अन्या स्कूल से घर लौट रही थी। आसमान में अचानक घने काले बादल छा गए और हवा में ठंडक का अहसास होने लगा। उसने अपनी जैकेट का कॉलर ऊपर किया और जल्दी-जल्दी सड़क पार की। तभी तेज़ बारिश शुरू हो गई। अन्या के पास छाता नहीं था और वह भीगती जा रही थी।
उसी समय, अरव अपने दोस्तों के साथ पास से गुजर रहा था। उसने अन्या को भीगते देखा और तुरंत अपनी जैकेट उतारकर उसके ऊपर डाल दी। अन्या ने चौंककर उसकी ओर देखा। “धन्यवाद…” उसने धीरे से कहा। अरव मुस्कुराया और बोला, “कोई बात नहीं, बारिश में भीगना अच्छा नहीं लगता।”
वे दोनों थोड़ी देर उसी भीगी सड़क पर खड़े रहे। बारिश की बूँदें उनके सिर और चेहरे पर गिर रही थीं, लेकिन उनके बीच एक अजीब सी शांति थी। अरव ने पूछा, “क्या तुम पास के कैफे में चलोगी? थोड़ी गर्म चाय पीते हैं।” अन्या ने हिचकिचाते हुए हां कहा।
कैफे में पहुँचकर वे दोनों एक कोने की सीट पर बैठ गए। खिड़की से बाहर गिरती बारिश को देखकर अन्या को अजीब सी गर्माहट महसूस हुई। उसने अरव से पूछा, “तुम अक्सर ऐसे अचानक मदद क्यों करते हो?” अरव ने मुस्कुराते हुए कहा, “शायद मुझे अच्छा लगता है लोगों की मदद करना। खासकर जब कोई भीग रहा हो।”
अन्या ने उसकी बातें ध्यान से सुनी और उसकी सच्चाई पर भरोसा किया। उनका बातचीत धीरे-धीरे गहरी होती गई। स्कूल की छोटी-छोटी बातें, पसंद-नापसंद, परिवार और दोस्तों की बातें – सब खुलकर साझा होने लगीं। अरव ने महसूस किया कि अन्या में एक अनोखी मासूमियत और ईमानदारी है।
बारिश रुकने के बाद, वे दोनों बाहर आए। सड़क पर पानी के छोटे-छोटे पोखर बने हुए थे। अन्या ने कहा, “मुझे अब घर जाना चाहिए।” अरव ने कहा, “ठीक है, लेकिन अगली बार तुम भीगने मत देना। मैं तुम्हें छाता दूंगा।”
अगले दिन स्कूल में भी वे दोनों उस घटना के बारे में सोचते हुए मुस्कुराए। धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। लंच ब्रेक में वे साथ बैठते, छोटे-छोटे मज़ाक करते और कभी-कभी किताबों की बातें करते।
कुछ दिनों बाद, स्कूल में वार्षिक समारोह की तैयारी चल रही थी। अन्या और अरव को पता चला कि उन्हें एक साथ मंच पर काम करना है। शुरुआत में थोड़ी झिझक थी, लेकिन धीरे-धीरे सहयोग में मज़ा आने लगा।
एक दिन rehearsal के दौरान, अरव ने देखा कि अन्या का हाथ अचानक slip हुआ। उसने तुरंत उसे पकड़ लिया। उनका नज़दीकी contact उस पल की chemistry को और बढ़ा गया। अन्या ने अपनी आंखों में मुस्कान देखी और महसूस किया कि वह अरव के लिए महसूस करने लगी है।
वार्षिक समारोह के दिन, जब अन्या और अरव ने मंच पर प्रदर्शन किया, तो उनकी एकजुटता इतनी सहज थी कि सभी दर्शक उन्हें सराह रहे थे। मंच के पीछे, अरव ने धीरे से कहा, “तुम्हारी मुस्कान मेरे लिए हमेशा खास रहेगी।” अन्या ने blush करते हुए सिर झुका लिया।
इसके बाद, उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगी। वे दोनों अक्सर लाइब्रेरी में मिलते, बारिश में टहलते और लंबी बातचीत करते। कभी-कभी रात को देर तक फोन पर बातें होती। वे एक-दूसरे की पसंद, आदतें और ख्वाब जानने लगे।
एक शाम, बारिश फिर से शुरू हो गई। वे दोनों पार्क में टहल रहे थे। अरव ने अन्या को अपनी जैकेट दी, और इस बार अन्या ने उसके हाथ थाम लिए। दोनों खामोशी में बारिश का आनंद ले रहे थे। अरव ने धीरे से कहा, “मुझे लगता है कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ।”
अन्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “शायद मैं भी।” बारिश की बूँदों के बीच, दोनों ने अपनी भावनाओं को साझा किया। यही वह पल था जब उनकी रोमांटिक यात्रा ने officially शुरुआत की।
अगले कुछ महीनों में, अन्या और अरव की मित्रता और प्यार और गहरा हुआ। वे दोनों किताबें पढ़ते, कविताएँ साझा करते और अपने सपनों की बातें करते। हर छोटी-छोटी मुलाकात उनके लिए यादगार बन गई।
उनकी कहानी सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं थी, बल्कि दोस्ती, समझदारी और सहारा देने वाली भी थी। पहली बारिश, पहली मुलाकात, पहली मुस्कान – ये सभी पल उनकी जिंदगी में हमेशा के लिए यादगार बन गए।