DIL SE KAHI DIL NE KAHI in Hindi Poems by MASHAALLHA KHAN books and stories PDF | दिल से कही दिल की कही

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दिल से कही दिल की कही


1..
     ठहर जाये ये लम्हा कुछ और वक्त
     धड़कने दो दिल को कुछ और वक्त
     बेशक आप चेहरे को नकाब मे रखिये
     पर हमे नजरे मिलने दो कुछ और वक्त .

2..
     इश्क के बाजार मे बिक रहे थे हम
     हमको कुछ ना थी खबर बस लुट रहे थे हम
     जाने कितने थे लुटरे लुट गये हमे
     दिल के इस खेल को बस भुगत रहे थे हम
     कौन है सच्चा कौन है झूठा किसकी माने हम
     रात रात भर जाग कर बस घुट रहे थे हम
     हमने सोचा आज से इश्क ना करेगे हम
     मीठी मीठी बोली वाली पर फिर मर मिटे है हम .

3..
     फुरसत मे होते तो आज माते तुम्हे
     हमारे दिल मे क्या है ये बताते तुम्हे
     कभी ये दुनिया हमारा मकसद ना थी
     तुम अपने होते तो अपना बनाते तुम्हे
     आखिर कब तक चली ये बेरुखी
     तुम रूठ जाते और हम मनाते तुम्हे
     गर छोड़ जाना था तो छोड़ जाते हमे
     खता क्या थी हमारी वो तो बताते हमे
     अब दूर गये हो तो याद आयी तुम्हे 
     कभी पास थे तो भुल जाते हमे
     सुरत थी तुम्हारी जो लुभाती हमे
     सिरत जो देखी तो होश आयी हमे
     ना सिखवा है कोई ना सिकायत हमे
     जो बूने ख्वाब थे बस वो लोटा दो हमे
     अगर मुलाकात हो तो सच बताना हमे
     यू दिल से खेला क्या शर्म आयी तुम्हे
     अब ना नफरत है तुमसे ना मोहब्बत रही
     तुम बुरा ख्वाब थे हम भुल जाये तुम्हे .

4..
     दुनिया की बेरुखी तो समझ आती है मुझे
     तुम अगर रूठ जाओ तो ये मुनासिब नही
     मुझे अगर हार मिले तो भी मंजूर है
     मगर तुम तुट जाओ ये मुनासिब नही
     मेरे हर घाव का मरहम हो तुम
     मगर तुम घाव हो ये मुनासिब नही
     हर दर्द सहना आता मुझे
     अगर दर्द तुम हो ये मुनासिब नही
     जिसे छोड़ना है छोड़ जाये हमे
     मगर तुम छोड़ जाओ ये मुनासिब नही
     खायी थी हमने भी मौहब्बत की कसम
     मगर तेरी तरह हम बेपरवाह नही
     चलो मानते है हम ही गलत है
     मगर यू अस्क बहाना मुनासिब नही .

5..
     मेरे ही बाद होगा आना तेरा 
     मुझे मालूम है तू मुझे छिपा देख रहा होगा
     यू तेरा हर रोज ये छिपना-छिपाना
     खुदा जाने किस रोज खत्म होगा
     मन्नते मांगता है तू मेरे हक मे शायद
     खुद जाने तू मेरे हक मे कब होगा
     तू मिले तो कर मोहब्बत की बाते
     यू खड़े दूर नजरे चुराने से क्या होगा
     आ खूली हवा मे सांस लेले जरा
      यू परिन्दो को उड़ाने से क्या होगा
      गर है तकलिफ तो आ बता दे मुझे
      यू तन्हा होकर आंसू बाहाने से क्या होगा
      तेरा यू मुस्कुराना रहा है ख्वाब मेरा
      खुदा जाने ख्वाब ये कब पूरा होगा 
      दिल मे क्या है तेरे अब बता दे मुझे
      यू हर दफा खामोश रह जाने से क्या होगा
      अब इतनी दूर आ ही पहुचे है हम 
      यू खाली हाथ अब लौट जाने से क्या होगा .

6..
     हो अगर तकलिफ तो भी मुस्कुरा लेना
     दिल मे हो गम तो उसको छिपा लेना
     बड़ी बेरहम है ये दुनिया ऐ मेरे दोस्त
     इसे अपना सच न बता देना
     चोट खाओंगे तो मालूम होगा तुम्हे
     कैसा होता है अस्को को बहा देना .

