hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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नया सवेरा By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

भास्कर और चांदनी के बीच रोज - रोज की बहसबाजी से दोनों की एकमात्र संतान किरण जो की अभी चौथी क्लास में थी , परेशान होती रहती। उसके समझ में नहीं आता था कि कौन ग़लत है और कौन सही। हाला...

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बड़े होकर तुम क्या बनोगे By DIPAK CHITNIS. DMC

बड़े होकर तुम क्या बनोगे DIPAKCHITNIS(dchitnis3@gmail.com) एक दफा में एक स्कूल में गया था l पहली कतार में बैठा हुआ पहले लड़के से मैंने पूछा, “ तू कौन है ?” उसने कहा, “ब्राह्...

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जीवन ऊट पटाँगा - 1 - डाकुओं के चंगुल से By Neelam Kulshreshtha

एपिसोड -1 डाकुओं के चंगुल से नीलम कुलश्रेष्ठ ज़िंदगी होती है बेतरतीब, बड़ी ऊट पटाँग, थोड़ी सी बेढब, थोड़ी सी खट्टी मीठी, हंसी और आँसुओं की पोटली, अकल्पनीय बातें आपके रास्ते में फेंकती...

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सरप्राइज By S Sinha

कहानी - सरप्राइज मैं ग्रेजुएशन कर चुकी थी . मेरे माता पिता मेरी शादी के लिए अच्छे वर की तलाश में थे . मेरे पिता के पास...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

हम काहाणी शुरु करते हे नंदिनी और ‌‌राज शिवमंदिर मे होते हे तब कोछ शेतान उन्हे मार देते है तब वाहा पे नागेश्वरी आती है तब वो मोहिनी को उठा लेती हे तब वो बोलती हे शिवजी इसे मे संभाल...

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पिताजी By Darshita Babubhai Shah

यहां आएं, फॉर्म भरें। क्या आप रोगी से संबंधित हैं? भइया क्या हुआ बेन सिर में मारा गया है। क्यों? मुझे नहीं पता, मैं इसे उसके ससुर से लाया था। रक्तचाप? पता नहीं नहीं मिला। उल्टी? पत...

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चाचीजी का प्रेम By Anand M Mishra

सदा की तरह वार्षिक अवकाश में अपने गृहनगर पहुंचा। अपने चाचाजी के यहाँ मिलने के लिए गया तो दादी की तस्वीर पर ‘हार’ चढ़ा देखा। मन में दादी के साथ बिताए पल याद आने लगे। कैसे दादी कम संस...

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एक नई राह By राज कुमार कांदु

अमित भट्टाचार्य जी की पत्नी बीमार थीं। परिवार में और कोई नहीं था इसीलिए उन्होंने आज दफ्तर से अवकाश लिया हुआ था। खुद कभी किचन में झाँकने का मौका कभी मिला ही नहीं था। उनकी पत्नी रश्म...

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आत्महत्या By Kishanlal Sharma

"मेरा हाथ क्यों पकड़ा?"वह एक लड़की से प्यार करता था।लड़की भी उसे चाहती थी और उससे शादी का वादा कर चुकी थी।एक दिन एक अमीर उसकी जिंदगी में आ गया और उसने उस अमीर से शादी कर ली।प्रेमिका क...

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अस्तित्व By Jayu Nagar

नमस्ते। आशा करती हु इस covid महामारी मे आप सब सुरक्षित और कुशल होगे। ये मेरी पहली लघुकथा है जो में मातृृृभारती में प्रकाशित करने जा रही हूँ। आशा करती हूँ ये लघुकथा आपको पसंद आए...

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तुम साथ हो जब मेरे... By Ravi maharshi

यह कहानी है एक ऐसे परिवार की जो लॉक डाउन होने के बाद मुसीबतों का सामना कर रहा था और एक दिन उसे आशा की किरण दिखती हैसंदीप एक पढ़ा-लिखा नौजवान है लेकिन वह कुछ परेशान...

