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परिस्थितियां कई बार ऐसी दिशा में ले जातीं हैं जहाँ हम जाना नहीं चाहते. फिर तो दिशा और दशा दोनों ही बदल जातीं हैं. -डॉ अनामिका-- #हिंदीशब्द #हिंदीकाविस्तार #हिंदीपंक्ति
जब देखो ऐसा देखो जैसे अंतिम बार आपके द्वारा देखा जा रहा हो..
लहजा अपना ठंडा रखें जनाब गरम तो हमें सिर्फ चाय पसंद है😂 पीने वाले दो चाय छः ---डॉ अनामिका--
उन सभी दृश्य-अदृश्य परिस्थितियों को जिसने मुझे सिखाया.. उन सभी देवतुल्य मार्गदर्शकों जिन्होंने मुझमें सेवाभाव भरा. उनके चरणों में मेरा आत्मवंदन . आप ऐसे ही मुझे सजग रखें.. ताकि मैं भावी भविष्य की सेवा में सदैव तत्पर रहूँ... ---डॉ अनामिका----
राजनीति का संपूर्ण स्वरूप बहुत ही नंगा है समय की नजाकत को देखकर यह गिरगिट की तरह रूप बदलने में ज्यादा वक्त लेता.. --डॉ अनामिका---
जज्ब़ात को दरकिनार कर, हरबार संभलते गए कश्तियाँ थी काग़ज़ की इक ठोकर से बिखर गए. ---डॉ अनामिका---
काश!तुम सदाबहार रहते महकता रहता घर आंगन.. - सुरभि बन बयार संग खो जाता तन मन.. -- इतनी जल्दी क्यों जाना? बारिश में भी रूक जाओ न.. ----- गुलमोहर सा हो जीवन सबका ऐसा कुछ कर जाओ ना.. ---- अबकी बार जो तुम आओ फिर कभी जाओ ना.. -डॉ अनामिका- #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्ति #ऊर्दूअल्फ़ाज़
बरखा रानी पाती से अपना संदेशा पहुंचा रही... हरियाली के रंग में रंग कर फुहारों से धरा नहला रही.. धानी रंग की चूनर से खूबसूरती को बढा रही... --डॉ अनामिका-- #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्ति #हिंदी_का_विस्तार
वक्त के गुजर जाने के बाद ही वक्त का अहसास होता है... परछाईंयों का कद कितना तजुर्बेकार है वैसी परिस्थितियों का विस्तार होता है.. --डॉ अनामिका---
वो मसरूफ़ क्या हुआ सभी मग़रूर गए वो फुरक़त में रहा लोग उससे दूर हो गए.. ---डॉ अनामिका--- #हिंदी_का_विस्तार #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्ति #ऊर्दूअल्फ़ाज़
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