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दर्द मे भी तुझको बेहन्ताह चाहा है हमने आंसू छिपाकर तुझको हसाया है हमने तेरी हर राह मे तेरा हम साया रहे हम तुझको इस तरह कितनी मंजिल तक लाया हमने तुझको सब मिल गया जिसकी चाह थी तुझे मगर अपना सब कुछ खो कर भी कुछ ना पाया हमने तू चला गया तुझे तो बस जाना था हमे छोड़ मगर तुझको इस दिल से कभी ना भुलाया हमने बेघर पड़े इस दिले मकां की एक ही चाबी थी तू तेरे बाद कभी इस दिल से ना ताला हटाया हमने.
कब्र तक पहुंच जाते जनाब,बड़ी देर करदी आने मे वो तो हम अब तक होश मे है, बड़ी भीड़ लगी थी मयखाने मै . कुछ कर भी नहीं सकता तेरा, तू आज भी मेरा कल भी मेरा तुझसे जुदा मै रहे नही सकता ,तू पल भी मेरा तू भर भी मेरा . लगी थी आग पानी में, जमाने लगे बुझाने मे ओरो पर इतना भरोसा, बस हमसे शर्म लगी बताने मे .
नकाब हर शक्सियत बदल रहे थे हम बिना जाने क्या क्या समझ रहे थे धोका एक बड़ी चीज है ये मालूम पड़ा वरना हम छोटी छोटी बातो पर झगड़ रहे थे .
खुदा जाने क्या रोग लगा है उसको जो मुझे भुल जाने की कसमे खाने लगा है खुद से अनजान है शायद अब तक जो मुझसे दूर होने की बाते करने लगा है अगर किसी बात से खफा है तो आकार मुझे बताये यू छोटी छोटी बात पर क्यू रूठ जाने लगा है अब अगर बात हो उससे तो पता करे मसला क्या है हूँ अगर कुसुर वार तो उसकी सजा क्या है .
मुझे नही पता इश्क क्या सजा देगा लोग कहते है थोड़ा तो मजा देगा दिल की धड़कन बड़ेगी , बड़ेगी बेचेनिया रातो को कमबख्त जगा देगा यू तो इश्क पर कई किताबे पड़ी बाकी तो वक्त ही समझा देगा कभी खुशी देगा कभी गम देगा साला आँखो दरिया बना देगा .
तुमने मांगा हमने ला दिया एक अहसान था जो चुका दिया तुमसे नजर ना मिले अब शायद इतना पराया हमे बना दिया एक अहसास था तेरे होने का नाजाने किसने भूला दिया एक महक आयी तेरी ओर से शायद तूने अतर बहा दिया क्या नूर है तेरी हुस्न का ये चांद को हरा दिया किताबी थी खाली पन्नो की तुमने ये क्या लिखवा दिया हमतो बेहद समझदार थे हमको ये कहा उलझा दिया क्या करू तुम्हारा अब हमको ये कहा पहुंचा दिया कोई मजनू कहे कोई आवारा तुमने हमको ये क्या बना दिया .
मेरे खामोश और तन्हा रहने का मतलब ये नही कि मे हकीकत से अनजान हूँ बस हर किसी से रूबरू होना मेरी फितरत नही .
हम चेहरे से ही मुस्कुराये तो अच्छा है दिल से मुस्कुरायेंगे तो फसाद होगा .
कौन किसके लिए क्या है ये किसको परवाह ये मतलबी लोग है जरूरत मे सामने आयेंगे .
मौहब्बत का मौहब्बत से इजहार करने दो थोड़ा प्यार तुम्हे हमसे थोड़ा हमे करने दो बहुत पलट लिये हमने किताबो के पन्ने चलो अब अपनी मौहब्बत का अखबार पढ़ने दो .
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