love boys never trust in Hindi Love Stories by Alvida books and stories PDF | लव: बॉयज Never Trust

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लव: बॉयज Never Trust

रात के दो बज रहे थे। शहर गहरी नींद में था… पर अनाया की पलकों पर नींद तो जैसे महीनों से आई ही नहीं थी।
खिड़की के पास बैठकर वो फोन की स्क्रीन ताक रही थी, जहाँ पिछली चैट पर सिर्फ़ एक आख़िरी मैसेज चमक रहा था।

“I’ll text you in a while… बस थोड़ा काम है।”
आंखों में बेतहाशा आंसू भरे हुए थे।

और फिर आरव गायब हो गया।
बहुत दूर… उतना ही दूर जितना उनका लॉन्ग-डिस्टेंस रिश्ता था।

अनाया ने धीरे से खुद से कहा,
"एक ‘while’ में कितने दिन होते हैं, आरव?"

उसकी आँखें लाल थीं  नींद से नहीं, इंतज़ार से।
वो जानती थी कि दूसरा शहर, दूसरी ज़िंदगी, दूसरा माहौल…
लेकिन प्यार तो एक जैसा होना चाहिए ना?

अनाया हर रात खुद को समझाती थी ।
"शायद सचमुच काम होगा… शायद थक गया होगा… शायद बुरा वक्त होगा…"
या फिर वो उस लायक समझता ही नहीं जो गायब होने से पहले बता सके ।
या फिर उसके दिल में मेरी जगह कोई और ले लि है या फिर उसने दे दिया है।

लेकिन उसके भीतर कोई आवाज़ हर बार कह देती,
“या शायद तुम्हारा वक़्त ही ख़त्म हो गया है, अनाया।”

उसे याद आया, कैसे वो आरव की हर बात, हर मुस्कान, हर शब्द को अपनी दुनिया बना चुकी थी।
लॉन्ग डिस्टेंस का रिश्ता आसान नहीं होता है… सामने वाले को समझना पड़ता है , कितना भी व्यस्त हो सामने वाले के लिए वक्त निकालना पड़ता है।
लेकिन वो निभाने में पूरी थी।
पूरी… पूरी तरह टूट जाने तक। लेकिन आरव समझता ही नहीं था। हर बार आंखों में आंसू ही दिया करता था।



कुछ महीने पहले की बात थी—
अनाया की स्क्रीन चमकी, और पहली बार आरव का मुस्कुराता चेहरा आया।

“हाय अनाया!”
“हाय…” उसने शरमाते हुए कहा था।

वो कॉल सिर्फ दस मिनट की हुई थी,
लेकिन अनाया का दिल पूरी उम्र के लिए किसी को चुन चुका था।

आरव का हँसना, बातें करना, उसका अंदाज़…
सबने अनाया को अपनी ओर खींच लिया था।

धीरे-धीरे बातें हर दिन होने लगीं थी। 
सुबह की गुड मॉर्निंग से लेकर रात की गुड नाइट तक,
अनाया उसकी दुनिया बन गई थी और वो अनाया की।

पर प्यार जहाँ जितना गहरा होता है,
वहीं दर्द भी उतना ही गहरा हो जाता है।

शायद अनाया की कच्ची उम्र का प्यार था उसे समझ नहीं आया था। सामने वाला इंसान झूठा है या प्यार करने का दिखावा करता है। 


आज की रात – टूटता हुआ भरोसा , जब खुद को गलत बता रोई जा रही थी।

अनाया ने फोन फिर से उठाया
“Last seen 3 days ago”.

उसके भीतर कुछ चुभा था। उसे हर जगह से ब्लॉक्ड किया गया था।

"क्या इतने बड़े देश में एक मेसेज भेजने लायक नेटवर्क भी नहीं मिला उसे?" 
कोई इतना भी बिजी नहीं होता है जो एक मैसेज भी कर न सके ....।।

वो रोना चाहती थी,
पर अब रोना भी आदत बन चुकी थी।

उसने चाहा कि वो उसे भूल जाए…
लेकिन दिल कहता है,,,,,

“अगर भूलना इतना आसान होता,
तो प्यार कोई दर्द नहीं, दवा होता…”



            ******************


“तेरी खामोशी ने मेरी रातों को रुलाया बहुत,
तू कह देता कि नहीं चाहिए,
मैंने खुद को मिटाया बहुत…”


अचानक कुछ दिनों बाद आरव की वापसी हुई 

तीन दिन बाद अचानक फोन बजा ।

“Calling: Aarav”

अनाया का दिल धड़क उठा।
उंगली काँप रही थी, पर उसने कॉल उठाया।

आरव की आवाज़ पहले जैसी ही थी।
“हाय… सॉरी यार। टाइम नहीं मिला।"

इतना सादा…
इतना हल्का…
इतना बेजान बहाना।

अनाया ने धीरे कहा,
“तीन दिन, आरव… सिर्फ एक मैसेज भी कठिन था क्या?”

“यार काम था ना, क्या करूँ?
लोग भी थे, मीटिंग्स थीं, नेट नहीं था।”
फ्री थोड़ी रहता हूं मैं ।

अनाया के आंखों से आंसू टपक पड़े।


वही बहाने।
हर बार वही।
जैसे उसका गायब होना सिर्फ एक आदत हो,
और अनाया की चिंता सिर्फ एक मज़ाक।

वो चुप रही।
रह ही नहीं सकी।

“आरव… मैं तुम्हारी प्रायोरिटी हूँ भी या नहीं?”

