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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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प्यार का नशा By Kishanlal Sharma

प्यार का नशा--------------//////------रमा अमीर बाप की बेटी थी।रमेश छोटा सा सरकारी नौकर।रमा ,रमेश की सादगी और व्यक्तित्व पर ऐसी मोहित हुई कि माँँबाप के न चाहने पर भी उसने उ...

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मेरी कहानी मेरी जुबानी By Deepak Pradhan

मै दीपक प्रधान मेरा जन्म 1जुलाई1993 में मध्यप्रदेश के धार जिले के धामनोद शहर में हुआ था। मैं एक साधारण परिवार का सदस्य हूँ, हम परिवार में कुल 5 सदस्य थे पापा का नाम जगदीश प्रधान मा...

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पापा एक चमकता हुआ सितारा By shama parveen

पापा जो हर एक बच्चे के सुपर हीरो होते हैं. हर बच्चा अपने पापा को सुपर हीरो मानता है. बच्चो को लगता है कि जब हमारे पास पापा होते हैं तो दुनिया की कोई भी परेशानी हम पर नहीं आ सकती है...

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એક ટેબલની આત્મકથા By NIKETA SHAH

ખૂણાંમાં મૂકી રાખ્યું છે, મને કારણ કે ઉંમરથઈ જવાને લીધે મારો વપરાશ હવે શક્ય નથી. યુવાનીમાં બહુ સાથ આપ્યો છે મે મારા ઘરના દરેક સભ્યનો. દરેકનો બોજો ઉઠાવ્યો છે મેં મારા પર. દરેક સભ્યન...

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दिलसे रिशता By Appa Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे . शिवांगी को बच्ची होती हे तब शिवांगी मर जाती हे तब उसका असली नाम राधा था तब दिपक बोलता हे राधा तब वो भी मर जाता है तब राधा टिव्ही मे काम करती थी तब उसे वीर से...

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तिकड़मबाज बहु By Saroj Prajapati

संडे का दिन था। लंच करते ही प्रिया ने फटाफट डाइनिंग टेबल समेटा और अंदर से लूडो उठा लाई।"अरे, यह क्या बहु , लूडो ! कौन खेलेगा इसे !" "हम सब खेलेंगे मम्मी जी!!" "हम सब !!!" प्रिया...

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दिलसे प्यार तक By Appa Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार से जुडी हे तो काहाणी शुरु करते हे तो चलो एक शहर मे शुभम नाम का लडका खाना बनाने के स्पर्धा मे जा रहा था तब वाहा पे कुछ गुंडे आते है तब वो सबको मारते हे तब एक जान्...

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चुनिंदा लघुकथाएँ - भाग 2 - 4 - अंतिम भाग By Lajpat Rai Garg

16 निरुत्तर सात-आठ वर्षीय सुमी अपनी मम्मी संग गर्मियों की छुट्टियों में अपनी ननिहाल आया हुआ था। बीस-बाईस वर्षीय नीतीश बेड पर बैठा टेलीविजन देख रहा था। सुमी बेडरूम में आया और बोला -...

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चाय की खुशबू By Anita Sinha

चाय की खुशबू से ही चाय के जायके का पता लग जाता है। सुबह होते ही चाय की तलब महसूस होती है। आलस आती है थोड़ी देर बाद बनाऊंगी चाय। मगर चाय तो चाय है। वो भी अदरख वाली चाय जिसके जायके क...

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इस बरस के आम By Renu Hussain

चलो शुक्र है पापा घर आ गए, अब उनसे मिलने अस्पताल नहीं जाना होगा.....बहुत कष्ट झेला है वेंटिलेटर पर उन्होंने....उफ्फ...!! सारे शरीर पर इंजेक्शन ही इंजेक्शन.....वैसे वेंटिलेटर से बाह...

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रात का खेल चले भाग-३ By Appa Jaunjat

हमणे देखा कि कोइ तो बोलता हे मे अवोगा तो चलो देखे क्या होता है एक गाव मे दो पती पत्नी जा रहे थे तबी एक आदमी बोलता हे कहा जाना है तब वो बोलते है पुणे तब रस्ते पे पोस्टर लगे थे कि रा...