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....... By zeba Praveen

पहली बार वह मुझे तब दिखी थी जब वो पौधों में पानी डालने आयी थी, उसके होंटो पर हँसी जैसे चिपक सी गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो पेड़ पौधों से बातें कर रही हो, अपने दुपट्टे को पौधों पर ल...

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तारू - 1 By Sruti

आज तारू अपने घर आने वाली थी। घरमे कोई खुश नही था उसके आनेसे। तारू पूरे चार साल अपने परिवार से दूर रही है। तारू को भी उसके परिवार से लगाव नही था वी भी...

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मास्टरनीजी By S Sinha

कहानी - मास्टरनीजी सरला ने बी ए पास करने के बाद कुछ समय तक नौकरी पाने का प्रयास किया था ....

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खुशनसीब By भूपेन्द्र चौहान“राज़”

“प्रिय रवि, सुना है,अभी तुम्हारा वहाँ मन नहीं लग रहा है। वापस घर आने का मन बना रहे हो, ऐसा कुविचार तुम्हारे मन में क्यूँ आया? बताओ ऐसी भी क्या वजह हो गयी, रजनी बता रही थी, भैया स...

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आधुनिक गिरगिट By Anand M Mishra

राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय का समाज में बहुत नाम है। यहाँ से पढ़कर निकलनेवाले छात्र उच्च पदों पर सुशोभित हैं। इस विद्यालय को सजाने-संवारने में यहाँ के अध्यापकों, शिक्षकेतर कर्मचारि...

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टिकैत बाबा और मनचाहे गीत By Bhupendra Singh chauhan

तब रामू की उम्र 13-14 वर्ष रही होगी जब वह अपनी भैंस चराने दूर खेतों में ले जाता था।हर रोज दोपहर 3 बजे स्कूल से आने के बाद वह झटपट खाना खाता और अपनी प्यारी छड़ी(जिसे वह भैंस चराने के...

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हरखू By shubham mishra

अभी सुबह होने में कुछ देर बाकी थी | हरखू , बाबू जी जमीदार की घर की ओर भगा जा रहा था| भोथरे काका जिनका द्वार हरखू से सटा हुआ था बाहर ही पुरवाई का आनन्द लेने के लिए चारपाई डाले हुए थ...

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एक सच By अनुराधा अनुश्री

अजीब सी कहानी है एक अनकहा सा सच जिसे बताने कि कोशिश तो की गई लेकिन बताया जा ना सका ...लेकिन किसी की जिंदगी से जुड़ी है।पता नहीं इसे पढ़ कर आप सब क्या सोचो।ये कहानी 2011 मार्च से शु...

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रमेश का घर और उड़न तश्तरी By Shakti Singh Negi

रमेश ने एक बहुत पुराना घर खरीदा। परंतु यह घर बहुत मजबूत था। यह उसे नाममात्र की कीमत पर सामान सहित मिल गया। घर पुस्तकों व पुराने सामान से अटा पड़ा था। रमेश ने फालतू पुस्तकों व फा...

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मेरी अधूरी प्रेम कहानी By AJMAL SHAKIL

वो दिन अभी भी याद आता है जब पापा से बहुत जिद करने के बाद 5 रूपए मांगे थे क्यूंकि क्लास में तुमने कहा था तुम्हे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं…और मुझे तुम अच्छी लगती थीं…तुम्हारा और मेरा घर...

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डोर ज़िंदगी की By Missamittal

दो आंखें लगातार छोटे से शीशे के दूसरी तरफ बेड पर पड़ी औरत को देख रही थी और मैं उन आंखों को देख रहा था आंखों में डर फिक्र चिंता वह सब कुछ था जो 15 साल के बच्चे की आंखों में नहीं होन...

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जिंदगी - 2 By Jay Khavada

ए कहानी उस कहानी से थोड़ी सी अलग ही हे । किसी शहर में दो भाई रहते थे। उनमें से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा निठल्ला और शराबी था। लोगों को उन्हें देखकर हैरत होती थी कि...