उधर कुछ सेकंड की चुप्पी, फिर
“तुम तो बेवजह ही हर बात को बड़ा बना देती हो।”

बस यही वाक्य…
यही तलवार जैसा वाक्य…
जो हर बार उसके दिल को चीर देता था।

अनाया ने आह भरकर कहा,
“अगर मैं ही बेवजह हूँ,
तो शायद मेरा प्यार भी बेवजह होगा।”

आरव हँसा…
वही हल्की, चुभती हँसी।
“ड्रामे मत किया करो, अनाया।”

और यही वो पल था,
जब अनाया का प्यार पहली बार उसके खुद के अस्तित्व से टकराया।


कॉल कट गई।
स्क्रीन काली हो गई।
और उसके भीतर जैसे थोड़ा-सा सब कुछ मर गया।

वो बिस्तर पर गिर गई और जोर से रो पड़ी।
किसी ने उसे रोते हुए नहीं सुना,
किसी ने उसे थामा नहीं,
किसी ने उसके लहज़े की टूटन नहीं देखी।

उसकी हर रात ऐसे ही कटती थी।
इंतज़ार, चोट, और फिर खुद से लड़ाई।

पर उस रात कुछ बदल गया।
कुछ टूटकर फिर बनने लगा।



एक बार आरव ने कहा था।
“अनाया, मैं चाहे जहाँ रहूँ… तुम मेरे दिल में सबसे खूबसूरत जगह हो।”
उसका सबसे खूबसूरत झूठ " तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता है। " मैं कहां जाऊंगा? मैं कही जा थोड़ी रहा हूं।

अनाया ने उसी लाइन पर अपना पूरा भरोसा रखा था।
हर बार वो ग़ायब होता,
ये लाइन उसे बाँध लेती थी।

लेकिन प्यार सिर्फ शब्दों से नहीं चलता…
प्यार निभाने से चलता है।

और आरव सिर्फ कहता था, निभाता नहीं था।



“वो कहता रहा कि प्यार करता है,
और मैं हर बार उसपर यक़ीन करती रही,
पर अब समझ आया…
शब्दों से मोहब्बत नहीं होती।”



अगले दिन अनाया ने खुद को आईने में देखा।
उसकी आँखें सूजी हुई थीं,
चेहरा मुरझाया हुआ था,
जैसे वो किसी से नहीं, खुद से हार चुकी हो।

तभी उसने खुद से पूछा
"क्या यही प्यार है?"
"क्या इतना गिरना पड़ता है खुद को बचाने के लिए?"

उसे महसूस हुआ कि वो आरव से नहीं,
आरव की कमी से प्यार करती थी।
उस उम्मीद से,
जो कभी पूरी हो ही नहीं सकती थी।

उसने फोन उठाया और एक लंबा मेसेज टाइप किया।

“आरव…
मैंने प्यार किया था, पर खुद को खोने के लिए नहीं।
तुम्हारे बहाने मुझे अब प्यार जैसे नहीं लगते…तुम बदल चुके हो। हर लड़के का प्यार ऐसा ही होता है कुछ महीनों का ।
वो उदासी जैसे लगते हैं।
मैं तुमसे नाराज़ नहीं हूँ…बस थक गई हूँ। तुम्हे और खुद को समझाते समझाते ।
इस इंतज़ार, इस दर्द, इस अधूरेपन से।”



उसने मेसेज भेज दिया।

आरव ने तुरंत रिप्लाई किया

“ड्रामे मत करो यार। तुम चाहो तो छोड़ दो ये रिश्ता।”

ये लाइन पढ़कर अनाया ने महसूस किया।
उसे प्यार संभालने वाला नहीं मिला,
प्यार से खेलने वाला मिला था।

वो मुस्कुराई…
टूटी हुई,
पर सच को समझ चुकी थी।

उसने आखिरी बार लिखा।

“ठीक है, आरव।
मैं छोड़ रही हूँ तुम्हे…
तुम्हें नहीं,
खुद को।”



और फिर उसने चैट आर्काइव कर दी।

डिलीट नहीं।
क्योंकि कुछ घाव मिटाए नहीं जाते,
बस सीखा जाता है उनसे।


कई महीनों बाद,
अकेलेपन से लड़ते हुए,
टूटे सपनों से गुजरते हुए,
अनाया फिर मजबूत हो गई।

वो जान चुकी थी
प्यार जब दर्द बन जाए,
तो उससे निकलना ही सबसे हिम्मत वाला कदम होता है।

फासले अब भी हैं…
पर अब वो आरव से नहीं,
उसके अपने पुराने,
दर्द भरे रूप से हैं।

अनाया अब किसी की “प्रायोरिटी” बनने का इंतज़ार नहीं करती,
क्योंकि उसने खुद को ही अपनी प्रायोरिटी बना लिया है।

और कभी-कभी
यही सबसे बड़ी जीत होती है।


“मैं टूटकर भी खुद को जोड़ना सीख गई,
तेरे जाने से ज़्यादा,
तेरा लौट-लौटकर न आना सिखा गया…
अब किसी का इंतज़ार नहीं करती मैं,
क्योंकि खुद में ही
अपनी दुनिया पा गई हूँ…”


Note: प्यारी लड़कियां लड़कों पर भरोसा कभी न करे , ये भी सच है सब एक से नहीं होते हैं लेकिन हमारी यह भूल होती है । 


Thanks for reading.....❤️❤️