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" जैसें घृत के बिना , दीपक जल नहीं सकतें ... वैसे ही हम , अपनों के बिना जी नहीं सकतें " ! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh
" जो शब्द बोल दिए वो सिर्फ शब्द हैं ...! जो कहना चाहते थे , फिर भी हमने नहीं कहे, वो मर्यादा हैं " ...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh
यदि ! पानी अपनी मर्यादा तोड़े तो , विनाश हैं ...! पर ... वाणी मर्यादा तोड़े तो , सर्वनाश हैं ...!! अर्चना सिंह ✍🏻
कमबख़्त ! ग़म को भी मिलती हैं सुकून , मेरे आशियानें में ... तभी तो दस्तक दे जाती हैं, मेरे ठिकाने में ..!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh
गुनहगार तो हम थें , वो तो गलतियां करके भी महफ़िल की रौनक बन गए ! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh
लफ्ज़ ! जुबान से एक बार जो गया ... तो समझो ...! तीर कमान से गया ...!! अर्चना सिंह ✍🏻 - Archana Singh
"बहुत अनोखा बंधन हैं , महादेव मेरे निभा देना ..! जब कोई साथ ना दें मेरा , तुम साथ निभा देना"..!! अर्चना सिंह ✍🏻
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