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प्रेमम पिंजरम - 4 By Srishtichouhan

12 जनवरी 1946,पॉलंपल्लाईं मद्रास, 9:00 बजे, रात का समयप्रिय डायरी, क्या मेरे कान सुन्न हो गए है? या मेरा भ्रम है कि तुम सच मूूच में आ रहे हो? सच में! मतलब क्या यह बात सच है कि माधव...

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तोहफा By Heena_Pathan

बाते करे तोहफे की तो हम कुछ तोहफे याद के लिए तो कुछ रिवाज समझकर देते है ! पुराने ज़माने में जहा सिर्फ शादियों और जनम दिन की पार्टियों में गिफ्ट देने का कल्चर था, आजकल गृहप्रवेश से...

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मेरी नजर से देखो - भाग 2 - दोगुनी आय से मुनाफा बहुत है। By Rajat Singhal

...कि अचानक पास ही चल रहे टेलिविजन पर एक सरकारी अधिकारी की मौत की खबर सुनी, किसी माफियों का काम लगता है। मगर मुझे तो मालूम था कि पीछे कौन- सा माफिया है? ओर ये सोचते- सोचते मै अपने...

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नागिन का इंतकाम - 4 By Appa Jaunjat

पिछले अध्याय मैं हमणे देखा कि नंदिनी फिरसे अपनी काहानी लिखणे जा रही है और वो फिरसे पुनर्जन्म लेने वाली हे तो अब हम काहाणी शुरू करते हे एक लडकी काॅलेज जाती हे और तब उसकी दोस्त बोलती...

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नौकरानी की बेटी By Missamittal

देखा मम्मी जी आज फिर कमला काम पर नहीं आई , अब इसका रोज-रोज का हो गया है एक दिन आती है एक दिन आती नहीं , मिसेज शर्मा की बहू ने गुस्से में आते हुए ,मिसेज शर्मा से कहा ""वह आगे कुछ बो...

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एक और अफसोस By Kamal Maheshwari

लघु कथाकहानीकार - कमल माहेश्वरीशीर्षक- एक और अफसोस पिताजी सरकारी नौकरी में थे, उस दिन वह किसी प्रोजेक्ट पर बड़े ध्यान से कार्य कर रहे थे । मैं और मेरी छोटी बहन मस्ती में इतने डूब...

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भूख : एक व्यथा By Ganesh

भूख, ये ऐसा शब्द है जो अमीर के लिए कुछ भी नही है, परंतु गरीब किए सब कुछ है। वो इसके लिए जीता है, इसके लिए ही काम करता है। भूख अमीर लोगो किए महज दो टाइम का खाना जैसा है। गरीब इसी भू...

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भाग रहीं हूं, मैं By सीमा कपूर

_*_*_*_*_*मैं सीमा कपूर भाग रहीं हूं ,आखि़र किससेशायद अपने आप से/शायद अपने डर से/ या फिर यह कहलो अपनो की इमोशनल ब्लैक मेलिंग से।थक चुकी हूं,हार महसूस कर रही हूंं,जीना चाहती हूं,खुल...

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प्रेम का उदय By Kumar Kishan Kirti

पत्नी उदास बैठी है. मन ही मन कुढ़ रही है और अपने पति पर गुस्सा कर रही है. गलती उसी की है, जो एक शायर और लेखक से प्रेम विवाह कर ली हैक्या जरूरत थीउस को इतनी ज्यादा आशा रखने की अपन...

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मैं कब गलत थी ? By S Sinha

अक्सर औरत को जीवन में मजबूर हो कर हालात से समझौता करना पड़ता है , कभी ख़ुशी से तो कभी मजबूरी से …. कहानी - मैं कब गलत थी ? वह एक दिवाली की रात थी...

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आदमखोर By sudha bhargava

कहानी /सुधा भार्गव आदमखोर “हा--–हा-- घबरा गए मुझे देखकर । हाँ !हाँ मैं आदमखोर हूँ । किसे –किसे मारोगे ?कुछ दिनों पहने एक हाथी को गोली मार दी थी । परसों एक चीते को फांसी की स...

