कैप्टन धरणीधर पारीक (सेवानिवृत्त)आर्मी पिता- श्री राधेश्यामपारीक जन्म स्थान - मूण्डरू सीकर निवास स्थान- जयपुर राजस्थान,मेरी शिक्षा - संस्कृत साहित्य से व हिंदी साहित्य से शास्त्री शिक्षाशास्त्री, सामाजिक संस्था - गायत्री परिवार जयपुर । कवि - लेखक, मेरी पुस्तकें- सपनों के शुभ-अशुभ फल, सूपनखा, होलिका दहन, अप्सरा, महिला पुरूषों में टकराव क्यों ?, डोगी का प्रेम, ऐसा क्यों ? , जादुई मन, और आने वाली पुस्तकें - गायत्री व्रत कथा, मृत्यु के बाद का सच,

Captain Dharnidhar लिखित कहानी "गायत्री जप कभी निष्फल नही जाता" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 81" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19952630/mahila-purusho-me-takraav-kyo-81

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महाभारत हो रहा है किधर से लड़ोगे तुम
एक तरफ धर्म है ,
दूसरी तरफ अधर्म।
एक तरफ अकर्मण्यता है
दूसरी तरफ कर्मण्यता
हमारा चयन
ही भविष्य बतायेगा
सुरक्षित रहेंगे या असुरक्षित

-Captain Dharnidhar

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मौसम करवट ले रहा है स्वास्थ्य का ध्यान रखें
चुनावी मौसम है देश के स्वास्थ्य का ध्यान रखे । सही सरकार चुने राष्ट्र हित में
मतदान जरूर करे ।

-Captain Dharnidhar

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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 80" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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जो दिल दिमाग मे होता है,वह कभी न कभी बाहर आ ही जाता है । चाहे कितने ही मर्यादित पद पर हो ।

-Captain Dharnidhar

Captain Dharnidhar लिखित कहानी "घरेलु नुस्खे" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 79" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 78" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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