नाम...डॉ अमृता शुक्ला जन्म तिथि.....11मार्च 1960 पिता...स्व.डॉ राजेश्वर गुरु साहित्यकार पितामह.....विश्वविद व्याकरणाचार्य पं कामता प्रसाद गुरु पति...श्री अनिल शुक्ला शिक्षा....एमए हिंदी पीएचडी बीएड रुचि...पठन पाठन .लेखन .संगीत प्रकाशित पुस्तकें....बेतनाम....डॉ श्रीमती अमृता शुक्ला जन्म तिथि....11march 1960 जन्म स्थान.....भोपाल म.प्र. पितामह......विश्व विद व्याकरणाचार्य पं.कामता प्रसाद गुरू पिता........स्व.डॉ राजेश्वर गुरु साहित्य कार पति.......श्री अनिल शुक्ला शिक्षा.......एमए हिंदी,पीएचडी,बीएड

फर्क नहीं पड़ता उनके बोलने के अंदाज़ से।


थक चुके हैं हम दर्द देते हुए उन अल्फाज़ से।


कितनी कोशिश करते रहे कि वो समझ जाएं ,


कुछ लोग अन्जान है मिलकर रहने के राज़ से।

डॉ अमृता शुक्ला

Read More

#
आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।

आज मां का आगमन हुआ है द्वार।

सबकी मनोकामना पूर्ण हो जाएं,

शुद्ध मन से भक्ति होगी स्वीकार।

अंबे जगदंबे , दुर्गा, शैल पुत्री रूप ,

लाल चुनरिया में है सुहागिन सिंगार।

आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।------'