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पोशाक By Geeta Kaushik Ratan

रतन घर का सबसे बड़ा बेटा और घर-परिवार में सबका लाड़ला भी था। पिताजी गाँव के लम्बरदार थे, इसीलिए अपनी ज़मीनों के सिलसिले में वे अक्सर व्यस्त ही रहते। रुतबे पैसे के साथ-साथ आसपास के...

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यह भी खूब रही By S Sinha

कहानी - यह भी खूब रही ¨ भरता , तेरी भाभी बोल रही है अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए . ये रोज रोज होटल का खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है . भाभी ने...

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भीडतंत्र By Rajesh Maheshwari

भीडतंत्र एक पाठशाला में प्रधानाचार्य महोदय प्रतिदिन छात्रों को शाला छूटने के बाद एक कहानी सुनाते थे। इससे छात्रों को मनोरंजन के साथ साथ सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों के व...

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बबली By Geeta Kaushik Ratan

"बबली" मायके की दहलीज पार करते समय माँ-पिताजी की दुआओं में लिपटी ढेर सारी नसीहतों को अपने साथ लेकर गरिमा ने ससुराल में प्रवेश किया और परम्परानुसार मंगल गीत-संगीत के वातावरण में अपन...

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मेरा पहला मोबाइल फोन By Shivani M.R.Joshi

यह कहानी बहुत ही रोमांचित है इसमें किसी पात्र या फिर किसी का कोई जिक्र नहीं बस एक खुशी का जिक्र है हम सब यह जानते हैं कि हमारी जिंदगी का पहला फोन हमारे लिए कितनी खुशियां लाता है म...

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घर कब आओगे By नवीन एकाकी

सांसे टूट रही थी, धड़कन भी धीरे धीरे रुकने लगी थी। पूरे शरीर लहूलुहान था। दुश्मन की गोलियों ने उसके शरीर को छलनी कर दिया था। वो ज़मीन में गिरा पड़ा था।उसके अगल बगल उसके साथियों की लाश...

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व्हील-चेअर By Geeta Kaushik Ratan

"गौरी, मेरी गाड़ी सर्विस के लिए गई हुई है और आज ही मेरा डाक्टर का अपॉइंटमेंट भी है। प्लीज, तुम मेरे साथ चली चलो।" फ़ोन पर गौरी का हाल-ख़बर ले, दीवी ने थोड़े संकुचित भाव में पूछ ही...

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बचपन By राज कुमार कांदु

वो शब्द जिसका बहुत ही बढ़िया विश्लेषण एक लोकप्रिय फ़िल्मी गीत में किया गया है । गीत के बोल हैं…' बचपन हर गम से बेगाना होता है …होता है ..इसीलिए तो खुशियों का खजाना होता है बचपन ह...

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श्री गाली कथा By Amulya Sharma

"श्री गाली कथा " कभी कभी मै इस सोच में पड़ जाता हूँ की आखिरकार गालियों का उद्भव कब और कहाँ हुआ होगा ?कौन होगा वह वयक्ति , जिसने सबसे पहले गाली दी होगी? अपनी इस जिज्ञासा को शांत करन...

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तीन बत्ती चार रास्ता By S Sinha

कहानी - तीन बत्ती चार रास्ता कमला ने अपने पति से पूछा “ ये सुखिया दो दिन से...

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दिलसे प्यार तक - भाग-२ By Appa Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि मानसी पोलिस बन जाती है तब शुभम बोलता हे मानसी तुमणे तुम्हारी मा का सपना पुरा कर दिया लेकिन मेरी और एक काम बाकी है तुम्हारी शादी त...

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प्यार है वो जिंदगी नहीं By mitu gojiya

प्यार है वो जिंदगी नहीं हा बिलकुल सही पढ़ा आपने आज कल प्यार सबको होता है किसी को एक तरफा तो किसी को दोनों तरफा मिल जाता है आपने बहुत बार अपने दोस्तों को या किसी और से सुना होगा की...

