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मुझे समझौता पसंद नहीं था , पर वह ज़िन्दगी बन गया , कभी किसीकी चीज़ माँगना अच्छा नहीं लगता था, फिर भी माँग लिया कभी कभी, आधा अधूरा कुछ भी नहीं चाहिए था, पर नसीब में सब आधा अधूरा और “दूसरो” के साथ बटा हुआ ही मिला 😇
શ્વાસે શ્વાસે લડી રહી છું , હું મૌન બની ને , અંદર અંદર પોતે જ સળગી રહી છું, હે નાથ, બહાર થઈ શાંત છું, પણ અંદર વિચારો ના વાવાઝોડા એ ઘેરાઈ ગઈ છું 😊😇🩶
आज यकीन हुआ वो बहाने ढूँढ रहे थे, हमसे दूर जाने के………. मैंने नाराज़ होकर उनका काम आसान कर दिया ……..😇
सोचो आप एक पुस्तकालय में बैठ कर किताब पढ़ रहे हो और वहाँ की सूचना “दोबारा अगला पन्ना पलटने का विकल्प आपके पास नहीं है” फिर से सोचो “ आप उस हर पन्ने को कितना ध्यान से पढ़ोगे ?” बस ज़िन्दगी यही है !!!!! 🙏😇🩵💜
आज एक बात ज़हन में आई, “विश्वास” का पौधा लगाने से पहले “ज़मीन” परख लेनी चाहिए क्योकि हर मिट्टी “उपजाऊ” नहीं होती 🙏🙏🙏🩶🧡
गंगा की लहरो में बहता हुआ राख का साँप टूटकर बिखर चुका था, और नदी फिर उसी तरह बहने लगी थी, जैसे कभी कुछ हुआ ही न हो !!!!!!🙏😇
ये बहुत हसने वाले लोग, जब भी भगवान ने बात करते है ना ! तो रो पड़ते है 😊😃🙏
वो वैभव नहीं वैराग्य जीता है ,,, मैं उसे क्या अर्पण करूँ ???? “जो अमृत को छोड़ कर “विष” पीता है”🔱🙏❤️
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