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i write my heart, on paper as the first person I meet . Insta handle@ tiethedots
# हास्य रस "अनमोल रस का तू स्रोत" हर क्षण है इसका रस भरा जब व्यंग उत्पन्न करे यह छैल छबीला तोतले! तोतले बोल के , इंद्रधनुष के रंग बिखेरे यह नन्हे से कन्हैया का रूप भेंट करे नीरस जीवन में एक ताजा सा फूल कहे मैया मैं लाया गुलाब परंतु था वह विशाल पौधा कुरूप मुस्कुराती यशोदा सी मैया कहे "तू है मूरख ! तू कहाँ से लाया यह अनमोल फूल"। छनछन करता आचरण , चंचल मन कहे उसको की कर कोई कर्म अद्भुत मैया के हाथ से झाड़ू ले चले औरों के घर में चलाने स्वच्छता का आंदोलन " कि बचे ना कोई अब धूल।" हास्य रस जहां अपनी पूर्ण सीमा पर चढ़ा मिले उस भीड़ में ये किशोर करतब करता हुआ दिखे तवर ! तवर नाचे घुंघरू डाल के कि उससे बड़ा नर्तक की और ना कोई होये हास्य रस का मधुर मिलन जीवन के शिशु काल से मिले मेघ जीवन में खुशियों के रस बरसाए Deepti
रौद्र रस "काली स्वरूप " केश खोल चक्रवात जग में छा जाए तब ,काली का स्वरूप बाहर आए, काशी सा शीतल स्वभाव था, कभी जिसका आज उसके आँखों के दर्पण से अग्नि मे लिपटे हुए एक कोमल हृदय का छायाचित्र दिख जाए । धैर्यशील थी जो कभी , आज धैर्य का आंचल छोड़ जाए आखेट समझ लिया था जिस समाज ने उसे कभी आज उसका वह श्राद्ध किए जाए । कांच सा मान-सम्मान को वह अपने औरों की निष्ठुरता से बचाती जाए जब खींचे कोई आंचल उसका त्रिशूल से उनका संघार किए जाए घातक नहीं है वह परंतु Deepti
#श्रृंगार रस #hindipoem "निर्मोही रसिया" निर्मोही सा रसिया! जो ना देखे भीगी अखियाँ कहती है सखियाँ! करता है किसी और से यह बतियाँ नटखट सा रास रसिया, देखें औरों की चमकीली चुनरिया नयी खरीदी हैं मैंने! चमकीली ओढनियाँ, कभी इधर नजर डाल ले मेरे सांवरिया कृष्ण का संवाद तुम्हारा , हर श्रोता को लगे तू नयारा काटू वचन क्यों छलकते हैं इस हृदय बसंत पे, थोड़े मीठे बोल इधर भी सुना दे बावड़ा भंवरे, सामान स्वभाव तुम्हारा, जो सोम के लिए खरकाये औरों का दरवाजा यहां ! अनंत प्रेम बसा रखा है तेरे लिए, बस तू इस हृदय की चौखट ना लांघ, मेरे कान्हा! Deepti
लबों पे मुस्कान-ए-चांद इस जमी बरखा में लगे फूलों की झड़ी । संगमरमर की मूरत जिसकी पलकों पे, जन्नत की सारी खुशियां थी ,खड़ीं ज़हिर है ! उसकी कशिश खुद में हमनशी थी लेकिन उसकी मीठी यादें मे भी , वो कशिश की कमी ना थी l ना रूह-ए-रवाँ को उसने आवाज दी लेकिन अब तलक उसकी यादें मेरे दिल के करीब हे बसी भस्म हो जाती थी सारी हसीनाएं उसे मेरे संग देख खड़ी उसे जान कहते कहते ,मेरी जान वो कहीं चली गई..... अब इस दिल में है उसकी यादें और मेरे लबों पे एक मीठी सी मुस्कान कहीं दबी उससे जुड़ी यादों को याद कर ,आंखों में फिर भी आ जाती है नमी वो रूह से ज़हन तक, मेरे दिल के करीब थी लेकिन मेरे नसीब में बस उसकी खुशियां देने वाली यादें मिली ,इस जमीन Deepti
