Quotes by Meera Singh in Bitesapp read free

Meera Singh

Meera Singh

@meerasingh3946


साहस से जिसने जीना सीखा
हार कभी न मानी है
हर बच्चें को जिसने शिक्षित करने की
अपने मन में ठानी है।।
भाषा में जिनके अपनापन है
बच्चों के सबसे प्यारे है
शिक्षा को सरल बनाते है
अपनेपन से सिखलाते है।।
शब्दों में जिसके जोड़ नही
शिक्षा का कोई मोल नही
ये हर बच्चें का अधिकार है
जो हर बच्चें की ढाल है।।
पटना को स्वर्ग बनाया है
जिसने परचम लहराया है
पैसों की खातिर न रूकता
बच्चों का संसार है।।
डाटे भी जिनकी मीठी है
ज्यों गुड़ में लगती चीटी है
भारत के भविष्य में जिनका
बहुत बड़ा योगदान हो।।

भारत के प्रसिद्ध शिक्षक खान सर को समर्पित चंद पंक्तियाँ
कृपया आप लोग मुझे बताए खान सर की क्लास कौन-कौन देखता है।।

मीरा सिंह

Read More

अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ
फफक जाता है जब मन मेरा
मैं अन्तर्मन से लड़ती हूँ
कृष्ण के प्रेम में पड़ी ज्यों मीरा
जमाने भर से लड़ती है
अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ
सवालों से घिरा जीवन
जिसे जीती न मरती हूँ
फफक जाता है जब मन मेरा
सवालातो से लड़ती हूँ
तेरा यूँ छोड़कर जाना
तेरा जाना व न आना
तुझे बस याद कर साथी
मैं जज्बातों से लड़ती हूँ
अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ। ।

मीरा सिंह

Read More

बहुत परेशान हूँ
आकर मुझे संभाल लो।।

मीरा सिंह

होके भाई-बहन सवार
करने सृष्टि का कल्याण
आये आये है बाबा
स्वयं जगन्नाथ
जो है स्वयं काल अवतार
भर के हृदय मेें प्रेम अपार
बाबा जगन्नाथ आये है
काशी वासियों के द्वार
होके भाई-बहन सवार
शत-शत कोटि तुम्हें प्रणाम
करने हम पर ये उपकार
देकर प्रेम के मोती अपार
आये-आये है बाबा
स्वयं जगन्नाथ। ।

भगवान जगन्नाथ के चरणों में समर्पित
मीरा सिंह

Read More

जन्मदिन पर तेरे उपहार क्या दूँ
खुदा ने दिया है सबकुछ मेरे दोस्त मै तुझे क्या दूँ।
खुश रहे तू हमेशा यही दुआ है मेरी
इसलिए अपनी जान तेरे नाम कर दूँ ।।

जन्मदिन की शुभकामनाएँ
मीरा सिंह

Read More

वो खुश है किसी और के संग
तो मुझे मलाल कैसा
मैं उसे खुश भी न देख पाऊँ
तो मेरा प्यार कैसा।।

मीरा सिंह

काश तू भी मेरे हालात समझता
इस खामोशी में छिपी हर बात समझता
मुझे खुशी होती कि तू समझता है मुझे
गर तू भी मेरे जज्बात समझता
ये निगाहें भी आंसूओं का समंदर न होती
गर तू इनके अल्फाज समझता
बन्द जुबाॅ की बात समझता
दिल मेें उठा शैलाब समझता
मैं खुश होती गर तू मेरी जुबान समझता।।

मीरा सिंह

Read More

मेरे लिए इश्क का मतलब
सिर्फ तुम्हारी मौजूदगी है
तुम्हें छूना नही है
झुकती पलकों का एक बार उठ जाना
और चुपके से तुम्हें देख लेना
मेरे लिए इश्क है
तुम्हारी आंखों का वो एक नजर में
मुझे नीचे से ऊपर तक देख लेना
और मेरा तुम्हारे चेहरे से
नजर न हटना ही इश्क है
इन पन्द्रह सालों में
मैनें देखा ही नही तुम घडी लगाते हो या नही
किस रंग का है चश्मा तुम्हारा
मैं खोजती रही तुम्हारी मुस्कान के पीछे
छिपी तुम्हारी मन में वो उलझने
मेरे लिए वो इश्क है
तुम्हारे झूठ को सच मानना
तुम्हारे लिए अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान लाना
मेरे लिए वो इश्क है
मेरे लिए इश्क का दूसरा नाम तुम हो तुम। ।

मीरा सिंह

Read More

तेरे जाने से ये जीवन वीरान सा है
चले आओ मेरे साथी
कुछ बाकी मुझमे
साँस सी भी है।।
तुझे सबकी फिकर है
उस जहां में मैं नही क्यों हूँ
तुझे सबकी खबर है
तो तेरे दुख से तू अंजान क्यों है।।

मीरा सिंह

Read More

जमाने में रहकर के
जिसके लिए हम जमाने से लड़ गए
वही जनाब जमाने की खातिर
हमें तन्हा कर गए। ।
मीरा सिंह