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Dipika

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@dipika9474


हरे! कृष्ण 🙏🌹
#विमुख_उन्मुख_से_परे_भी_तत्त्व_की_तल्लीनता_है

अस्ति अर्पित अर्चना में
सांस जैसे प्रार्थना अब।
भूल बैठी हूँ स्वयं को,
लीन तुम में चेतना सब।
तत्व संवेदन तुम्हीं बस,
देव! जड़ इस प्राण के हो।
मौन में मुखरित रहे तुम,
राग निस्पृह गान के हो।
तुम समाये भाव में, मैं
अर्थ के विस्तार में हूं
मैं तुम्हारे प्यार में हूँ

सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं, भगवान मधुसूदन सबके मन को मधुमय करें 🙏🌹

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આપણી પાસે બધું જ હોવું જરૂરી નથી,
પણ,
જે છે એ આપણું જ હોય એ ખૂબ જ જરૂરી છે..!!

કંઈક મજા ના ગીતો ટહુકા ઓ માં છું,
બીજા શબ્દો માં કહું તો જલ્સા માં છું,
ક્યારેક ઈશ્વર પૂછે ક્યાં પહોંચ્યા,
હું કહું કે આવું બસ રસ્તા માં છું....

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मुस्कुरा रहे है तो अच्छा है,
मुस्कुराना पड़ रहा है तो मसला है..

बारिश भी क्या यादगार पल देती है,
हर बार एक और चाय की वजह देती है..!!

सारी सीमाएं केवल
मन में मौजूद होती हैं
और केवल मन में ही
उन्हें पार किया जा सकता है...

कभी कोई विभाग गरीबों के घर भी छापा मारे, पता तो चले इतने कम पैसे में परिवार कैसे चलता हैं!

सौदा कर दिया है अब
मैंने भी उन जज़्बातों का,,,
वरना कौन देता मुझे
हिसाब उन बीती बातों का....

तन्हा सफर ही सही है
इस भीड़ से ....
हर रिश्ता थोड़ी देर में
बदल जाता है..
यूं तो शोर बहुत है अपनेपन का...
वक्त के आगे हर नकाब
उतर जाता है....

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फेरों के बाद भी शादियां नहीं टिकतीं
क्योंकि संसार के स्वीकार करने से
कुछ नहीं होता..

स्वीकार तो मनुष्य के हृदय को
करना होता है.

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