#hindiurdushayari इस धुन में जिंदगी का हर गीत गुनगुनाते है मेरी हर खुशी तुमसे है! ये सुन मेघ राग मल्हार गाता है पावस की बूंदे देख गंगा का जल कल-कल झूमता जाता है तेरा कृष्ण सा ! स्वभाव देख मेरा हृदय खुशी से झूमता जाता हैजमण जिस चीज में है तेरी खुशी ये दिल उसी चीज को चाहता है शबरी के जूठे बेर, राम शबरी की खुशी के लिए खाता है ना खुश हो तू ,तो मेरा हृदय भी डूबता जाता है हंसों के जोड़े की खुशियाँ का साथ एक दूसरे की खुशी से होता है Deepti
#hindipoetry दिलों में बसने वाले कभी भुलाए नहीं जाते जख्म दिलो के ,कभी दिखाए नहीं चाहते दिलजले हाल-ए-दिल औरों को सुनाया नहीं करते सैलाब उमर जाए ! "उनमें", जज्बातों का, वों बातें किया नहीं करते नन्हे से दिल के साथ खेला नहीं करते एक बार जख्मी हो जाए वो!,तो उसे अकेला नहीं छोड़ते
#hindi urdu poetry कश्ती-ए-उम्र-ए-रवाँ मे बहुत दूर चले आए हम उस शफ़क़ को पाने की कशिश में, वो सुहानी शाम ,कहीं छोड़ आए हम! वो सुकून के पल ,कहीं छोड़ आए हम.... अपनी जिद पूरी करने की कोशिश में, जद्दोजहद कर ! हवा में जो धूल उड़ाई हमने, वो अब याद-ए-दोस्त की रह गई इस धूल में कहीं दोस्ती गवायी हमने..... मोहरों से इल्फ़ थी कुछ ऐसी, कि सिक्कों कि खनक बस सुन पाए हम वो मोहब्बत आवाज देती रही हम को , लेकिन शोहरत कमाने से फुर्सत ना मिली हमको जिंदगी की कश्ती में अब समेट लिया है सब कुछ, लेकिन सुकून की रुत नहीं है इस रूख चलो आओ दूर चले जहाँ मिले जो कहीं बुल आए हैं हम कहीं उम्र की धुन में Deepti
#hindiurdu poetry हर रोज पंखुड़ियँ को गेसु-ए-महबूब समझ सहलाते हैं, बादलों के पीछे शर्म से डूबे मेहताब मे तेरी सूरत तलाशते हैं तू इधर उधर दिख जाए इसलिए रह-ए-महबूब की तलब रखते हैं तेरी खुशबू सूंघने ने की चाहत हर इत्र को ठुकराते हैं आरजू तुम्हारी है इसलिए हाजत-ए-रफ़ू गैरों की महफिलों नहीं ढूंढते हैं इस जिंदगी के मे'यार मे बस तेरे साथ की चाहत रखते है Deepti
#hindi poetry जब कोई आपकी मुस्कुराहट बरकरार रखने के लिए दुआ मांगे आपके साए की भी हिफाजत होये इस फ़िकर मे पिघला जाए उछलती हुई चेनाब से तेरे रस भरे होठों के लिए शरबती एहसास की बूंदे लाए रेगिस्तान की सुनहरी रेत छानकर तेरे लिए शीश महल बनाएं तेरे हर ख्वाब को पूरा कर अपनी सांसों से ज्यादा तुझको चाहे तुझे खुदा मान तुझे ही पूजे इससे ज्यादा इस जिंदगी में अब और क्या चाहें.....
#hindi poetry खामोशी मे भी शोर है ,कुसूर मोहब्बत का है, कि उस चाँद सी सूरत के सामने ये सूरज कमजोर है.... ना उनसे कोई रोष है, ना किसी और की सोच है इश्क की सरगोशी है कुछ ऐसी, कि अब हमें ना कोई होश है.... हिचकियाँ भी है, और सिसकियाँ भी है ये खालीपन है जिंदगी का, या दिल में बैठा कोई और है.. ये उम्र का नहीं दोष है शायद ये मोहब्बत मे मिली एक सोच है एक कस्तूरी की खोज है जिस की मेहक के आगोश में आकर बस मौज है Deepti
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