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नया सवेरा By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

भास्कर और चांदनी के बीच रोज - रोज की बहसबाजी से दोनों की एकमात्र संतान किरण जो की अभी चौथी क्लास में थी , परेशान होती रहती। उसके समझ में नहीं आता था कि कौन ग़लत है और कौन सही। हाला...

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बड़े होकर तुम क्या बनोगे By DIPAK CHITNIS. DMC

बड़े होकर तुम क्या बनोगे DIPAKCHITNIS(dchitnis3@gmail.com) एक दफा में एक स्कूल में गया था l पहली कतार में बैठा हुआ पहले लड़के से मैंने पूछा, “ तू कौन है ?” उसने कहा, “ब्राह्...

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जीवन ऊट पटाँगा - 1 - डाकुओं के चंगुल से By Neelam Kulshreshtha

एपिसोड -1 डाकुओं के चंगुल से नीलम कुलश्रेष्ठ ज़िंदगी होती है बेतरतीब, बड़ी ऊट पटाँग, थोड़ी सी बेढब, थोड़ी सी खट्टी मीठी, हंसी और आँसुओं की पोटली, अकल्पनीय बातें आपके रास्ते में फेंकती...

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सरप्राइज By S Sinha

कहानी - सरप्राइज मैं ग्रेजुएशन कर चुकी थी . मेरे माता पिता मेरी शादी के लिए अच्छे वर की तलाश में थे . मेरे पिता के पास...

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नागिन का इंतकाम By Datta Shinde

हम काहाणी शुरु करते हे नंदिनी और ‌‌राज शिवमंदिर मे होते हे तब कोछ शेतान उन्हे मार देते है तब वाहा पे नागेश्वरी आती है तब वो मोहिनी को उठा लेती हे तब वो बोलती हे शिवजी इसे मे संभाल...

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पिताजी By Darshita Babubhai Shah

यहां आएं, फॉर्म भरें। क्या आप रोगी से संबंधित हैं? भइया क्या हुआ बेन सिर में मारा गया है। क्यों? मुझे नहीं पता, मैं इसे उसके ससुर से लाया था। रक्तचाप? पता नहीं नहीं मिला। उल्टी? पत...

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चाचीजी का प्रेम By Anand M Mishra

सदा की तरह वार्षिक अवकाश में अपने गृहनगर पहुंचा। अपने चाचाजी के यहाँ मिलने के लिए गया तो दादी की तस्वीर पर ‘हार’ चढ़ा देखा। मन में दादी के साथ बिताए पल याद आने लगे। कैसे दादी कम संस...

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एक नई राह By राज कुमार कांदु

अमित भट्टाचार्य जी की पत्नी बीमार थीं। परिवार में और कोई नहीं था इसीलिए उन्होंने आज दफ्तर से अवकाश लिया हुआ था। खुद कभी किचन में झाँकने का मौका कभी मिला ही नहीं था। उनकी पत्नी रश्म...

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आत्महत्या By Kishanlal Sharma

"मेरा हाथ क्यों पकड़ा?"वह एक लड़की से प्यार करता था।लड़की भी उसे चाहती थी और उससे शादी का वादा कर चुकी थी।एक दिन एक अमीर उसकी जिंदगी में आ गया और उसने उस अमीर से शादी कर ली।प्रेमिका क...

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अस्तित्व By Jayu Nagar

नमस्ते। आशा करती हु इस covid महामारी मे आप सब सुरक्षित और कुशल होगे। ये मेरी पहली लघुकथा है जो में मातृृृभारती में प्रकाशित करने जा रही हूँ। आशा करती हूँ ये लघुकथा आपको पसंद आए...

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तुम साथ हो जब मेरे... By Ravi maharshi

यह कहानी है एक ऐसे परिवार की जो लॉक डाउन होने के बाद मुसीबतों का सामना कर रहा था और एक दिन उसे आशा की किरण दिखती हैसंदीप एक पढ़ा-लिखा नौजवान है लेकिन वह कुछ परेशान...

