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Soni shakya

Soni shakya Matrubharti Verified

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जाने क्यों डूब जाती हूं,
हरबार इन्हें देखकर ..!!
एक दरिया है या पुरा समंदर है ,
तेरी आंखें..!!!
- Soni shakya

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

तेरे बिन...

तु साथ था तो वक्त परियों सा उड़ जाता था,
अब हर घड़ी सदियों सी लगती है.. तेरे बिन
हर खुशी दिल के आंगन से रुठ सी गई है,
जिंदगी जैसे थम सी गई है... तेरे बिन
सपनों में भी तेरी परछाई उतर आती है,
निदं भी जगा कर रखती है... तेरे बिन
जुदाई का दर्द अब सांसों में बसा है,
दिल भी तन्हा, उदास सा है... तेरे बिन
- Soni shakya

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🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

अगर डर है--
लोगों का,
वेदों का,
तन का,
मन का,
तो एक बात ख्याल रखना ..
फिर प्रेम के रंग में नहीं भीग सकोगें
ओशो
- Soni shakya

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क्यों भटकते हो बादलों की तरह इधर-उधर,
कभी यादों में ,
कभी ख्वाबों में ,
बरस भी जाओ अब दिल के आंगन में
एक बार --बारिश की तरह..!!!!
- Soni shakya

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🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

good morning 🌄

सिमटी हुई ये घड़ियां फिर से ना बिखर जाए,
इस रात में जी ले हम इस रात में मर जाए।

हालात के तीरो से छलनी हे बदन अपने,
पास आओ के कुछ ज़ख्म तो भर जाए।

तरसे हुए जज्बों को और ना तरसाओ,
तुम साने पर सर ‌रख दो हम बाहों में भर जाए।
- Soni shakya

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