बेवफाई की सजा
भाग 1 - यह कहानी एक औरत की है जो अधिक सुख सुविधा की तलाश में पति से बेवफाई कर बैठती है ….
गर्मी के दिन थे , शाम के पांच बजे थे . जमशेदपुर के जुबली पार्क स्थित झील के एक कोने में बेंच पर दो प्रेमी बैठे थे , एक लड़का और एक लड़की . झील के बीचो बीच फव्वारा चल रहा था . फव्वारे का पानी काफी ऊंचाई तक जाता और उसकी कुछ बूंदे किनारे बैठे प्रेमी युगल पर भी पड़ रही थीं .शायद इसलिए उन्हें वहां गर्मी महसूस नहीं हो रही थी .
“ आलोक , तब तुम अगले महीने खड़गपुर आई आई टी चले जाओगे ? “ लड़की ने कहा
“ और मेरी प्यारी आभा यहीं जमशेदपुर विमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन करेगी . “ आलोक ने कहा
“ लगभग पांच साल साथ पढ़ने के बाद हम जुदा हो रहे हैं . “
“ इसे जुदाई कहना ठीक नहीं होगा , खड़गपुर तो दो ढाई घंटे का रास्ता है . वैसे भी वीकेंड में अक्सर आता रहूंगा और हर सेमेस्टर के बाद लॉन्ग ब्रेक तो होता ही है . “
“ पर पहले वाली बात नहीं रहेगी कि जब जी चाहे मिल सकते थे . “ आभा ने आलोक के कंधे पर सर रख कर कहा .
आलोक ने उसके बाल सहलाते हुए कहा “ तुम तो बहुत जॉली और हंसमुख लड़की हो , तुम्हारे अनेकों दोस्त हैं तुम्हारा मन बहल जायेगा . मेरे तो यहाँ एक या दो दोस्त हैं और मुझे ज्यादा मिलना जुलना आता ही नहीं है . खड़गपुर मेरे लिए नयी जगह है , बोरियत होगी खास कर शुरू के दिनों में . “
“ मैं देख रही हूँ कि तुम्हें बिछड़ने का कोई गम नहीं है . लगता है मुझसे प्यार नहीं है तुम्हें . “
“ मुझे तो कभी कभी ऐसा लगने लगता है कि तुम्हें मुझसे प्यार नहीं है . इतने सारे लड़कों से मिलती जुलती रहती हो , हंसी मजाक भी कर लेती हो . “ आलोक ने कहा
“ हाँ , मेरी आदत है , सभी के साथ घुलमिल जाती हूँ . पर प्यार तो एक ही से किया है न , सिर्फ तुमसे . “ आभा बोली
“ बेशक . “
“ अच्छा अब चलें अँधेरा होने को है , मम्मी पापा वेट करते होंगे , मैं बोल कर आयी थी कि जल्द ही लौट आऊंगी .”
आभा किसी इंजीनियरिंग टेस्ट में कम्पीट नहीं कर सकी थी . उसने और समय बर्बाद न कर बी ए कर पी सी एस करने की सोची . दोनों के माता पिता जानते थे कि उनके बच्चे एक दूसरे को चाहते हैं और भविष्य में जीवनसाथी बनने वाले हैं . इत्तफ़ाक़ से दोनों सजातीय थे और दोनों बच्चे पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही अच्छे रहे थे . दोनों के पापा टिस्को में इंजीनियर भी थे ,
इसलिए दोनों परिवार को यह रिश्ता मंजूर था . चार साल बीतते देर नहीं लगा , देखते ही देखते आलोक और आभा दोनों ने अपनी पढ़ाई पूरा कर ली . आलोक को कैंपस से ही जॉब ऑफर मिला गया था पर आई टी सेक्टर में कुछ मंदी चल रही थी इसलिए पैकेज मन लायक नहीं मिल सका . आभा ने पी सी एस एग्जाम दिया था पर उसे सफलता नहीं मिली . आलोक की पोस्टिंग मुंबई में हुई . मुंबई ज्वाइन करने के पहले दोनों की शादी भी हो गयी .
आलोक ने अपने एक साथी की मदद से एक टू बेडरूम फ्लैट किराये पर बुक किया . फ्लैट मुंबई की उपनगरी ठाणे में था . फ्लैट का किराया 20000 रुपये प्रति माह था ऊपर से एक लाख एडवांस डिपॉजिट . वहां से आलोक का ऑफिस बहुत दूर पड़ता . आलोक के ऊपर काम का प्रेशर ज्यादा होता था इसलिए उसे लौटने में अक्सर देर होती थी .