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....... By zeba Praveen

पहली बार वह मुझे तब दिखी थी जब वो पौधों में पानी डालने आयी थी, उसके होंटो पर हँसी जैसे चिपक सी गयी थी ऐसा लग रहा था जैसे वो पेड़ पौधों से बातें कर रही हो, अपने दुपट्टे को पौधों पर ल...

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तारू - 1 By Sruti

आज तारू अपने घर आने वाली थी। घरमे कोई खुश नही था उसके आनेसे। तारू पूरे चार साल अपने परिवार से दूर रही है। तारू को भी उसके परिवार से लगाव नही था वी भी...

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मास्टरनीजी By S Sinha

कहानी - मास्टरनीजी सरला ने बी ए पास करने के बाद कुछ समय तक नौकरी पाने का प्रयास किया था ....

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खुशनसीब By भूपेन्द्र चौहान“राज़”

“प्रिय रवि, सुना है,अभी तुम्हारा वहाँ मन नहीं लग रहा है। वापस घर आने का मन बना रहे हो, ऐसा कुविचार तुम्हारे मन में क्यूँ आया? बताओ ऐसी भी क्या वजह हो गयी, रजनी बता रही थी, भैया स...

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आधुनिक गिरगिट By Anand M Mishra

राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय का समाज में बहुत नाम है। यहाँ से पढ़कर निकलनेवाले छात्र उच्च पदों पर सुशोभित हैं। इस विद्यालय को सजाने-संवारने में यहाँ के अध्यापकों, शिक्षकेतर कर्मचारि...

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टिकैत बाबा और मनचाहे गीत By Bhupendra Singh chauhan

तब रामू की उम्र 13-14 वर्ष रही होगी जब वह अपनी भैंस चराने दूर खेतों में ले जाता था।हर रोज दोपहर 3 बजे स्कूल से आने के बाद वह झटपट खाना खाता और अपनी प्यारी छड़ी(जिसे वह भैंस चराने के...

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हरखू By shubham mishra

अभी सुबह होने में कुछ देर बाकी थी | हरखू , बाबू जी जमीदार की घर की ओर भगा जा रहा था| भोथरे काका जिनका द्वार हरखू से सटा हुआ था बाहर ही पुरवाई का आनन्द लेने के लिए चारपाई डाले हुए थ...

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एक सच By अनुराधा अनुश्री

अजीब सी कहानी है एक अनकहा सा सच जिसे बताने कि कोशिश तो की गई लेकिन बताया जा ना सका ...लेकिन किसी की जिंदगी से जुड़ी है।पता नहीं इसे पढ़ कर आप सब क्या सोचो।ये कहानी 2011 मार्च से शु...

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रमेश का घर और उड़न तश्तरी By Shakti Singh Negi

रमेश ने एक बहुत पुराना घर खरीदा। परंतु यह घर बहुत मजबूत था। यह उसे नाममात्र की कीमत पर सामान सहित मिल गया। घर पुस्तकों व पुराने सामान से अटा पड़ा था। रमेश ने फालतू पुस्तकों व फा...

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मेरी अधूरी प्रेम कहानी By AJMAL SHAKIL

वो दिन अभी भी याद आता है जब पापा से बहुत जिद करने के बाद 5 रूपए मांगे थे क्यूंकि क्लास में तुमने कहा था तुम्हे गोलगप्पे बहुत पसंद हैं…और मुझे तुम अच्छी लगती थीं…तुम्हारा और मेरा घर...

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डोर ज़िंदगी की By Missamittal

दो आंखें लगातार छोटे से शीशे के दूसरी तरफ बेड पर पड़ी औरत को देख रही थी और मैं उन आंखों को देख रहा था आंखों में डर फिक्र चिंता वह सब कुछ था जो 15 साल के बच्चे की आंखों में नहीं होन...

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जिंदगी - 2 By Jay Khavada

ए कहानी उस कहानी से थोड़ी सी अलग ही हे । किसी शहर में दो भाई रहते थे। उनमें से एक शहर का सबसे बड़ा बिजनेसमैन था तो दूसरा निठल्ला और शराबी था। लोगों को उन्हें देखकर हैरत होती थी कि...

