Hey, I am on Matrubharti! I am born and broughtup in Varanasi.I have done M.A in Psychology.Since childhood i had flare of writing short stories,poem,sairi etc,also love to drawing sketch.By profession i am a school teacher with experience of 10 yrs. Currently settled in Mumbai .Married living with husband and son.

Thanks 🙏 all of you guys for supporting me and encouraging me ... thanks 🙏

दिल के सच्चे लोग भले ही अकेले रह जाएं लेकिन उनका साथ भगवान हमेशा देते हैं। शुभ दोपहर दोस्तों

-RACHNA ROY

RACHNA ROY लिखित कहानी "अतीत के पन्ने - भाग 31" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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किसी के लिए खुद को बदलने की जरूरत नहीं है। अपने आसपास के वातावरण को बदलने की कोशिश करो।खुब सारे पेड़ पौधे लगाएं उनसे बातें करो , उनके साथ ही अपनी खुशियां ढूंढ लो।।
शुभ संध्या

-RACHNA ROY

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होली रंगो का त्योहार है।
गुजियों की बहार है।
आओ सब मिलकर खेलें।
क्योंकि होली रंगो का त्योहार है।
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं। होली को कभी ऐसे मनाकर देखें जैसे कि किसी की मुस्कुराहट की वजह आप बन सकें।

-RACHNA ROY

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RACHNA ROY लिखित कहानी "सात फेरे हम तेरे - भाग 40" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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good morning 🌄

good evening 🌆

ईंटों को कभी गौर से देखिए तो अस्पष्ट सा छवि प्रतीत होता है। कहने को ईंटों से बने घर इस अस्पष्ट छवि रुपी रिश्तों की वजह से टूट कर बिखर जाते हैं।
शुभ प्रभात मित्रो।

-RACHNA ROY

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