आलोक को अपने जॉब के सिलसिले में अक्सर बाहर टूर पर जाना होता था . टूर कभी देश के महानगरों में होता तो कभी विदेश भी जाना पड़ता था . आभा का फ्रेंड सर्किल बड़ा था . वह अपने फ्रेंड्स के साथ कभी शॉपिंग तो कभी मूवी जाया करती थी खास कर जब आलोक बाहर होता था . फॉरेन टूर में आलोक को कम से कम 10 - 15 दिन लग ही जाता था . ऐसे में आभा कहती “ अकेले में बहुत बोर हो जाती हूँ .”
“ अकेलापन दूर करने का एक उपाय है . जल्दी से तुम मम्मी बनो और मैं डैडी . “
“ हट , मेरे कहने का मतलब यह नहीं था . “
आभा ने एक शार्ट मोंटेसरी का कोर्स कर पड़ोस के एक नर्सरी स्कूल ज्वाइन किया . वहां सिर्फ चार घंटों के लिए जाना होता था . आभा और आलोक दोनों में बहुत प्यार था और उनकी जिंदगी खुशहाल थी . दो साल के अंदर उन्हें एक बेटा हुआ , बंटी .
मियां बीबी दोनों की कमाई के बावजूद उनकी सेविंग नाममात्र की थी . दोनों अपना एक फ्लैट बुक करना चाहते थे . आलोक ने एक टू बेडरूम फ्लैट बुक किया . उसका EMI भी कटने लगा जिसके चलते बचत कुछ भी नहीं थी बल्कि कभी कभी महीने के अंत में कुछ उधार भी लेना पड़ता था .
इसी बीच एक बार जब आलोक टूर पर गया था तब आभा की एक पड़ोसन उस से मिलने आयी . वह भी उसी अपार्टमेंट में आभा के सामने वाले फ्लैट में रहती थी . पड़ोसन ने कहा “ मैं नूपुर हूँ , आपके सामने वाले फ्लैट में रहती हूँ और एक ट्रेवल एजेंसी में काम करती हूँ . मेरे पति भी अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं और तुम्हारे भी . दोनों आपस में मिलते जुलते रहें तो दोनों का मन बहल जायेगा . . “
आभा ने उसे बैठाया और आपस में दोनों का परिचय हुआ . फिर आने जाने का सिलसिला शुरू हुआ . आलोक के आने पर उसने पड़ोसन के बारे में कहा . आलोक बोला “ चलो अच्छा है तुम्हारा जी बहल जाया करेगा . “
नूपुर भी बीच बीच में एक दो दिनों के लिए टूर पर जाया करती थी . कुछ सप्ताह बाद आलोक को दस दिनों के लिए विदेश जाना पड़ा . उस समय आभा नूपुर के घर गयी . उसके घर का स्टैण्डर्ड देख आभा को आश्चर्य हुआ . काफी कीमती सोफे , कारपेट , बिग टी वी और एयर कंडिशनर आदि . नूपुर अपनी टी वी पर एक इंग्लिश फिल्म देख रही थी . इसी बीच एक पार्सल आया जिसमें किसी ने उसके लिए एक लेटेस्ट आईफोन भेजा था . नूपुर ने पैकेट खोला तब आभा को कीमती फोन देख कर आश्चर्य हुआ . बातचीत के सिलसिले में नूपुर ने उसे बताया कि यह गिफ्ट उसे एक क्लाइंट ने दिया है . संयोगवश जो फिल्म दोनों देख रही थीं उसमें भी एक मामूली लड़की के अमीर बनने की कहानी थी . नूपुर ने कहा “ देखा अमीर बनने का आसान तरीका . “
आभा ने मूवी के बारे में कहा “ यह औरत तो अपने पति को धोखा दे रही है . यह सही नहीं है . “
“ मेरी समझ में इसमें कुछ भी गलत नहीं है . इसका पति भी तो बाहर रहता है और वहां क्या गुल खिलाता होगा किसी को कभी पता नहीं चलेगा . एक तरह से अपनी गृहस्थी को सुखद बनाने में इसका योगदान है . मैं भी कभी कभी अपने क्लाइंट के साथ बाहर जाया करती हूँ और दोनों एक दूसरे को खुश करते हैं . “
उस समय आभा को उसकी बात अच्छी नहीं लगी . पर कालांतर में धीरे धीरे नूपुर के उकसाने पर वह प्रभावित हुई . नूपुर ने कहा “ शुरू में बस दो चार घंटों के लिए किसी के साथ सिर्फ घूम फिर आने से या ओरल हंसी मजाक से उसका मन बहला कर भी कुछ कमाया जा सकता है . “
“ ना बाबा , मुझसे कैसे होगा . मेरा बेटा बंटी भी तो है . “
“ वीकेंड में जब स्कूल बंद हो तब जा सकती हो . बंटी को मेरे घर छोड़ देना . वैसे भी मेरे यहाँ फुल टाइम आया है , वह कुछ घंटों के लिए बंटी को संभाल लेगी . “
इस तरह कुछ दिनों के बाद आभा नूपुर के बहकावे में आ गयी .
क्रमशः