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प्रेमम पिंजरम - 4 By Srishtichouhan

12 जनवरी 1946,पॉलंपल्लाईं मद्रास, 9:00 बजे, रात का समयप्रिय डायरी, क्या मेरे कान सुन्न हो गए है? या मेरा भ्रम है कि तुम सच मूूच में आ रहे हो? सच में! मतलब क्या यह बात सच है कि माधव...

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तोहफा By Heena_Pathan

बाते करे तोहफे की तो हम कुछ तोहफे याद के लिए तो कुछ रिवाज समझकर देते है ! पुराने ज़माने में जहा सिर्फ शादियों और जनम दिन की पार्टियों में गिफ्ट देने का कल्चर था, आजकल गृहप्रवेश से...

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मेरी नजर से देखो - भाग 2 - दोगुनी आय से मुनाफा बहुत है। By Rajat Singhal

...कि अचानक पास ही चल रहे टेलिविजन पर एक सरकारी अधिकारी की मौत की खबर सुनी, किसी माफियों का काम लगता है। मगर मुझे तो मालूम था कि पीछे कौन- सा माफिया है? ओर ये सोचते- सोचते मै अपने...

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नागिन का इंतकाम - 4 By Appa Jaunjat

पिछले अध्याय मैं हमणे देखा कि नंदिनी फिरसे अपनी काहानी लिखणे जा रही है और वो फिरसे पुनर्जन्म लेने वाली हे तो अब हम काहाणी शुरू करते हे एक लडकी काॅलेज जाती हे और तब उसकी दोस्त बोलती...

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नौकरानी की बेटी By Missamittal

देखा मम्मी जी आज फिर कमला काम पर नहीं आई , अब इसका रोज-रोज का हो गया है एक दिन आती है एक दिन आती नहीं , मिसेज शर्मा की बहू ने गुस्से में आते हुए ,मिसेज शर्मा से कहा ""वह आगे कुछ बो...

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एक और अफसोस By Kamal Maheshwari

लघु कथाकहानीकार - कमल माहेश्वरीशीर्षक- एक और अफसोस पिताजी सरकारी नौकरी में थे, उस दिन वह किसी प्रोजेक्ट पर बड़े ध्यान से कार्य कर रहे थे । मैं और मेरी छोटी बहन मस्ती में इतने डूब...

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भूख : एक व्यथा By Ganesh

भूख, ये ऐसा शब्द है जो अमीर के लिए कुछ भी नही है, परंतु गरीब किए सब कुछ है। वो इसके लिए जीता है, इसके लिए ही काम करता है। भूख अमीर लोगो किए महज दो टाइम का खाना जैसा है। गरीब इसी भू...

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भाग रहीं हूं, मैं By सीमा कपूर

_*_*_*_*_*मैं सीमा कपूर भाग रहीं हूं ,आखि़र किससेशायद अपने आप से/शायद अपने डर से/ या फिर यह कहलो अपनो की इमोशनल ब्लैक मेलिंग से।थक चुकी हूं,हार महसूस कर रही हूंं,जीना चाहती हूं,खुल...

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प्रेम का उदय By Kumar Kishan Kirti

पत्नी उदास बैठी है. मन ही मन कुढ़ रही है और अपने पति पर गुस्सा कर रही है. गलती उसी की है, जो एक शायर और लेखक से प्रेम विवाह कर ली हैक्या जरूरत थीउस को इतनी ज्यादा आशा रखने की अपन...

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मैं कब गलत थी ? By S Sinha

अक्सर औरत को जीवन में मजबूर हो कर हालात से समझौता करना पड़ता है , कभी ख़ुशी से तो कभी मजबूरी से …. कहानी - मैं कब गलत थी ? वह एक दिवाली की रात थी...

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आदमखोर By sudha bhargava

कहानी /सुधा भार्गव आदमखोर “हा--–हा-- घबरा गए मुझे देखकर । हाँ !हाँ मैं आदमखोर हूँ । किसे –किसे मारोगे ?कुछ दिनों पहने एक हाथी को गोली मार दी थी । परसों एक चीते को फांसी की स...

