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Saroj Prajapati

Saroj Prajapati Matrubharti Verified

@saroj6130
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मस्तक जिसके हिमालय विराजे,
पवित्र गंगा चरण पखारे
रक्षा में जिसके खड़े रणबांकुरे, रात दिन सीना ताने.....
शान में जिसके लहराए तिरंगा, शहीदों की शहादत संभाले
युग आएंगे युग जाएंगे...... भारत का गौरव गान फिजाओं में यूं ही सदियों तक गाएं जाएंगे।
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सरोज प्रजापति ✍️

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कुछ जज्बातों को नहीं मिलते कभी लफ्ज़
कुछ लफ्ज़ कभी नहीं उतर पाते पन्नों पर
ताउम्र दफन रहते हैं ये दिल के किसी कोने में
वक्त बेवक्त दर्द बनकर उभर आते हैं बस चेहरे पर।।
सरोज प्रजापति ✍️

- Saroj Prajapati

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यूं ही चलती रहेगी जिंदगी की जद्दोजहद
जिंदगी से जुड़े मसले हों शायद ही कभी हल
तो क्यों दिल को जलाना, क्यों वक्त यूं ही गंवाना
खुश रहिए हर हाल में गुनगुनाते हुए जिंदगी का तराना।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati

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माना बहुत व्यस्त हो
घर परिवार की जिम्मेदारियों निभाने में
दूसरों का हाल-चाल पूछने और सामाजिक औपचारिकताएं निभाने में ।
लेकिन कभी खुद से भी कर लिया करो एक मुलाकात
जान लिया करो कभी अपने दिल के भी हाल चाल ।
अपने शौक और पसंद को भी थोड़ा सा वक्त दिया करो
यहां दूसरों की उम्मीद पर खरा उतरने थोड़ी ना आए हो
मिली है एक जिंदगी तो इसे कभी अपने हिसाब से भी जिया करो।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

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ज़िन्दगी के कई पाठ देर से समझ आते हैं
और जब समझ आते हैं
तो ज़हन में ऐसे बस जाते हैं कि
फिर ताउम्र भुलाए नहीं जाते हैं।।
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

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सुबह आंख खुलते ही घड़ी पर नज़र दौड़ाई
घड़ी के आगे बढ़े कांटे देख, गुस्से से मैं बड़बड़ाई
आज इतनी देर तक तू कैसे सोते रह गई
हे भगवान! तू कब से इतनी लापरवाह हो गई
हाथ मुंह धो जैसे ही किचन की ओर बढ़ी
सबको चैन से सोता देख
एकदम से मेरे दिमाग की बत्ती जली
पगली! आज इतवार है
बेकार में ही तू इतनी जल्दी जगी
दुबारा सोऊं या कमर कस लगूं समेटने काम
वैसे भी है आज इतवार और दिनों से होंगे दुगने काम
आराम काम के बीच में हो रही थी दिमाग की दही
मैंने भी कर दिमाग को दरकिनार अपने दिल की सुनी
तानी फिर से चादर और इतवार की मीठी नींद लेने चली।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

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दिखावे हेतु किए गए कर्म
अपना महत्व व अर्थ खो देते हैं ।।
सरोज ✍️
- Saroj Prajapati

दिन है कम और हसरतें हैं तमाम बाकी, थोड़ा ठहर जा ऐ जिंदगी! तुझसे भी जरूरी कई काम है अभी बाकी।
सरोज ✍️
- Saroj Prajapati

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हम आकर बैठे उनके पहलू में
और वो अपने ही ख्यालों में गुम हैं
ऐसा नादां सा मेरा हमसफ़र है।
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

आंसुओं की भाषा और दिल के जज्बातों को
हर कोई समझता कहां
तो फिर क्यों सबके सामने इन्हें व्यर्थ बहाना!!
क्यों सबको अपनी दुःख तकलीफों का दुखड़ा सुनाना
लोग सुनेंगे और देंगे तुम्हें झूठी तसल्ली लेकिन
पीठ पीछे वही तुम्हारे ,जज्बातों का माखौल उड़ाएंगे
इसलिए मत ढूंढिए कोई कांधा आंसू
बहाने और अपना दिल ए हाल सुनाने के लिए
खुद को करिए मजबूत,खुद सुलझाइए ना अपनी
उलझनों को और हां इन आंसूओं को कमजोरी नहीं,
अपना संबल बनाओ,कुछ वक्त जरूर लगेगा
लेकिन देखना आज नहीं तो कल अपनी मुश्किलों से
लड़ने का हौंसला आपको जरूर मिलेगा।।
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

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