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#खुश खुश हूँ कि तुमने दुःख दिए हैं बहुत कि इन दुखों में सुख खोज लिया है अब सीमा असीम
पेड़ की यह विलक्षण प्रतिभा ही तो होती है कि वह हमें देता है फल फूल छाया ठीक उसी तरह इंसान भी जिसमें छुपा होता है प्रेम दया भाव और करुणा...... बिना प्रेम के इंसान बेकार है उसी तरह से, जैसे बिना फल फूल का पेड़ ll सीमा असीम #विलक्षण
नहीं रहा संतुलन अब जिंदगी में इश्क ने दिल को बेचैन कर दिया #संतुलन
#सामान आप किसी सफ़रमें जितना कम सामान रखेंगे आराम, सुख और खुशियाँ उतनी ज्यादा होंगी !! सीमा असीम
बाहों में भर लूं आसमां पंख पसार के उड़ जाऊं
हमारा चरित्र एक वृक्ष के समान होता है हमारा सम्मान वृक्ष की छाया की तरह होता है
हमारा सरल होना हमारी कमजोरी बिलकुल नहीं हो सकती... सीमा असीम
बेईमान और धूर्त व्यक्ति बेहद बेशर्म होता है
जिंदगी में अगर दुख नहीं होते तो हम मजबूत नहीं होते ना हम कभी कुछ सीख पाते जरूरी है दुखों का होना सुख से ज्यादा
लघुकथा सीमा असीम, सक्सेना अमीर वो दंपति एक फाइव स्टार होटल मे ठहरे हुए थे ! उनका 6 माह का दुधमुहा बेटा भी साथ था ! क्या एक कप दूध मिल जायेगा सर ? माँ ने होटल मैनेजर से पूछा ! हाँ ! 100 रुपए मे मिलेगा ! ठीक है दे दो ! अगली सुबह जब वे कार से जा रहे थे तो बच्चे को फिर से भूख लगी ! कार को टूटी फूटी झोपड़ी वाली चाय की दुकान पर रोका और बच्चे को दूध पिलाकर उसकी भूख को शांत किया ! दूध के पैसे पूछने पर बूढ़ा दुकान मालिक बोला, हम बच्चे के दूध के पैसे नहीं लेते अगर आपको रास्ते के लिए चाहिए तो अधिक दूध लेती जाओ !
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