Quotes by Narendra Parmar in Bitesapp read free

Narendra Parmar

Narendra Parmar

@narendraparmar2303


मत पूछो आप की ?? हालात कैसे हैं हमारे

समझ लो कि हम जी रहे हैं जिंदगी के मारे ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

में सोचता हूं कि ऐ इश्क़ है क्या ????

जो इंसान अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारे वो है इश्क़

और जो इंसान अपने घरवालों की बात मानकर शादी करे

वो है जिंदगी

क्योंकि जिंदगी उन्होंने देखा है हमसे ज्यादा हमने नहीं

इसीलिए वो हमारा अच्छा सोचते हैं कभी ख़राब नहीं

फ़िर भी अगर कूच ग़लत होता है हमारी जिंदगी में

वो है हमारा नसीब इसमें हम किसीको दोष नहीं दे सकते ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

Read More

ऐसे ही कोई बड़ा रुतबा नहीं है हमारा

फ़िर भी

सबसे अलग जिंदगी जीने का तरीका है हमारा ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

जानी,मानी,बड़ी कोई,में हस्ति नहीं हूं

फ़िर भी में बड़ी हस्ति से भी कोई कम नहीं हूं ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

मैंने किसी की कहीं सुनीं बातों पर भरोसा कर लिया

जब सच सामने आया तो बहुत देर हो गया !

फ़िर भी मैंने दुबारा उसके पास जाने को सोचा था

मगर तब तक तो वो किसी और का हो गया ।।

नरेन्द्र परमार ✍️

Read More

ऐसे ही दिल नहीं टूटता है किसी का इश्क़ में

हमारा इश्क़ इश्क़ और इश्क़ उसका टाइम पास

तब दिल टूट जाता है हमारा इश्क़ में ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

लत अगर मुझे शराब की होती या फिर सिगरेट की

तो फिर कोशिश करते हुए भी वो छूट जरूर जाती !

मगर मुझे तो लत लगी है तुम्हारे इश्क़ की

अब में सोचता हूं कि ऐ आदत मुझसे कैसे छूटेंगी ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

मतलब आप हमें मत समझाइये तनहाईयों का

मतलब हम भली भांति जानते हैं !

अपनों और गैरों में क्या अंतर होता है ???

उसको हम बखूबी पहेचानते हैं ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

क्या फर्क पड़ा है मुझे तेरे आने से

क्या फर्क पड़ता है मुझे तेरे जाने से

आखिर में,में था तो तन्हा ही

फ़िर में क्यों शोक मनाउ तेरे जाने से ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Read More

सोच सबकी अलग-अलग

दर्द सबका एक

ख़ून सबका एक

जिस्म सबका अलग-अलग ।।

नरेन्द्र परमार ✍️