कैप्टन धरणीधर पारीक (सेवानिवृत्त)आर्मी पिता- श्री राधेश्यामपारीक जन्म स्थान - मूण्डरू सीकर निवास स्थान- जयपुर राजस्थान,मेरी शिक्षा - संस्कृत साहित्य से व हिंदी साहित्य से शास्त्री शिक्षाशास्त्री, सामाजिक संस्था - गायत्री परिवार जयपुर । कवि - लेखक, मेरी पुस्तकें- सपनों के शुभ-अशुभ फल, सूपनखा, होलिका दहन, अप्सरा, महिला पुरूषों में टकराव क्यों ?, डोगी का प्रेम, ऐसा क्यों ? , जादुई मन, और आने वाली पुस्तकें - गायत्री व्रत कथा, मृत्यु के बाद का सच,

Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 72" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 71" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 70" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 69" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 68" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "होलिका दहन के पीछे छुपा है विज्ञान" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 67" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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जिस घर को संवारने में पूरा परिवार लगा रहे , मेहमाननवाज़ी में पूरा परिवार लगा रहे तो उस घर के लोग अभी प्रगति ओर करने वाले है ।

-Captain Dharnidhar

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Captain Dharnidhar लिखित कहानी "महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 66" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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