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एनकाउंटर By Satyadeep Trivedi

सँझवाती का समय है। बाज़ार में घुसने से पहले एक मोड़ पड़ता है, उस मोड़ पर पैंतालीस-छियालीस साल की एक औरत; एक टोकरी में तरकारी बेच रही है। औरत का बदनदेहाती क़िस्म का है- भरा-भरा सा। रंग क...

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जब ही मेट मौसी By S Sinha

कहानी - जब ही मेट मौसी प्रकृति की लीला भी कभी समझ से परे होती है . एक ही माँ के गर्भ से एक ही समय जन्मे जुड़वाँ संतानों में कितनी...

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बालू और पत्थर By Anita Sinha

जब भी हम बालू और पत्थर के विषय पर गौर करते हैं तो पाते हैं कि बालू और पत्थर आपस में नहीं मिलते हैं। जब भी घर के पास बालू का ट्रक आता तो मैं दौड़कर देखने जाती ‌। ‌ बचपन की बाते...

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छोटी कहानियां By नवीन एकाकी

दो जिस्म एक जानचाचा जलेबी खानी है... तो खा ले बेटा... पर मेरे पास आज पैसे नही तो कल दे देना... हम्म्म्म...ठीक है चाचा, कल पैसे दे दूंगी। ठीक है बिटिया, ले खा ले...! जलेबी खा कर वो...

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अधूरा सौदा By राज कुमार कांदु

अधूरा सौदा अमर औसत कद काठी का आकर्षक नवयुवक था। वह एक निजी कंपनी में जूनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर तैनात था। उसकी ऑफिस हेड रुबिका मैडम एक अधेड़ आधुनिक महिला थी। वह अपने मातहतों से रू...

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चाय पीजिए जरुर By Anita Sinha

कडाके की ठंड में चाय पीने से शीत लहर से बचाव होता है चाय स्फूर्ति दायक है। खाली पेट चाय पीना हानिकारक है. चाय की खुशबू इसका जायका है.चाय लोकप्रिय पेय है. चाय पत्ती देख भाल कर खरीदे...

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अबकी बार... लल्लन प्रधान - 5 - (अंतिम भाग) By Bhupendra Singh chauhan

नाहर अपनी जीत में सबसे बड़ा रोड़ा लल्लन को मानते थे।चुनावी पंडितों द्वारा भी यह उम्मीद जताई जा रही थी कि इस वर्ष का चुनाव नाहर बनाम लल्लन होगा।मलिनपुरा...

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लेखन की दुनिया मे पहेला कदम By Shivani M.R.Joshi

लेखन की दुनिया में हमारा पहला दिन जब शुरू हुआ तब हमें लेखक बनने का ना कोई जज्बा था और ना कोई उम्मीद थी बस कुछ था तो एक चाहत थी कुछ लिखने की एक छोटी सी हमने दोस्त पर चार पंक्ति लिखी...

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लघुकथाएँ By Kishanlal Sharma

1--मापदण्डकिसी के घर मौत होने पर शमसान जाकर घर लौटके आने पर पत्नी घर के बाहर ही पानी की बाल्टी रख देेती।नहाने के बाद हीी घर मे प्रवेश करने देेती थी।हार्ट अटेक की वजह से माँ क...

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घनी छाँव By Sneh Goswami

घनी छाँव महानगर की रेलमपेल । सब भागदौङ में व्यस्त हैं । घर के चारों ओर कंक्रीट का जंगल बना है , कहीं कोई जान पहचान नहीं । जो जानते हैं ,वे भी अपने आप में इतने अस्तव्यस्त हैं क...

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विरासत By Mukta Priyadarshani

सुबह के 7 बजे घंटी बजी, यह नाश्ते के लिए मैस के खुलने का संकेत था। “मृणालिनी लैट्स गो फॉर ब्रेक्फ़स्ट” शमा ने चिल्लाते हुए कहा कि दूसरी मंज़िल तक आवाज़ पहुँच सके। और ठीक उसी अंदाज़...

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नागिन - की नई काहाणी By Datta Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे लेकिन पेहले नागिन कि आखरी जंग पडलो तो ही समज आएगा तो काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नेहा कि बेटी कोइ और नही वो चंद्रकला हे वो अपनी काहाणी फिर...

