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Nensi Vithalani

Nensi Vithalani Matrubharti Verified

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📚✨ My Novel Niyati – The Girl Who Waited is COMPLETE! ✨📚
✍️ By Nensi Vithalani

🌸 Chapter 1 (Beginning of Niyati’s journey):
🔗 https://www.matrubharti.com/book/read/content/19979576/niyati-the-girl-who-waited-1

🎉 Chapter 25 (FINAL CHAPTER) is LIVE now!
🔗 https://www.matrubharti.com/book/19986331/niyati-the-girl-who-waited-25-by-nensi-vithalani

📅 On the last day of 2025, my novel’s final chapter is out.
From the first page to the last emotion —
✨ You can now read Niyati’s full story.

💭 A story of waiting, destiny, love, pain, and growth.
Thank you to everyone who walked this journey with Niyati 🤍📖

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My Mandala art work ✍️

बाद में… ☕🍂
बाद में चाय ठंडी हो जाती है ☕
और उसकी खुशबू भी कम हो जाती है…

बाद में मौसम बदल जाता है 🍂
धूप वही रहती है,
पर गर्मी बदल जाती है।

बाद में सफ़र बदल जाता है 🚶‍♂️
रास्ते वही रहते हैं,
पर हम थक जाते हैं…

बाद में ख़्वाब बदल जाते हैं 💭
जो कभी सब कुछ लगते थे,
वो सिर्फ़ यादें बन जाते हैं।

बाद में अल्फ़ाज़ बदल जाते हैं ✍️
जो कभी सच थे,
वो समझौते बन जाते हैं…

बाद में एहसास बदल जाते हैं ❤️
मोहब्बत धीरे-धीरे
आदत बन जाती है।

बाद में वक़्त सब सिखा देता है ⏳
पर जो सीखना होता है,
वो देर से समझ आता है।

बाद में हम भी बदल जाते हैं 🌙
जो कभी किसी के लिए रुकते थे,
वो ख़ुद के लिए चलना सीख जाते हैं।
और हाँ…

बाद में लोग बदल जाते हैं 👥
या शायद पहले जैसे लगते थे,
बस बाद में उनकी असलियत नज़र आ जाती है।

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अपेक्षा में हम मुट्ठी बंद रखते हैं—अपनी चाहत, उम्मीदें और अधिकार जकड़ लेते हैं। इसी जकड़न में रिश्ते और भावनाएँ धीरे-धीरे मुरझा जाती हैं, जैसे हाथ में दबा हुआ फूल।
त्याग में हथेली खुली होती है—बिना शर्त देना, स्वीकार करना और मुक्त छोड़ देना। खुला मन ही प्रेम, शांति और सच्ची खुशी को खिलने देता है, जैसे खुली हथेली में खिला फूल।

✨ सीख: जहाँ अपेक्षाएँ बोझ बन जाती हैं, वहीं त्याग जीवन को हल्का और सुंदर बना देता है।

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