एक लड़की पूरी तरह नशे में थी और उसकी सहेली उसे रोक रही थी।
तारा: "अद्वी रुक, तू पहले से ही बहुत पी चुकी है।"
आद्विया: "ताराआआ… मुझे मत रोक, ये ड्रिंक कितनी टेस्टी है यार।"
तारा: "अद्वी रुक वरना मैं ये बोतल फोड़ दूँगी।"
आद्विया: "मुझे न… मिस्टर हैंडसम सीनियर से कुछ कहना है।"
तारा: "ऐसे? नशे में?"
आद्विया ने उसे नज़रअंदाज़ किया और पीछे एक शख्स की ओर बढ़ गई।
आद्विया: "आदि… तुम्हें पता है मुझे तुमसे कुछ कहना है… कि… मैं…"
अचानक उसके कानों में तेज़ आवाज़ गूँजी।
वह चौंककर उठ बैठी।
आद्विया: "क्या ये सपना था? फिर वही सपना…"
उसने घड़ी देखी।
आद्विया: "ओह नो, ये 8:30 बज गए! हे भगवान, अब क्या होगा मेरा? चलो अद्विका!"
वह जल्दी से तैयार हुई, काले रंग की ड्रेस पहनी और नीचे आ गई।
माँ: "अद्वी बेटा, आज खाना खा ले।"
आद्विया: "नहीं माँ, पहले ही बहुत लेट हो चुकी हूँ।"
माँ: "पर बेटा—"
आद्विया: "माँ, आप मेरा लंच पैक कर दो, मैं ऑफिस में खा लूँगी।"
माँ: "ठीक है बेटा।"
आद्विया: "और हाँ माँ, अद्वैत से बोलना ऑफिस जल्दी पहुँचे।"
पापा: "बेटा, वो तो सुबह 6:30 बजे ही ऑफिस निकल गया।"
आद्विया (हैरानी से): "6:30?!"
पापा: "अब सीईओ साहिबा सोती रहेंगी तो किसी को तो ऑफिस जल्दी जाना होगा।"
आद्विका ने जल्दी से निकलते हुए ड्राइवर से कहा कार चलाने को।
रेड लाइट पर गाड़ी रुकी।
सड़क किनारे एक लड़का लड़की को प्रपोज़ कर रहा था।
लड़का: "Will you marry me?"
लड़की: "Yes!"
आद्विया ने उन्हें देखा और बोली –
आद्विया: "इडियट्स! पागल लोग, सड़कों को कपल प्लेस समझ रखा है।"
आद्विया: "अजय भइया, आप स्पीड बढ़ाइए।"
अजय (ड्राइवर): "जी मैडम।"
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वी.के. ग्रुप ऑफिस
अद्वैत का लैपटॉप खुला हुआ था लेकिन उसका ध्यान कहीं और था।
अद्वैत (सोचते हुए): "क्या दी मान जाएगी? पर कैसे! वो तो एकदम खडूस है… क्या करूँ?"
अनन्या: "ओए, कहाँ खोया है?"
अद्वैत: "कुछ नहीं।"
अनन्या: "क्या हुआ, तू ठीक है? बता, मैं मदद करूँ तेरी?"
अद्वैत (हिचकिचाते हुए): "मैं… मेरी… मेरी एक गर्लफ्रेंड है।"
अनन्या: "क्या?! 🤣"
उसकी चिंता हँसी में बदल गई।
अद्वैत (पाउट बनाते हुए): "मैं यहाँ टेंशन में हूँ और तू हँस रही है!"
अनन्या: "तेरी गर्लफ्रेंड है इसमें टेंशन की क्या बात है?"
अद्वैत: "मैं उससे शादी करना चाहता हूँ… और दी को कैसे बताऊँ, समझ नहीं आ रहा।"
अनन्या: "इम्पॉसिबल! वो तो प्यार का नाम भी नापसंद करती हैं।"
अद्वैत (हाथ जोड़ते हुए): "तू उनकी असिस्टेंट है, प्लीज़ बात कर ना।"
अनन्या: "देख, पहले तू ही जाकर मैम से सीधा सब कुछ कह।"
अद्वैत: "मगर…"
अनन्या: "कुछ मगर-वगर नहीं। वो तेरी बहन हैं, और मुझे यकीन है कि वो तुझे समझेंगी।"
अद्वैत: "थैंक यू अनु, थैंक यू सो मच!" (उसे गले लगाते हुए)
अनन्या: "वर्क पर फोकस कर, अद्वैत।" (हग तोड़ते हुए चली जाती है)
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ऑफिस में एंट्री
कर्मचारी: "गुड मॉर्निंग मैम।"
आद्विया (सिर हिलाते हुए): "गुड मॉर्निंग।"
दूसरे कर्मचारी: "गुड मॉर्निंग मैम।"
आद्विया: "गुड मॉर्निंग… गुड मॉर्निंग। अनन्या, मेरे केबिन में आओ।"
अनन्या: "यस बॉस मैम।"
कुछ देर बाद…
अनन्या: "मे आई कम इन, मैम?"
आद्विया (लैपटॉप पर काम करते हुए): "कम इन।"
आद्विया: "अनन्या, मिस्टर मेहता की फाइल का क्या हुआ? कोई अपडेट?"
अनन्या: "मैम, कोई अपडेट नहीं। मिस्टर मेहता आपसे बात करना चाहते हैं।"
आद्विया: "ओके, मीटिंग अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर दो।"
अनन्या सोच में गुम थी— कैसे मानाऊँ मैम को? क्या कहूँ कि वो अद्वैत की बात मान जाएं?
आद्विया: "अनन्या!"
अनन्या चुप रही।
आद्विया (थोड़ा ऊँची आवाज़ में): "अनन्या!!"
अनन्या: "यस मैम!"
आद्विया: "क्या हुआ, कहीं खोई हुई लग रही हो?"
अनन्या: "कुछ नहीं मैम… वो अद्वैत…"
आद्विया: "हाँ, आज ऑफिस के लिए भी जल्दी निकल गया था। तुमसे कुछ कहा क्या उसने?"
अनन्या (हिचकिचाते हुए): "मैम… वो…"
उसी समय दरवाज़े से आवाज़ आई—
अद्वैत: "मे आई कम इन, मैम?"
आद्विया: "कम इन।"
अद्वैत ने अनन्या को इशारे से बाहर जाने को कहा।
आद्विया ने यह नोटिस किया।
आद्विया: "अनन्या, ये मिस्टर शेखावत की फाइल रिव्यू करो। कोई क्वेरी हो तो बिना नॉक किए आ जाना।"
अनन्या: "ओके बॉस।" (केबिन से बाहर निकल गई)
आद्विया (प्यारी आवाज़ में): "बैठो अद्वैत।"
अद्वैत बैठ गया।
आद्विया (चिंतित होकर): "कहो, क्या बात है?"
अद्वैत (हिचकिचाते हुए): "दी… वो… दी…"
आद्विया
(सांत्वना देती हुई): "कैल्म डाउन, बोलो क्या हुआ।"
अद्वैत: "दी… मेरी एक गर्लफ्रेंड है।"
आद्विया हैरान रह गई।
एपिसोड समाप्त।