Peace in Hindi Moral Stories by Sunita books and stories PDF | सुकून

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सुकून

"दुनिया या यूं कहें जिंदगी बड़ी खूबसूरत है।पर मेहनत बहुत करनी पड़ती है।एक ही बार जीवन मिलता है इसलिए इसे भरपूर जीना चाहिए। हां कठिनाई बहुत आती है इससे घबराना नहीं चाहिए।सही दिशा में चलकर जिंदगी को बहुत हसीन व खूबसूरत बना सकते है।
ज़िंदगी या जीवन संभलकर व सावधानी से जीना चाहिए।भरपूर संतुष्ट होकर जीवन जीकर व्यक्ति जाएं तभी जीवन सार्थक कहा जाता है अपने लिए भी और औरों के लिए भी"
सुकून का भी अपना महत्व है। ज़िंदगी की भाग-दौड़ के बाद जीवन में कुछ पल सुकून के आने चाहिए।जिससे जीवन को व्यवस्थित किया जा सके।अनामिका जैसे भी कई किरदार होते हैं जो जिंदगी को सही दिशा में सही मार्गदर्शन में जीते हैं।देखा जाएं तो यह भारतीय संस्कृति के बहुत नजदीक होते हैं।इनके जीवन में उतार-चढ़ाव कम होते ऐसा नहीं कहूंगी। लेकिन सही दिशा में सकारात्मक उतार -चढ़ाव होते होंगे।या उनके निपटने का तरीका भी संभलकर होता होगा।संकट तो सभी के जीवन में आएंगे।पर उसके प्रकार अलग-अलग होंगे। ज़िंदगी को बेहतरीन बनाने का एक उपाय यह भी है कि पहले अपना अस्त-व्यस्त जीवन व्यवस्थित कर लिया जाएं।भरपूर नींद का भी बहुत महत्व है यह दुर्घटना को कम करता है।ऐसे ही पात्र हैं अनामिका जो कि बहुत ही सुलझी हुई सी है। ज़िंदगी को समेटकर चलने वाली। छोटा-सा घर संसार है।पति व बच्चों के साथ खूबसूरती से पल बिताते हैं।जिसमें आदर्शों भरी दुनिया है। रोजमर्रा के जीवन की कठिनाइयां आती है।जिसका सामना करते हुए वे जीवन बिताते हैं।जो मैं यहां से देख रही हूं उससे मुझे महसूस होता है कि इनके जीवन में ठहराव है व्यवस्था है।ऐसा नहीं उनके जीवन में चुनौती नहीं आती है।समय पर उठना, समय पर कार्य करना। संस्कृति व संस्कारों के नजदीक जीवन जीते हैं।प्रेम से रहते हैं।कुछ लोग भले संस्कारवान और संस्कृति से परिपूर्ण रहे हो,पर सामने वालों में इससे जुड़ी एक कमी है तो हादसा होने में देर नहीं लगती है।
अमूमन भारतीय परिवार अनामिका -अनम जैसी जिंदगी जीते हैं।जो कि हिंदू दर्शन के नजदीक है। पति-पत्नी ने एक-दूसरे में ही सबकुछ देखना चाहिए।कहने का अभिप्राय है कि सात जन्म न सही पर एक जन्म तो साथ निभाने का यथोचित प्रयास करना चाहिए।पति हो तो पत्नी को,पत्नी हो तो पति को एक-दूसरे की छोटी-बड़ी सभी बातों को जानना चाहिए।इससे रिश्ता तो मजबूत होता है एक जन्म कब बीत जाता है पता भी नहीं चलता।यह मेरा भी सपना था जो दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया।अब उम्र के इस दौर में ऐसी कोई इच्छा नहीं है।
यहां अनामिका -अनम उन कई लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो इस तरह की जिंदगी जीते हैं।देखा जाएं तो भारत में तो जिंदगी ऐसी ही जीनी चाहिए क्यूंकि भारतीय संस्कृति भी यहीं सिखाती है पर कुछ अपवाद भी होते हैं कुछ हादसें दुर्घटनाएं इस तरह की जिंदगी से दूर कर देते हैं और आजकल देखा जाएं तो अपवाद आम होते जा रहे हैं और आम खास होते जा रहे हैं।
अनामिका -अनम जब उनका विवाह होता हैं तो स्वप्निल लेकिन वास्तविक कल्पनाओं में रहते हैं जब विवाह हो जाता है तो उनके प्यारे बच्चें आते हैं उनके लिए सपने बुनते हैं जो कि अमूमन होता ही है।
                            अनवरत्