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"जो इश्क़ लिखूँ तो करुँ कब"

"जो इश्क़ करुँ तो लिखूँ कब"

“तन को मीरा कर लिया…मन को किया कबीर,

बची ना कोई आस फिर,बची ना कोई पीर।”