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निस्वार्थ प्रेम में जीता हुआ इंसान का स्वरुप चित्रण एवम चाल चलन वा चारित्रिक अवकलन By Arvind Singh

अरविंद सिंह, आज आप लोगों को कुछ अपने अंदर के विचारों एवं परिकल्पनाओं को आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूं। तो चलिए शुरू करते हैं - इंसान जब जन्म लेता है तब वह अबोध र...

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नागिन‌ - की आखरी जंग By Datta Jaunjat

काहाणी शुरू करते लेकीन पेहले नागिन का अंतिम इंतकाम पडलो तो ही समज आएगा तो काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नागराणी कि बेटी संजना को किसणे तो मारा था तब शिव उसे ठिक...

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बदल गया मौसम By anshu Singh

बदल गया मौसम वह ट्रेन से उतर कर, स्टेशन परिसर के बाहर निकली ही थी कि मौसम बदलने लगा। जैसे-जैसे उसके कदम आगे बढ़ रहे थे, वैसे-वैसे धूप-छांव का खेल भी बढ़ रहा था। लेकिन कुछ ही लम्हो...

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खोखले होते रिश्ते By Kishanlal Sharma

खोखले होते रिश्ते व अन्य लघुकथायें1--खोखले होते रिश्ते"काजल कह रही थी।शुक्रवार को चली जा।एक दिन और मिल जाएगा।"मैं एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रुद्रपुर जा रहा था।बस म...

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ना छलो मुझे By Neerja Pandey

आदित्य का आज रिज़ल्ट आना था। आई आई एम सी की इंट्रेस परीक्षा उसने दी थी। पेपर अच्छा हुआ था,उसे पूरी उम्मीद थी कि उसका सेलेक्शन हो जाएगा। जैसे ही मोबाइल में नोटिफिकेशन कि आवाज आई । उ...

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एक होली ऐसी भी By Rj Ritu

दोस्तो सबसे पहले तो आप सभी को रंगो से भरे होली के त्यौहार की बहुत बहुत शुभकामनाएं। दोस्तो होली का नाम सुनते ही पहला खयाल रंगो का आता है , हर दिशाओं में जगमगाता इन्द्रधनुष का सात...

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नागिन - का अंतिम इंतकाम By Datta Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे . लेकिन पेहले नागिन कि अनोखी काहाणी पडलो तो ही समज आएगा . तो चलो काहाणी शुरु करते हे . बेला कि बेटी आरही हे काहाणी को पुरा करणे और वो रहस्य कोनसे हे देखेगे चलो...

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गुजिया By Mugdha

दिया की शादी के बाद पहली होली थी। शाम की पार्टी की सभी तैयारियां लगभग हो चुकी थी। दिया ने सोचा कि वो अपने हाथों से गुजिया बनाकर सबको सरप्राइज़ देगी। पर जब उसने गुजिया बनानी शुरू की...

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चुभती चकाचौंध By mandavi barway

"रोल साउंड..... कैमरा....... एंड.... एक्शन.... .. .. .. .. .. .. .. .. कट। कट। कट।दिल से स्माइल करो रोहिणी। चलो एक बार और।""कट। कट। क्या रोहिणी! आज हुआ क्या है तुम्हें??? ये आठवाँ...

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लहू का रंग एक है By S Sinha

कहानी - लहू का रंग एक है उस दिन कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर विजय अपने गाँव लौट रहा था . अचानक ही जोरों क...

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आलिंगन (The BIG One) By Ashish Saxena

फेसबुक पर बहुत सारे लाइक्स, लव इमोजीस आ रही थी, छाया बहुत ही आह्लादित थी । इतने वर्षो बाद उसे परिवार के साथ भ्रमण का अवसर मिला था और वहां उसने बहुत दिनों बाद अलग से एकल पिक्चर्स क्...

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नागिन - कि अनोखी काहाणी By Datta Jaunjat

काहाणी शुरू करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नागराणी रुही मर गइ थी लेकिन रुही को किसणे मारा लेकिन जब रुही लेगी पुनर्जन्म दो साल बाद एक लडकी मंदिर मे तांडव करती है तब वो बोलती...

