Quotes by Narendra Parmar in Bitesapp read free

Narendra Parmar

Narendra Parmar

@narendraparmar2303


ख़ुद का बनाया धर्म ख़ुद के बनायें हुएं कायदे कानून

वो कभी किसी का धर्म नहीं होता है और ना ही किसी

का मजहब,धर्म को मापना है तो आप उनकी गहराइयों

में जाना जरूरी है क्योंकि उनके जड़ें हीं हिन्दू धर्म है बाकी

जो पैड की डाली बनकर फैला हुआ है वो कूंच लोगों का

बनाया हुआ अपना प्राइवेट धर्म है जो उनके के नाम पर

लोगों को गुमराह करते हैं उनको नहीं पता है कि वो हिन्दू

धर्म के हीं वंशज हैं ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

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मत कर तुम वफ़ा की आड़ में मुझे याद

मुझे तेरी याद में फरेब नज़र आता है

अगर में सच कहूं तो मुझे तेरे चेहरे पर

रंग बदलने वाला गिरगिट नज़र आता है ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

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शादी के बंधन में बंधते हीं पढ़ाई मेरी अधूरी रहें गई !
न समझ पाएं मुझे मेरे पतिदेव ???
न समझ पाएं मुझे मेरे सास-ससुर ???
तबसे लगता है मुझे कि एक औरत होना ही मेरी मजबूरी बन गई ।।
नरेन्द्र परमार ✍️

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शायद ही तूझे कोई मिलेगा मुझसे भी ज्यादा चाहनेवाला !
जो अपनी मोहब्बत को साबित करने के लिए अपनी जान देने वाला ।।
नरेन्द्र परमार ✍️

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✔️💯👍

ना समझ नादान है वो हसीनाएं

जो इश्क़ का बेवफ़ा का नाम देते हैं !

खुद तो जानते नहीं हैं मोहब्बत के बारे में

फ़ालतू में वो मर्दों का नाम बदनाम करते हैं ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

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नास्तिक नहीं हूं मैं,ना ही की आस्तिक हूं मैं

इन्सान के साथ इन्सानियत रखनेवाला

एक इंसान हूं मैं ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

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ऐ बंदर तो काफ़ी समझदार लगते हैं
जो समझदार इंसान को भी
ईसारो में समझानें की कोशिश करते हैं ।।
नरेन्द्र परमार ✍️

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ऐ पागलपन का दोहरा भी अजीब-सा होता है
इतना सबकुछ होते हुए भी
मेरे इश्क़ का अभी तक भूत उतरता नहीं है ।।
नरेन्द्र परमार ✍️

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नए साल में वो

फ़िर से समझौता करने आ गई !

मुझे लगता है कि वो

फ़िर से अपना विष उगलने आ गई ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

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