आरव पहले तो डर गया, लेकिन फिर साहस जुटाकर बोला, “क्या तुम सचमुच मेरी तीन इच्छाएं पूरी कर सकते हो?” जिन्न मुस्कुराया और बोला, “बिल्कुल! लेकिन ध्यान रखना, तुम्हारी इच्छाओं का असर सिर्फ तुम्हारे नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन पर भी पड़ेगा।”

आरव ने पहली इच्छा करते हुए कहा, “मैं चाहता हूं कि हमारे गांव में हर किसी के पास भरपूर खाना हो, ताकि कोई भूखा न सोए।” जिन्न ने अपनी ऊंगली घुमाई और देखते ही देखते पूरे गांव में खाने की भरमार हो गई। लोग खुश थे और उनकी मुस्कान देखकर आरव का दिल भी खिल उठा।

कुछ दिन बाद आरव को जिन्न याद आया और उसने फिर लालटेन रगड़ी। जिन्न सामने आकर बोला, “अब तुम्हारी दूसरी इच्छा क्या है?” आरव ने कहा, “मैं चाहता हूं कि हमारे गांव में कोई बीमार न रहे और सब लोग स्वस्थ और तंदुरुस्त रहें।” जिन्न ने फिर से अपनी ऊंगली घुमाई और गांव के सभी लोग स्वस्थ हो गए। कमजोर लोग अब मजबूत दिख रहे थे और हर किसी के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।

अब आखिरी इच्छा का समय आया। जिन्न ने कहा, “यह तुम्हारी आखिरी इच्छा है, इसे सोच-समझकर मांगना क्योंकि इसके बाद मैं हमेशा के लिए चला जाऊंगा।” आरव ने थोड़ी देर सोचा और बोला, “मैं चाहता हूं कि मेरे गांव के लोग खुद मेहनत करें और अपनी जिंदगी बेहतर बनाएं। किसी पर निर्भर न रहें, यहां तक कि मुझ पर भी नहीं।”

जिन्न उसकी बात सुनकर हैरान रह गया। उसने लालटेन वापस आरव के हाथ में दी और कहा, “तुमने साबित कर दिया कि सच्चा नायक वही है जो दूसरों को खुद मजबूत बनाना चाहता है। अब मैं विदा लेता हूं।” यह कहकर जिन्न धीरे-धीरे हवा में गायब हो गया।

उसके बाद गांव में बड़ा बदलाव आया। लोग मेहनत करने लगे, खेतों में फसलें लहलहाने लगीं, बच्चे खुशी से खेलते और बुजुर्ग सुकून से जीने लगे। आरव ने समझ लिया था कि असली ताकत जिन्न की शक्तियों में नहीं, बल्कि अपने साहस और मेहनत में होती है।