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Rushil Dodiya

Rushil Dodiya

@shailendra5832


तुम से बातें करना कोई नई बात नहीं थी मगर
बस एक ताज़ा ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है

- rushil

एक शाम के पर्दे से
इक रात गुज़रती है
तारों के घनेपन तक
इस मोड़ से जाते है

- rushil

दिल को पता नहीं
दिल ने सुना नहीं
वो बात जब हुई
दिल था यहीं कहीं
मुझ को बुलाके
कानों में सुनाके
फिर इक दास्तां छिड़ी..

- rushil

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पंख लगा के उड़ जाना तुम खुले आसमां में
सितारे भी चूम लेंगे तुम्हें बाहें थाम के

- rushil

दिल पर पड़ा जब दिमाग का साया
उसने वफ़ा के सिवा सब अपनाया

- rushil

अगर मांग लेता मैं तन्हाइयाँ भी
मेरे साथ चलती ये हैरानियाँ भी

वो बदनाम होते तो है पर कुछ ऐसे
कि देखो उठाते है बदनामियाँ भी

उसे खोलता हूं तभी आदतन ही
अकड़ सी दिखाती है अलमारियाँ भी

हवा कर न पाई दिए को परेशाँ
हवा हो गई सब परेशानियाँ भी

ये आँखें बताती है सच सच कहानी
कि मासूम होती है मासूमियाँ भी

- rushil

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झगड़ना मेरा ये तुम से था
के तुम मेरे या हम तेरे हो गए

- rushil

सुन.. दिल क्या कह रहा सुन.. दिल का कहना सुन..
हुआ मैं दीवाना तब से
देखा है मैंने तुम्हें जब से

चुन.. इस पल को ज़रा चुन.. पल के नशे को चुन..
पल पल मेरा है तुम से
पल पल फिदा हूं तुम पे

बुन.. ख़्वाब हज़ारों बुन.. ख़्वाब ओ खयालों को बुन..
मेरे ही ख्वाबों में तुम हो
मेरे खयालों में तुम हो

- rushil

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कहीं तो मेरी कलम चले
फिक्र ओ ज़िक्र के वास्ते चले..

- rushil