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उम्मीदों की छाॅंव में.... By pooja rani sori

6 साल की श्रीजा , जिसे पूरा विश्वास है कि "अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा होता है।" ये कहानी श्रीजा के उसी विश्वास और जीवन की वास्तविकता के बीच की संजीदा पहेली है। समय खुद में इतना...

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अजब गजब - 1 By Mens HUB

आज एक अजीबो गरीब मामला कोर्ट में पेश हुआ   अच्छा क्या हुआ ?   एक कवित्री पत्नी का विवाह एक क्रांतिकारी पति से हो गया   फिर क्या हुआ ?   विस्फोट    अच्...

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सम्मान By Mens HUB

नरेश अपने माँ बाप का इकलौता लड़का था और शायद गांव में अकेला जो दिल से खेती करना चाहता था । गांव के अन्य लड़के जो पढ़ लिख गए थे या तो मजबूरी में खेती करते थे या फिर खेती छोड़ चुके थे पर...

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अंतिम पर्यटन By Ratna Raidani

मधु मेरी कॉलेज की सहपाठी, मेरी अभिन्न सहेली आज मेरे शहर, मेरे घर पर आ रही थी। मेरी खुशी को नापने का अगर कोई पैमाना होता तो शायद वह भी आज नाकामयाब हो जाता। मधु और मैंने नागपुर में स...

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मेरी और तुम्हारी श्रद्धांजलि... By anshu Singh

चरण स्पर्श कर वह अपनी बड़ी-सी गाड़ी में बैठा और पलक झपकते ही नजरों से ओझल भी हो गया...। मेन गेट पर खड़े बुजुर्ग बस भाव शून्य हो थोड़ी देर वहां ठहरे रहे और फिर अपने कदमों को वापस उस...

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ट्रेन का सफर (खुशी या गम) By Pragya Chandna

आज अवंतिका सुबह से बहुत खुश हैं और हो भी क्यों ना आखिर आज वह अपने दोस्तों के साथ काॅलेज ट्रीप पर आगरा जा रही है पर वह हमेशा की तरह लेट है, उसकी सहेलियां लगातार उसे फोन करके जल्दी आ...

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आनंदधाम : कुंती की वेदना By Arin Kumar Shukla

आनंदधाम कुंती की वेदना अरिन कुमार शुक्ला दो शब्द मैंने 15 वर्ष की आयु मे मानवीय करुणा की एक झलक को कलम की स्याही से उकेरने का प्रयास किया है। स्वाभाविक रूप से यह एक आदर्श...

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आदमखोर By Amulya Sharma

हमेशा की तरह दिसंबर आते ही मेरे कॉलेज में विंटर वेकेशन घोषित हो गई और मै अगले ही दिन गांव की तरफ निकल पड़ा.जीरो रोड डिपो से सुबह सात बजे की बस पकड़ी और एक बजे मै घर पर था. गांव की...

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नागिन - का पाचवा अध्याय By Datta Jaunjat

ये काहाणी सो साल पुराणी हे एक टेकडी पे मूजूत मंदिर से शुरू होगा नागिन का पाचवा अध्याय मंदिर मे आरती चालू थी तब शिव के चरणो से एक नागिन आती है और वो तांडव करती है तब शिव आते है...

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प्यार का नशा By Kishanlal Sharma

प्यार का नशा--------------//////------रमा अमीर बाप की बेटी थी।रमेश छोटा सा सरकारी नौकर।रमा ,रमेश की सादगी और व्यक्तित्व पर ऐसी मोहित हुई कि माँँबाप के न चाहने पर भी उसने उ...

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मेरी कहानी मेरी जुबानी By Deepak Pradhan

मै दीपक प्रधान मेरा जन्म 1जुलाई1993 में मध्यप्रदेश के धार जिले के धामनोद शहर में हुआ था। मैं एक साधारण परिवार का सदस्य हूँ, हम परिवार में कुल 5 सदस्य थे पापा का नाम जगदीश प्रधान मा...

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पापा एक चमकता हुआ सितारा By shama parveen

पापा जो हर एक बच्चे के सुपर हीरो होते हैं. हर बच्चा अपने पापा को सुपर हीरो मानता है. बच्चो को लगता है कि जब हमारे पास पापा होते हैं तो दुनिया की कोई भी परेशानी हम पर नहीं आ सकती है...