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पोशाक By Geeta Kaushik Ratan

रतन घर का सबसे बड़ा बेटा और घर-परिवार में सबका लाड़ला भी था। पिताजी गाँव के लम्बरदार थे, इसीलिए अपनी ज़मीनों के सिलसिले में वे अक्सर व्यस्त ही रहते। रुतबे पैसे के साथ-साथ आसपास के...

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यह भी खूब रही By S Sinha

कहानी - यह भी खूब रही ¨ भरता , तेरी भाभी बोल रही है अब तुम्हें शादी कर लेनी चाहिए . ये रोज रोज होटल का खाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है . भाभी ने...

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भीडतंत्र By Rajesh Maheshwari

भीडतंत्र एक पाठशाला में प्रधानाचार्य महोदय प्रतिदिन छात्रों को शाला छूटने के बाद एक कहानी सुनाते थे। इससे छात्रों को मनोरंजन के साथ साथ सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों के व...

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बबली By Geeta Kaushik Ratan

"बबली" मायके की दहलीज पार करते समय माँ-पिताजी की दुआओं में लिपटी ढेर सारी नसीहतों को अपने साथ लेकर गरिमा ने ससुराल में प्रवेश किया और परम्परानुसार मंगल गीत-संगीत के वातावरण में अपन...

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मेरा पहला मोबाइल फोन By Shivani M.R.Joshi

यह कहानी बहुत ही रोमांचित है इसमें किसी पात्र या फिर किसी का कोई जिक्र नहीं बस एक खुशी का जिक्र है हम सब यह जानते हैं कि हमारी जिंदगी का पहला फोन हमारे लिए कितनी खुशियां लाता है म...

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घर कब आओगे By नवीन एकाकी

सांसे टूट रही थी, धड़कन भी धीरे धीरे रुकने लगी थी। पूरे शरीर लहूलुहान था। दुश्मन की गोलियों ने उसके शरीर को छलनी कर दिया था। वो ज़मीन में गिरा पड़ा था।उसके अगल बगल उसके साथियों की लाश...

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व्हील-चेअर By Geeta Kaushik Ratan

"गौरी, मेरी गाड़ी सर्विस के लिए गई हुई है और आज ही मेरा डाक्टर का अपॉइंटमेंट भी है। प्लीज, तुम मेरे साथ चली चलो।" फ़ोन पर गौरी का हाल-ख़बर ले, दीवी ने थोड़े संकुचित भाव में पूछ ही...

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बचपन By राज कुमार कांदु

वो शब्द जिसका बहुत ही बढ़िया विश्लेषण एक लोकप्रिय फ़िल्मी गीत में किया गया है । गीत के बोल हैं…' बचपन हर गम से बेगाना होता है …होता है ..इसीलिए तो खुशियों का खजाना होता है बचपन ह...

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श्री गाली कथा By Amulya Sharma

"श्री गाली कथा " कभी कभी मै इस सोच में पड़ जाता हूँ की आखिरकार गालियों का उद्भव कब और कहाँ हुआ होगा ?कौन होगा वह वयक्ति , जिसने सबसे पहले गाली दी होगी? अपनी इस जिज्ञासा को शांत करन...

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तीन बत्ती चार रास्ता By S Sinha

कहानी - तीन बत्ती चार रास्ता कमला ने अपने पति से पूछा “ ये सुखिया दो दिन से...

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दिलसे प्यार तक - भाग-२ By Appa Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि मानसी पोलिस बन जाती है तब शुभम बोलता हे मानसी तुमणे तुम्हारी मा का सपना पुरा कर दिया लेकिन मेरी और एक काम बाकी है तुम्हारी शादी त...

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प्यार है वो जिंदगी नहीं By mitu gojiya

प्यार है वो जिंदगी नहीं हा बिलकुल सही पढ़ा आपने आज कल प्यार सबको होता है किसी को एक तरफा तो किसी को दोनों तरफा मिल जाता है आपने बहुत बार अपने दोस्तों को या किसी और से सुना होगा की...

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