भरोसा काँच कि तरह होता है एक बार टूट जाए तो कितना भी जोड़ो चेहरा अलग अलग ही दिखाई देगा।।

हम अपनी कश्ती को साहिल में उतरेंगे जरूर
इन्तजार उस तूफान का है जिसे डुबाने का है गुरुर

-pradeep Kumar Tripathi

कभी सोचा नहीं था इश्क में यूं समंदर होना
जो कुछ मीठा था ले गई अब बचा ही है खरा होना

-pradeep Kumar Tripathi

अब लगता हैं कि पूरे, सारे सपने होने वाले हैं।
मौत करीब आ रही अब, सब अपने होने वाले हैं।।

-pradeep Kumar Tripathi

काश वो रास्ते में मिल जाए
और वो रास्ता आखिरी हो मेरा

-pradeep Kumar Tripathi

आप कैसे इतने गहरे रंग में ढले रहते हो।
कमीज ने रंग छोड़ दिया आप कैसे बने रहते हो।।

-pradeep Kumar Tripathi

जिंदगी इतनी लंबी है कि "ये पल आखिरी" है

-pradeep Kumar Tripathi

हर महफिल में अदाकाराएं आती हैं जुदा जुदा
हम अपने गमों को किसको सुनाएं खुदा

-pradeep Kumar Tripathi

घर में एक दरवाजा है, दरवाजे पर नजरें हैं ।
आप हमारे घर आए हो, हम क्यों बाहर बैठे हैं ।।

-pradeep Kumar Tripathi

उनका रूठना इस बात की गवाही देता है
हुनर मोहब्बत की आज भी कम नहीं मुझमें

-pradeep Kumar Tripathi

दोस्त होना ये सिखलता है हमें की अभी भरोसा जिंदा है

-pradeep Kumar Tripathi