 
7..
     चन्द लम्हो मे वो भी हमारे हो गए
     हम उनकी मौहब्बत मे और वो
     हमारी मौहब्बत मे फना हो गए
     बस उनके ही लिये था हमारा ये वक्त
     हम उनके वक्त का राब्ता हो गए
     बेपरवाह थे मौहब्बत मे हम इस कदर
     जालिमे जहां की नजरो मे बेपर्दा हो गए
     जब हमने माना नही उनका कहा
     उनके सितम हम पर ज्यादा हो गए
     फिर कुछ रोज हमे एक दूसरे की थी ना खबर
     हम अपने कमरो की तन्हाई मे तन्हा हो गए
     फिर एक वक्त आया था मिले थे हम
     फिर इस शहर से लापता हो गए .

8..
     है अगर माचिस तो आग जलाओ यारो 
     सर्द मौसम है थोड़ा हाथ बटाओ यारो
     हो उदास क्यू इस खुबसुरत ऐ शाम मे
     चलके जरा अपना अपना जाम उठाओ यारो
     अब यू बैठकर खामोश रहने का क्या मतलब
     चलो खुलकर अपने दिल की बात बताओ यारो
     यू इस तरह अस्क बाहाने से क्या फायेदा
     मेरा कहना है उसे भुल जाओ यारो
     हो अभी जवान तो क्या ही परवाह 
     इश्क का समुन्द्र लुट लाओ यारो .

9..
     बागो मे फूलो का बसेरा हो गया .
     चांद निकला तो लगा सवेरा हो गया
     बड़े ही नाज मे था ये नजरो का तसव्वुर
     मिला था आप से आप मे ही खो गया
     इस बिचारे दिल को क्या कर बैठे हो आप
     आपके इश्क मे तो ये बावला हो गया .

10..
      तेरे तसव्वुर मेरा दिल नही लगता
      जो दिल कभी तेरा था अब वो तेरा नही लगता
      जाने किस बात से बदल गया है तू
      तेरे अन्दाज से तू वो पुराना शक्स नही लगता
      और खोया था मेने भी उस वक्त बहुत कुछ
      इस बात को तू अब तक नही समझता .

11..
     मेरे हस्र से भी तुझे अकल ना आयी 
     ऐ दिल जो फिर से मोहब्बत करने लगा उसे
     तबाह होगा या फिर से होगा फना 
     ऐ दिल जो फिर से मोहब्बत करने लगा उसे
     मेरे दामन पर क्या कम रहे गये दाग 
     ऐ दिल जो फिर से मोहब्बत करने लगा उसे
     जानता है ना वो बदला नही आज भी
     ऐ दिल जो फिर से मौहब्बत करने लगा उसे .



12..
      एक दर्द है जिसकी दवा नही
      एक आग है जिसकी जगाह नही
      कोई लोट आये ऐसी उम्मीद क्यू
      गुजरा हुआ वक्त लोटा नही
      एक शाम है जो ढल रही 
      एक रात है जो खोना नही
      इन उलझनो के रोड़ पर 
      अब मुझे चलना नही
      थक गया हूं बहुत 
      अब मुझे टलना नही
      इन आंधियो के जोर से 
      अब मुझे डरना नही
      मंजिलो की ओर बढ़ना सही है .

13..
      दो लफ्ज कहे दू आप भी मुस्कुराओंगे
      इधर उधर देख लेने से क्या हम से बच पाओंगे
      कहानी किस्से ये सब सूना दू मगर
      दिल की सूनोगे तो सरमाओंगे
      अब अपने भी दिल सूना दो हमे
      क्या हर मर्तबा हमारी सुन के जाओंगे
      गर प्यार तुमको हमसे बहुत 
      क्या दो लफ्ज हससे कहे पाओंगे
      चलो मान ले तुम्हारी नजरे मन की बात
      क्या हम बाहे फैहलाये तुम सिमट जाओंगे .

14..
     मेने खुद को खुद से ही घायल किया है
      जख्म ताजा नही पर भरा भी कहा है
      ढेरो किताबे लिये हूँ हाथो मे
      मगर लिखा क्या है इनमे ये ना पता है
      कलमो मे शाही है, है शाही कलमो मे
      बिखरे खाली पन्ने बस हर जगह है
      मेरे हाथ मे लकीरे बहुत है
      चलो ढूंढ़ते है जरा किस्मत कहा है .

15..
     हम चूप है क्यू बोलते नही कभी हम बनकर तो देखो 
     किनारे डूब जायेंगे कभी समुद्र बनकर तो देखो
     क्यू इतना गुस्सा अब दिखा रहे हो हमको
     जमीं खिसक जायेगी कभी हमे समझकर तो देखो
     यू बात बात पर आंसू बहाओगे तो क्या होगा
     कभी एक बार खुद को बदल कर तो देखो
     और तुम्हारे ही हाथ मे तुम्हारा ही मुकदर्दर है
     दिखेगी मंजिले कभी इसे पढ़ कर तो देखो .


    ~माशाअल्लाह~