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"अपनी चौखट पर दिया जले या न जले दोस्तों का जहां रोशन होना चाहिए " - Soni shakya
क्या इतना सन्तोष काफी नहीं? कि_ कोई है जिसके दिलो-दिमाग में हम है! कि _कोई है जिसके विचारों में हम है। कि_ कोई है जो अनायास ही मुस्कुरा देता है, हमारा ख्याल आते ही। कि _कोई है जिसकी आंखें नम हो जाती है, हमारे ख्यालो से...!! - Soni shakya
"कुछ प्रेम नहीं होते मिलने के लिए , न ही साथ रहने या चलने के लिए! एक दुसरे के पुरक होते हुए भी , होते हैं _अधुरे रहने के लिए !! वनवास सा जीवन जीते हुए होते हैं __ अनकहे अनसुने से रहने के लिए..!!! कुछ प्रेम होते हैं सिर्फ... पीड़ा बनकर तड़पाने के लिए...!!!! - Soni shakya
"हवा के झोंके सा आया वो, दिल उड़ा ले गया! और हम ... खुशी खुशी कंगाल हो गए ..!! - Soni shakya
"यु तो मिलने को बहुत से चेहरे मिले इस ज़िन्दगी में पर... तुझ जैसीे मोहब्बत मुझे खुद से भी नहीं हो पाई ...!! - Soni shakya
"पुरी श्रृष्टि प्रेम पर टिकी हुई है , प्रेम का मतलब समर्पण, और समर्पण का मतलब न प्रश्न न उत्तर ....!! - Soni shakya
प्रेम.... प्रेम का ताना बाना, जिसने जितना समझा उसने उतना माना। किसी ने पाना ,किसी ने खोना तो किसी ने निभाना जाना। जिसने जितना समझा उसने उतना माना। कोई प्रेम में रोया, कोई प्रेम में खोया किसी ने पूजा तो किसी ने सजा जाना। जिसने समझा उसने उतना माना। किसी ने दुख, पीड़ा ,तड़प जाना तो किसी ने सुख, चैन , सुकुन माना जिसने जितना समझा उसने उतना माना। किसी ने सुबह ,शाम ,रात जाना तो किसी ने पूरा धरती, आसमान जाना जिसने जितना समझा उसने उतना माना। किसी ने तन का ,किसी ने मन का तो किसी ने आत्मा का संगम जाना। जिसने जितना समझा उसने उतना माना। किसी ने राधा की प्रीत ,किसी ने मीरा की भक्ति तो किसी ने साबरी का इंतजार जाना, जिसने जितना समझा उसने उतना माना। लेकिन... क्या.... वास्तव में किसी ने परम प्रेम को जाना ,माना, समझा या पहचाना है.....???
"तुझपे हक जताना अच्छा लगता है ...! एक तु ही है, जिसे सब बताना अच्छा लगता है ...!! - Soni shakya
""ज़िद ने डुबो दिया वर्ना , हम भी दोस्त थे ...कमाल के - Soni shakya
कह दो जो... कहना है क्यों तुम्हें मौन रहना है। क्यों रोकना है तुम्हें अपने आप को । बहने दो नयी उमंगों ,नयी तरंगों को मन में .. इतना क्या सोच समझकर बोलना है ? इतना क्यों व्यवस्थित रहना है ? कभी दिखावे के लिए मुस्कुराना है , तो कभी सच को छुपाना है। तो कभी मन को मारना है कह दो जो कहना है? नहीं कह पाए तो तुम....बन्जर हो जाओगे!! कह दो जो कहना है। कहने से फैसले हो जाएंगे, न कहने से सिर्फ... फासले होंगे !! - Soni shakya
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