Part 5 —
रोहन अब पहले जैसा नहीं रहा था।
जिस लड़के की आँखों में कभी चमक थी… अब उनमें थकान दिखती थी।
जिसकी हंसी बिंदास थी… अब उस हंसी में दर्द छुपा होता था।
सिमी के बिना उसकी दुनिया बिखर चुकी थी,
लेकिन बाहर से वो ख़ुद को मज़बूत दिखा रहा था।
क्योंकि अब रोना—
उसकी आदत बन चुका था। 😔💔
🔹 ऑफिस में नया दौर
प्रमोशन के बाद जिम्मेदारियाँ बढ़ गई थीं।
अब अक्सर देर रात तक काम करना पड़ता था।
इन्हीं व्यस्त घंटों में एक चेहरा धीरे–धीरे उसके पास आने लगा —
टीना।
टीना बहुत अलग थी—
खुलकर बोलने वाली, हंसने वाली, आत्मविश्वासी और लोगों को समझने वाली।
उसने पहली ही हफ़्ते में महसूस कर लिया था कि रोहन बाहर से मजबूत है,
लेकिन अंदर से टूट चुका है। 💔
एक दिन देर शाम ऑफिस की लाइट्स कम थीं।
सब जा चुके थे…
बस रोहन अपनी फाइलों में खोया था।
टीना उसके पास आई और बोली—
“रोहन, सब ठीक है?”
रोहन ने हल्की मुस्कान दी—
“हाँ… बस काम ज़्यादा है।”
टीना ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा—
“झूठ बोलना सबको नहीं आता… पर दर्द छुपाना सबको आता है।”
उस एक वर्ड ने रोहन को अंदर तक छू लिया।
वो चुप रहा।
लेकिन उसकी चुप्पी में वो सब दर्द छुपा था—
जो उसने कभी बताया नहीं था।
उस दिन टीना ने पहली बार उसके साथ कॉफ़ी शेयर की। ☕
और धीरे–धीरे…
बातें बढ़ने लगीं।
पहले ऑफिस की बातें,
फिर काम के बाहर की बातें,
फिर ज़िंदगी के बारे में बातें।
और एक दिन टीना ने पूछ लिया—
“क्या कभी किसी से प्यार हुआ था?”
रोहन चुप हो गया।
उसकी आँखें भर आईं।
टीना ने महसूस कर लिया…
कि जवाब — हाँ है।
लेकिन उसने ज़्यादा सवाल नहीं किए।
क्योंकि कुछ कहानियाँ…
दर्द से लिखी जाती हैं, शब्दों से नहीं। 💔
🔹 उधर… सिमी
दिन बीत रहे थे।
लेकिन सिमी की दुनिया वहीं रुक गई थी।
उसका मोबाइल अब भी बंद था।
रोहन की तस्वीर उसकी आँखों में बस चुकी थी।
वो रोज़ छत पर जाती, उसी सड़क की तरफ देखती…
जहाँ कभी रोहन की बाइक रुकती थी।
अब न बाइक आती थी,
न मैसेज…
न आवाज़।
बस ख़ामोशी।
उसकी सहेली मुस्कान बार–बार उसे समझाती—
“Simmi… बात कर, लड़, कुछ कर!”
लेकिन सिमी के पापा उसकी हर हरकत पर नज़र रखते थे।
वो बंध चुकी थी…
लेकिन उसका प्यार ज़िंदा था।
रात को आँसू उसके तकिये पर गिरते…
और दिल कहता—
“रोहन मुझे भूल तो नहीं गया ना?” 😢💔
🔹 समय का खेल
कुछ महीने बीत गए।
अब रोहन और टीना एक दूसरे को समझने लगे थे।
टीना उसकी हंसी की वजह बनने लगी थी।
वो उसे मोटिवेट करती, हंसाती, मज़ाक करती…
और धीरे–धीरे…
रोहन के दिल में एक खाली जगह पर धीरे–धीरे नर्म मिट्टी जमने लगी।
एक दिन ऑफिस से वापस आते समय…
टीना ने कहा—
“रोहन… कभी–कभी लोग किस्मत से मिलते हैं… लेकिन हमेशा के लिए नहीं।”
रोहन ने उसकी तरफ देखा—
उसकी आँखों में जैसे हज़ारों सवाल थे।
टीना मुस्कुराई और बोली—
“और कभी— कोई हमारी ज़िंदगी में इसलिए आता है…
क्योंकि हमें फिर से जीना सीखना होता है।”
उस पल रोहन को पहली बार लगा—
शायद टीना सिर्फ टीम मेंबर नहीं… उससे ज्यादा है।
एक मोड ......
एक रात दोनों ऑफिस की बिल्डिंग की छत पर खड़े थे।
हवा ठंडी थी…
आसमान में चाँद था। 🌙
टीना ने धीरे से रोहन का हाथ पकड़ा।
और धीमी आवाज़ में कहा—
“क्या मुझे तुम्हारी ज़िंदगी में रहने की इजाज़त है?”
चुप्पी…
और दो धड़कनें।
कुछ सेकंड बाद
रोहन ने धीरे से सिर हिला दिया।
हाँ।
लेकिन…
पर उसके दिल में ,
एक जगह अब भी सिमी के नाम की थी।
जिसे वो मिटाना नहीं चाहता था…
उस रात पहली बार…
रोहन बिना दर्द के मुस्कुराया।
लेकिन कहानी यहाँ खत्म नहीं हुई…
क्योंकि इसी रात…
सिमी की शादी की तारीख़ तय हो गई।
📅💔
और अगले दिन सुबह…
मुस्कान ने चोरी–छुपे सिमी को खबर दी—
“Simmi… रोहन अब अकेला नहीं है… उसके साथ कोई है।”
ये सुनते ही सिमी के हाथ से पानी का ग्लास गिर गया।
उसकी आँखे खाली हो गईं।
और उसने बस इतना कहा—
“वो मेरा था…”
और पहली बार…
उसकी मुस्कान पूरी तरह बुझ गई। 😢💔
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🔥 To Be Continued…
👉 Part 6 में जानिए— क्या सिमी रोहन को खोकर टूट जाएगी?
या वो आख़िरी बार उसके दिल तक पहुँचेगी?
और क्या रोहन सच में आगे बढ़ चुका है… या बस कोशिश कर रहा है?
✨ अगला हिस्सा पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें… कहानी अब अपने सबसे दर्दनाक मोड़ पर है। 💔📖
writer :- ..............
.................Vikram kori .