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એક ટેબલની આત્મકથા By NIKETA SHAH

ખૂણાંમાં મૂકી રાખ્યું છે, મને કારણ કે ઉંમરથઈ જવાને લીધે મારો વપરાશ હવે શક્ય નથી. યુવાનીમાં બહુ સાથ આપ્યો છે મે મારા ઘરના દરેક સભ્યનો. દરેકનો બોજો ઉઠાવ્યો છે મેં મારા પર. દરેક સભ્યન...

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दिलसे रिशता By Appa Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे . शिवांगी को बच्ची होती हे तब शिवांगी मर जाती हे तब उसका असली नाम राधा था तब दिपक बोलता हे राधा तब वो भी मर जाता है तब राधा टिव्ही मे काम करती थी तब उसे वीर से...

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तिकड़मबाज बहु By Saroj Prajapati

संडे का दिन था। लंच करते ही प्रिया ने फटाफट डाइनिंग टेबल समेटा और अंदर से लूडो उठा लाई।"अरे, यह क्या बहु , लूडो ! कौन खेलेगा इसे !" "हम सब खेलेंगे मम्मी जी!!" "हम सब !!!" प्रिया...

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दिलसे प्यार तक By Appa Jaunjat

ये काहाणी एक प्यार से जुडी हे तो काहाणी शुरु करते हे तो चलो एक शहर मे शुभम नाम का लडका खाना बनाने के स्पर्धा मे जा रहा था तब वाहा पे कुछ गुंडे आते है तब वो सबको मारते हे तब एक जान्...

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चुनिंदा लघुकथाएँ - भाग 2 - 4 - अंतिम भाग By Lajpat Rai Garg

16 निरुत्तर सात-आठ वर्षीय सुमी अपनी मम्मी संग गर्मियों की छुट्टियों में अपनी ननिहाल आया हुआ था। बीस-बाईस वर्षीय नीतीश बेड पर बैठा टेलीविजन देख रहा था। सुमी बेडरूम में आया और बोला -...

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चाय की खुशबू By Anita Sinha

चाय की खुशबू से ही चाय के जायके का पता लग जाता है। सुबह होते ही चाय की तलब महसूस होती है। आलस आती है थोड़ी देर बाद बनाऊंगी चाय। मगर चाय तो चाय है। वो भी अदरख वाली चाय जिसके जायके क...

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इस बरस के आम By Renu Hussain

चलो शुक्र है पापा घर आ गए, अब उनसे मिलने अस्पताल नहीं जाना होगा.....बहुत कष्ट झेला है वेंटिलेटर पर उन्होंने....उफ्फ...!! सारे शरीर पर इंजेक्शन ही इंजेक्शन.....वैसे वेंटिलेटर से बाह...

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रात का खेल चले भाग-३ By Appa Jaunjat

हमणे देखा कि कोइ तो बोलता हे मे अवोगा तो चलो देखे क्या होता है एक गाव मे दो पती पत्नी जा रहे थे तबी एक आदमी बोलता हे कहा जाना है तब वो बोलते है पुणे तब रस्ते पे पोस्टर लगे थे कि रा...

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एनकाउंटर By Satyadeep Trivedi

सँझवाती का समय है। बाज़ार में घुसने से पहले एक मोड़ पड़ता है, उस मोड़ पर पैंतालीस-छियालीस साल की एक औरत; एक टोकरी में तरकारी बेच रही है। औरत का बदनदेहाती क़िस्म का है- भरा-भरा सा। रंग क...

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जब ही मेट मौसी By S Sinha

कहानी - जब ही मेट मौसी प्रकृति की लीला भी कभी समझ से परे होती है . एक ही माँ के गर्भ से एक ही समय जन्मे जुड़वाँ संतानों में कितनी...

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बालू और पत्थर By Anita Sinha

जब भी हम बालू और पत्थर के विषय पर गौर करते हैं तो पाते हैं कि बालू और पत्थर आपस में नहीं मिलते हैं। जब भी घर के पास बालू का ट्रक आता तो मैं दौड़कर देखने जाती ‌। ‌ बचपन की बाते...

