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I am a Story Writer,Song Writer and Singer,
तुझे खोने के बाद बेवाक हो चुका हूं सिर्फ जिस्म जिंदा है मैं अंदर से खाक हो चुका हूं -Shrikar Dixit
जहाँ रिश्ते रखो,वहाँ गुरुर मत रखो। तुम सब कुछ हो,ये फितूर मत रखो।पल में खाक होते देखा है मैंने परिन्दों को।हमेशा रहोगे ये सुरुर मत रखो। -Shrikar Dixit
अब वक्त कमबख्त नहीं मिलता।वो शख्स जो था सख्त नहीं मिलता।हमदर्द कहने वाले तो मिलते हैं कई।जो हमदर्द बने वो हमदर्द नहीं मिलता।... -Shrikar Dixit
दिल के ज़ज्बात जब लफ़्ज़ों में बयां नहीं होते, लफ्ज़ होते हैं मेरे हम जहां नहीं होते, कुछ तो जादू है तेरे लफ़्ज़ों मे ये कहते हैं कुछ लोग, दिल हो टूटा तो लफ़्ज़ों के आसमाँ नहीं होते.. -Shrikar Dixit
तेरी मीठी मीठी बातों से जिंदगी को चीटियां खा गई -Shrikar Dixit
कुछ बिखरे हुए से थे लफ़्ज़ इन किताबों में, समेट कर लिखा तो तेरा नाम बन गया.. इश्क़ फ़िर नहीं हुआ हमें तेरे बाद किसी से, मग़र तेरे लिये इश्क़ चीज़ कोई आम बन गया.. -Shrikar Dixit
इश्क़ में दिल अश्कों में बिखर जाते हैं, वफा रोती है बेवफ़ा निखर जाते हैं, टूट जा टूटना बेहतर है मगर तेरे लिए, सुना है टूटे हुए लोग ही अक्सर शिखर तक जाते हैं.. -Shrikar Dixit
आंसू अब कोई नई बात नहीं लगते। मेरे अपनों के दिए जख्म इतने हैं कि इनका ठहरना मुश्किल है।... -Shrikar Dixit
उलझ गया हूँ मैं दुनिया की शान-ओ-शौकत में। मैं फिर से मासूम बन सकूं इतनी फुरसत कहां।.... -Shrikar Dixit
ये वक्त कभी इतना वक्त नहीं देता।जिस वक्त जरूरत हो उस वक्त नहीं देता। हैं गम के अंधेरे भी खुशियों की महफिलों में।कोई भी मौसम हो ये हर वक्त नहीं देता।... -Shrikar Dixit
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