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ટેરવાં કાપીને હું અક્ષર લખું. ડાયરીમાં સ્નેહના અવસર લખું. તારી સાથેના પ્રસંગો, હે સખી ! આજ મારા રક્તની ભીતર લખું -Arbaz
टूटे हुए शाख से पत्ते कुछ इस तरह लाचार थे, जीना तो चाहते थे पर मौत के हालात थे। बेवस थे इस कदर कि खुद को रोक पाये, छोडना न था शाख को पर हवा से जीत न पाये। -Arbaz
अधूरी सी कहानी दिल की और पूरा प्यार तुम, गीली पलकों की नमी और बेरहम याद तुम, अनछुआ दिल का कोना और , रुह मे घुला एहसास हो सिर्फ तुम। -Arbaz
*कोई किश्त है जो अदा नहीं है..* *साँस बाक़ी है और हवा नहीं है..* *नसीहतें, सलाहें, हिदा यतें तमाम..* *प्रिस्क्रिप्शन है पर दवा नहीं है..* *आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के* *मंज़र सचमुच अच्छा नहीं है..* *ख़ून बिका, पानी बिका, आज बिक रही है हवा..* *कुदरत का ये तमाचा बेवजह नहीं है..* *हरेक शामिल है इस गुनाह में* *क़ुसूर किसी एक का नहीं है..* *वक्त है अब भी ठहर जाओ..* *वक्त है अब भी ठहर जाओ..* *अभी सब कुछ लुटा नहीं है...!!!*
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