Quotes by jagrut Patel pij in Bitesapp read free

jagrut Patel pij

jagrut Patel pij

@jagrutpatel1479


अब मुझ पर हक ना जताना तुम
तेरे हिस्से का मर चुका हूँ मैं..

नज़रों को तसल्ली भी कर दे कोई शाम
दिल के बहलने को तेरा नाम काफी है

जिंदगी तेरी सफर में थकान बहोत है
थोड़ी सही उसकी याद बहोत है..

थम सा जाता हूँ शिकायतों के दौर में
यहाँ अपनों के अपनों पर इल्जाम बहोत है..

लगता है उम्र कम पड़ेगी जिंदगी के
मंज़िल मिली मगर इम्तिहान बहोत है..

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तू भी खामखां बढ़ रही ए धूप..
इस शहर पिघलने वाले दिल नहीं है..!

बद्दुआ हजार लग जाए
किसी की आदत न लगे

रेत सी चिपक जाती बहुतों की महोब्बत मेरे गीले पैरों लेकिन..!
एक शख्स समंदर सा मुझें किसी का होने नहीं देता..!!

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आहिस्ता आहिस्ता ख़त्म हो जायेंगे,
ग़म ना सही हम हि सही

पानी चुभा लब पर समंदर से तलब कैसी
इश्क़ तीखा गुलाब निगाहों को ताब कैसी

दिल पर अब इख़्तियार भी नहीं लगता
इंतज़ार होते हुए भी इंतज़ार नहीं लगता

न अदाएं देखी, न ज़ुल्फ-ए-पहर का किस्सा देखा
उसे खूबसूरत देखा, तो मुक़म्मल खूबसूरती का हिस्सा देखा