Quotes by GANESH TEWARI 'NESH' (NASH) in Bitesapp read free

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


मिलन-विछोह मनुष्य का, चलें काल‌ की चाल। तरु छाया में ठहर नर, ज्यों चलता‌ तत्काल।। दोहा--305
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

बीता कल आता नहीं, बढ़े आयु की चीर। ज्यों प्रवाह में बह गया, सप्त सिंधु का नीर।। दोहा--304
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

पुण्य कर्म के योग से, जीतो यह‌ संसार। इसी कर्म से हटेगा, पर्दा तम के पार।। दोहा--303
(नैश के दो७े से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

पाप कर्म के द्रव्य से, पलें कुटुम्बी लोग। किन्तु मिला जब नरक-फल, किया अकेले भोग।। दोहा--302
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

धर्म मनुज के कष्ट में, नहीं हटाता हाथ।‌ मृत्युकाल के बाद भी, रहता हर पल साथ।।‌‌ दोहा--301
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

आभूषण है मनुज का, शील और आचार। गया शील- आचार‌ तो, नर जीवन बेकार।। दोहा--300
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

केन्द्र बिन्दु है शील का, मानव का व्यवहार। शील बचे उसका नहीं, करे जो अत्याचार ।। दोहा--299
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

निज चरित्र को जगत में, रखिए बहुत विशेष। अथवा गया‌ चरित्र तो, नहीं बचे कुछ शेष।। दोहा--298
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

नमित पुरुष गुण के लिए, झुके गुणी के पाँव। लदे हुए फल से विटप, झुकें धरणि के ठांव।।
दोहा--297
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश प्रसाद तिवारी 'नैश'

Read More

अहंकार जिस पुरुष में, चले अकड़ की चाल। नहीं किसी की सुने वह, चलता सदा‌ कुचाल।।
दोहा--296
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More