नाम ; डॉ. प्रणव भारती  शैक्षणिक योग्यता ; एम. ए (अंग्रेज़ी,हिंदी) पी. एचडी (हिंदी) लेखन का प्रारंभ ; लगभग बारह वर्ष की उम्र से छुटपुट पत्र-पतिकाओं में लेखन जिसके बीच में 1968 से लगभग 15 वर्ष पठन-पाठन से कुछ कट सी गई  हिंदी में एम.ए ,पी. एचडी गुजरात विद्यापीठ से किया |      शिक्षा के साथ लेखन पुन:आरंभ  उपन्यास; ----------- -टच मी नॉट  -चक्र  -अपंग  -अंततोगत्वा  -महायोग ( धारावाहिक रूप से ,सत्रह अध्यायों में दिल्ली प्रेस से प्रकाशित ) -नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि  -गवाक्ष  -मायामृग  -शी डार

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शुभ रात्रि

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सभी गुरुओं को हार्दिक नमन जिन्होंने इस संसार में आँखें खोलने के क्षण से आज तक हर पल सिखाया व सिखा रहे हैं। 🙏

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स्नेहिल सुभोर 🌹सर्वे भवन्तु सुखिनः

स्नेहिल सुभोर मित्रो 🌹
सर्वे भवन्तु सुखिनः

सभी भाई - बहनों को पावन पर्व की मंगलकामनाएँ 💐💐

बाँध लिया धागे में मैंने स्नेहिल सा आशीष,
भाई सभी आनंदित होंवें सदा मेरे जगदीश!

कंटक न छू पाए उनको,बहना चुन लेगी सब,
कौन किसे कैसे मिलता है, यह तो जाने वो रब।

जब धुंधली होती हैं राहें एक - दूजे को संभालें,
सबको मिलें आशीष सभी मिल , गाते रहें

तराने।।

स्नेह सदा

डॉ प्रणव भारती

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सुभोर स्नेही मित्रो💐

किसी का साथ निभाना बहुत ज़रूरी है
किसी के काम आ जाना बहुत ज़रूरी है
के रंज़ोग़म से भरी आज की इस दुनिया में
कोई तो ख़्वाब सजाना बहुत ज़रूरी है।।

डॉ प्रणव भारती

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मिलना ख़ुद से ख़ुद का
यूँ तो होता नहीं
चलो, कोशिश छोटी सी
ख़्वाब में ही सही!!

सर्वे भवन्तु सुखिनः न केवल नारा हो। माँ, बहन, बेटी की सुरक्षा अभियान हमारा हो। 🫡

एक बहुत पुरानी लिखी हुई रचना की कुछ पंक्तियों का पाठ।
शुभ रात्रि मित्रो 🙏

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स्नेहिल सुभोर 💐सर्वे भवन्तु सुखिनः