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में लोगो से मोहब्बत में अनाए छोड़ देता हूं, वफाएं याद रखता हूं , जफाए छोड़ देता हूं । खुले रखता हूं दिल के रास्ते नाराज लोगो पे मैं वापस आने वालोकी खताए छोड़ देता हूं । मैं सब लोगो से मिलता हुं अदब से बात करता हूं, ये शोहरत और ये बुलंदी की हवाएं छोड़ देता हूं । कोई दिल को दुखाए तो हस देता हूं, नबी (भगवान) को याद करता हु, खताए छोड़ देता हूं ।
सुनो, कभी उन रंगों से नफरत ना करना, जो मुझे बहोत अच्छे लगते थे, रंग तो रूह को उजालते है, किसी के मुकद्दर के अंधेरों से उन रंगों का क्या लेना देना ।
ये रात हमसे बहोत प्यार करती है, सबको सुलाकर हमसे अकेले में बात करती है । 😊
ગુસ્સામાં પણ વાત કરવાનો અંદાઝ નથી બદલતા, અમુક લોકો એવા હોય છે કે ઝીંદગી ભર યાર નથી બદલતા... 😊
बर्बाद गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी था, हर शाख पे उल्लू बैठा हो तो अंजामे गुलिस्ता क्या करे...
किसी एक शाम आंसू बहाये, ये भूल पाऊंगा । पोंछे थे आंसू आपने, ये ना भूलूंगा ।।
सिख कर गया था वो मोहब्बत मुझसे, अब जिससे भी करेगा लाजवाब करेगा ।
जो सचमुच तुम्हे चाहेगा, वो तुमसे कुछ नही चाहेगा ।
जब दर्द सहने की आदत पड़ जाए तो आंसू नही आया करते ।
दुनिया के तमाम डाकखाने प्रेम से चलते हैं और कचहरियां नफरत से कोई हैरत नहीं कि डाकघर कम हो गए और कचहरियां बढ़ती चली गईं.
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