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रात 2:17 AM — मुंबई की सुनसान गलियों में एक ब्लैक बाइक हवा को चीरती चली जा रही थी। बाइक चला रही थी एक लड़की — काले कपड़े, बैकपैक और आंखों में बर्फ जैसी ठंडक। उसका नाम था रिया मल्होत्रा — एक अंडरकवर एजेंट, जिसे भारत सरकार ने एक खतरनाक हथियार डील को रोकने के लिए भेजा था।
रिया के पास सिर्फ 72 घंटे थे। मिशन साफ था — "डील से पहले 'कोड X' को हासिल करो, नहीं तो देश का दुश्मन बन जाएगा परमाणु शक्ति वाला शैतान।"
दूसरी तरफ, एक इलीगल फाइट क्लब में, भीड़ के शोर के बीच एक लड़का अपने विरोधी को एक ही पंच में गिरा देता है। वो शांत, रहस्यमय, और हमेशा अकेला रहने वाला था। उसका नाम था विराट राय, एक पूर्व-आर्मी कमांडो, जिसने दुनिया से खुद को अलग कर लिया था।
रिया और विराट की पहली मुलाकात बेमकसद नहीं थी — बल्कि एक हादसा थी जिसे किस्मत ने लिखा था।
रिया विराट को ढूंढ़ रही थी — क्योंकि उसे पता चला था कि "कोड X" उस आदमी के पास है जिसने आर्मी को छोड़ा था… और उसके पास सबूत थे कि भारत के अंदर ही कोई देशद्रोही है।
रिया ने विराट को रोका।
वो सीधा-सीधा आदमी था, बोला:
> “मुझे ये मिशन-विशन से कुछ लेना-देना नहीं है।”
रिया झल्लाई: “तुम्हारी चुप्पी किसी को मार सकती है!”
विराट ठंडे स्वर में: “मैं वो देख चुका हूँ जो तुम सोच भी नहीं सकती। और अब किसी के लिए लड़ने का मन नहीं है।”
लेकिन जैसे-जैसे रिया उसका पीछा करती गई, वो दोनों अंधेरे रहस्यों में साथ खींचे चले गए। किसी वक्त, जब दोनों एक खतरनाक चेस सीन में कार से बाइक के पीछे लगे थे, रिया ने पहली बार विराट की आंखों में देखा — वहां दर्द था… और कुछ ऐसा, जो भरोसे से ज्यादा गहरा था।
धीरे-धीरे, रिया को एहसास हुआ कि विराट सिर्फ एक सैनिक नहीं — एक टूटे हुए दिल वाला इंसान है, जिसे उसके अतीत ने बदल डाला।
एक रात, जब दोनों पहाड़ियों पर एक छिपी हुई जगह में रुके थे, रिया ने पूछा:
> “किसी को बचाने की कोशिश की थी?”
विराट कुछ पल चुप रहा, फिर बोला:
“हाँ… पर वो मरी नहीं। उसने मुझसे मुँह मोड़ लिया।”
रिया ने पहली बार उसे सिर्फ एक मिशन का हिस्सा नहीं, एक इंसान की तरह देखा।
और उस रात, दोनों की नज़दीकियाँ कुछ ज्यादा करीब आ गईं।
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अब मिशन बदल गया था —
दुश्मन अब सिर्फ बाहर नहीं, सिस्टम के अंदर भी था।
रिया को टारगेट नहीं, भरोसा करना सीखना था।
विराट को लड़ना नहीं, फिर से जीना सीखना था।
डील के दिन, दुश्मनों की गोलियाँ चल रही थीं, गद्दारों के चेहरे बेनकाब हो रहे थे। रिया एक गोली से घायल हुई। विराट उसे बचाकर बाहर लाया, लेकिन उसे पता था — "वो अब वापस नहीं जा सकेगा।"
> “तुम जाओ, रिया,” विराट बोला।
“सरकार को तुम्हारी ज़रूरत है।”
रिया ने उसका हाथ पकड़ा —
“और मुझे तुम्हारी।”
गोलियाँ रुकीं। एक हेलिकॉप्टर आया। मिशन पूरा हुआ।
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6 महीने बाद —
रिया एक नए मिशन पर जा रही थी। उसकी गाड़ी एक ढाबे के पास रुकी।
वहां एक आदमी चाय बना रहा था — लंबा, हंसमुख… और उसे देखते ही रिया का दिल धड़क उठा।
वो विराट था। मुस्कराता हुआ।
> “तुम्हारी सुरक्षा का काम अब भी मेरा है।
चाहे मिशन खत्म हो गया हो…
पर तुम्हारे दिल की हिफाज़त अभी बाकी है।”
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🎬 समाप्त —