कांपने लगती धरती और आसमान,

जब लेती हैं मां काली का अवतार।

रौद्र मुख से रक्त टपकता रहता है,

राक्षस का अंत करने थामी कटार।

आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।

आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।

गलती को क्षमा करो,, कृपा रखो माता,

पापी का कर संहार ,सिंह पर हो सवार।

जब तक है जीवन, पूजन करते जाएं

सुख शांति मिले आके तेरे दरबार।

आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।

आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।


डॉअमृता शुक्ला

Read More

#Ramaपिता के वचन को निभाने चले हैं।

वचन की महत्ता बताने चले हैं।


राम -सिया संग लखन भ्रात है,

न कोई प्रश्न है , न कोई बात है।

टेढे रास्ते और नदी- जंगल कहीं

किसी को इसकी परवाह नहीं।

पीछे-पीछे पग को बढ़ाते चले हैं


कोमल मुख,सुकोमल गात है,

धनुष बाण थामें हुए हाथ हैं

पांव में पादुका भी न पहने,

साधु के वस्त्र, फूलों के गहने।

कठिनाई में मुस्कुराते चलें हैं



भरत भी अति दुख से भरे हैं।

माता के प्रति रोष ही कर रहें हैं।

इस सब की वजह है मंथरा दासी,

जिससे अयोध्या में छायी है उदासी।

चरण पादुकाएं लाने चले हैं,

प्रभु को मनाने चले हैं।

डॉअमृता शुक्ला

Read More

#Krishna

हे कृष्ण कन्हैया,ओ रास रचैया

तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।

1-नंदबाबा का लल्ला प्यारा,

यशोदा की आंखों का तारा,

माटी खा कर मुख के अंदर

ब्रह्मांड दिखा ड़ाला सारा।

पूज्य बड़े बलदाऊ भैया

तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।

2-किया पूतना का वध ,

ऊंगली पर थाम लिया पर्वत,

अर्जुन को उपदेश दिया,

संकट में द्रोपदी की राखी पत

भक्त की पुकार पर बने खिवैया

तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।

3-यमुना तीरे , कंदब के नीचे ,

मुरली बजाएं आंखें मींचे

मीठी धुन सुन सुनकर

ग्वाल ,गोपिका रीझें, सब आएं पीछे

नृत्य कर उठें ,ता ता थैया

तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।

डॉअमृता शुक्ला

Read More

#Ganesha
गणेश वंदना

हे गजवदन गणेश विनायक ,

भक्ति मेरी स्वीकारें।

मेरा अपना कोई नहीं है,

जग में सिवा तुम्हारे।


तुम बुद्धिदाता कहलाते,

कष्ट हरण कर खुशियाँ लाते।

बीच भंवर में नाव फँसी है,

तुम ही लगाओ किनारे।


माया-मोह में मन भरमाया,

बैर -झूठ का फैला साया।

मुक्त करो इस इस दुर्गम पथ से,

मेरा जन्म संवारें।


नैनन बसी तुम्हारी सूरत,

शक्ति देती पावन मूरत।

यह वरदान हमें तुम देना,

हर पल नाम उचारें।

डॉअमृता शुक्ला

Read More

#Shiva
जटा -जूट में गंगा समायी,गले लपेटे विषधर।
मृगछाला आसन है,ढमरू है त्रिशूल है कर।
त्रिनेत्रधारी, भोले भंडारी,देते हैं इच्छित वर।
हिमालय निवासी,शिव ,शंभू, त्रिपुरारी ,शंकर।
वाम -अंग में पार्वती आसीन ,संग नंदी गण।
अमृत -मंथन के समय ,पान किया सब गरल।
नीलकंठ तब ही कहाते,पिनाकी ,शशि शेखर।
डॉअमृता शुक्ला

Read More

#Janmashtmi
हे कृष्ण कन्हैया,ओ रास रचैया,

तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।

नंदबाबा का लल्ला प्यारा,

यशोदा की आंखों का तारा,

माटी खा कर मुख के अंदर ,

ब्रह्मांड दिखा ड़ाला सारा।

पूज्य बड़े बलदाऊ भैया
तुम ही माखनचोर ह्रदय बसैया।
हे कृष्ण कन्हैया,ओ रास रचैया

डॉअमृता शुक्ला

Read More

राखी के दो धागों में

भाई बहन का प्यार बसा है राखी के दो धागों में ।

आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में।

भाई भाभी को टीका कर बांधें राखी,

कमी न खलती हो बाबा और मां की ।

जोडी बनी रहे बहन ये दुआ माँगती ।

घर की खुशियों की सौगात चाहती।

रिश्तों का संसार बसा है बस राखी के दो धागों में।
आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में ।

अब बहनें सब हैं अपने घर ,

मिल न पाते रक्षाबंधन पर।

चिठ्ठी से उनको जाती राखी,

भाभी से कहना लिखे वो पाती।

यादों का अंबार बसा है राखी के दो धागों में।

भाई बहन का प्यार बसा है राखी के दो धागों में ।

आशीषों का उपहार बसा है राखी के दो धागों में।

डॉअमृता शुक्ला
#Rakshabandhan

Read More

गणतंत्र दिवस
#धर्म का  नाम लेकर न  झगड़ा करो।

ताकतवर बनते हो ,पर खुदा से ड़रो

एकता ही भारत की पहचान रही है,

देश की उन्नति में ही जियो और मरो।

छब्बीस जनवरी गणतंत्र दिवस पर ,

सद्भावना और प्रेम से  सब  बैर  हरो।

अमृता शुक्ला

Read More

Shaheed
कारगिल विजय दिवस 
यह दिन है उन शहीदों को 
श्रद्धासुमन चढ़ाने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था, 
मातृभूमि को बचाने का।
घात लगाकर बैठे दुश्मन 
अपनी चाल चल रहे थे,
सैनिको के बुलंद हौसले 
उनकी ढाल बन रहे थे,
उस ताकत के आगे ,
नहीं कम उम्र  कुछ माने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था 
मातृभूमि को बचाने का।
बर्फीली जमीन और हवाएं 
उनके पैर धंसा देती थीं,
फिर भी बंदूकों की गोलियां 
जोश से दागी  जाती थीं।
दुर्गम पथ था देर से पता लगा 
शत्रु के घुस जाने का।
जिन्होंने संकल्प लिया था  
मातृभूमि को बचाने को ।
डॉअमृता शुक्ला

Read More