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RACHNA ROY लिखित कहानी "प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३६" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962793/pyar-ek-anokha-rishta-36
RACHNA ROY लिखित कहानी "वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 32 अंतिम भाग" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962328/wo-ankahi-bate
जब रात में.......
सबको गरम-गरम परोसती हूं, और खुद ठंडा ही खा लेती हुं।। तब भी मां मुझे याद आती हो।।
अब मेरी सुबह 6:.00 बजे होती है, और रात के 12:00 बजे जाते हैं।।। तब मां तुम बहुत याद आती हो।।
नवविवाहिता बेटी का अपनी मां के नाम एक ख़त मां तुम बहुत याद आती हो।
लफ़्ज़ों में बेरुख़ी दिल में मलाल रहने दो हमसे मुत्तालिक वो तल्ख़ ख़्याल रहने दो बांकी जो बचे हैं वो दिन भी गुजर जाएँगे उलझे हुए सब वक्त के हैं सवाल रहने दो बेतक़ल्लुफ है आज हमसे हरेक ग़म तेरा अब किस बात पे उठे नए बवाल रहने दो कुछ भी नहीं है बदला वक्त के निज़ाम का फिर तुम ही क्यों बदलो बहरहाल रहने दो अब उम्र ही कितनी बची है कैदे हयात की रंजिशें गर दिल में है तो इस साल रहने दो कुछ दिन इन आँखों में समन्दर बसर पाए कुछ दिन इन जख़्मों को खुशहाल रहने दो यूँ ही उदास होके गुमसुम से मत खड़े रहो आईने के मुकाबिल जलवे जमाल रहने दो..!!
RACHNA ROY लिखित कहानी "प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३५" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962330/pyar-ek-anokha-rishta
psychology के अनुसार आप जिसे सबसे ज्यादा चाहते हैं उसमें सबसे ज्यादा ताकत होती है आपको रूलाने की। -RACHNA ROY
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