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छोटी कहानियां By नवीन एकाकी

दो जिस्म एक जानचाचा जलेबी खानी है... तो खा ले बेटा... पर मेरे पास आज पैसे नही तो कल दे देना... हम्म्म्म...ठीक है चाचा, कल पैसे दे दूंगी। ठीक है बिटिया, ले खा ले...! जलेबी खा कर वो...

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अधूरा सौदा By राज कुमार कांदु

अधूरा सौदा अमर औसत कद काठी का आकर्षक नवयुवक था। वह एक निजी कंपनी में जूनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर तैनात था। उसकी ऑफिस हेड रुबिका मैडम एक अधेड़ आधुनिक महिला थी। वह अपने मातहतों से रू...

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चाय पीजिए जरुर By Anita Sinha

कडाके की ठंड में चाय पीने से शीत लहर से बचाव होता है चाय स्फूर्ति दायक है। खाली पेट चाय पीना हानिकारक है. चाय की खुशबू इसका जायका है.चाय लोकप्रिय पेय है. चाय पत्ती देख भाल कर खरीदे...

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अबकी बार... लल्लन प्रधान - 5 - (अंतिम भाग) By Bhupendra Singh chauhan

नाहर अपनी जीत में सबसे बड़ा रोड़ा लल्लन को मानते थे।चुनावी पंडितों द्वारा भी यह उम्मीद जताई जा रही थी कि इस वर्ष का चुनाव नाहर बनाम लल्लन होगा।मलिनपुरा...

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लेखन की दुनिया मे पहेला कदम By Shivani M.R.Joshi

लेखन की दुनिया में हमारा पहला दिन जब शुरू हुआ तब हमें लेखक बनने का ना कोई जज्बा था और ना कोई उम्मीद थी बस कुछ था तो एक चाहत थी कुछ लिखने की एक छोटी सी हमने दोस्त पर चार पंक्ति लिखी...

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लघुकथाएँ By Kishanlal Sharma

1--मापदण्डकिसी के घर मौत होने पर शमसान जाकर घर लौटके आने पर पत्नी घर के बाहर ही पानी की बाल्टी रख देेती।नहाने के बाद हीी घर मे प्रवेश करने देेती थी।हार्ट अटेक की वजह से माँ क...

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घनी छाँव By Sneh Goswami

घनी छाँव महानगर की रेलमपेल । सब भागदौङ में व्यस्त हैं । घर के चारों ओर कंक्रीट का जंगल बना है , कहीं कोई जान पहचान नहीं । जो जानते हैं ,वे भी अपने आप में इतने अस्तव्यस्त हैं क...

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विरासत By Mukta Priyadarshani

सुबह के 7 बजे घंटी बजी, यह नाश्ते के लिए मैस के खुलने का संकेत था। “मृणालिनी लैट्स गो फॉर ब्रेक्फ़स्ट” शमा ने चिल्लाते हुए कहा कि दूसरी मंज़िल तक आवाज़ पहुँच सके। और ठीक उसी अंदाज़...

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नागिन - की नई काहाणी By Datta Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे लेकिन पेहले नागिन कि आखरी जंग पडलो तो ही समज आएगा तो काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नेहा कि बेटी कोइ और नही वो चंद्रकला हे वो अपनी काहाणी फिर...

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निस्वार्थ प्रेम में जीता हुआ इंसान का स्वरुप चित्रण एवम चाल चलन वा चारित्रिक अवकलन By Arvind Singh

अरविंद सिंह, आज आप लोगों को कुछ अपने अंदर के विचारों एवं परिकल्पनाओं को आप सभी पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूं। तो चलिए शुरू करते हैं - इंसान जब जन्म लेता है तब वह अबोध र...

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नागिन‌ - की आखरी जंग By Datta Jaunjat

काहाणी शुरू करते लेकीन पेहले नागिन का अंतिम इंतकाम पडलो तो ही समज आएगा तो काहाणी शुरु करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नागराणी कि बेटी संजना को किसणे तो मारा था तब शिव उसे ठिक...

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बदल गया मौसम By anshu Singh

बदल गया मौसम वह ट्रेन से उतर कर, स्टेशन परिसर के बाहर निकली ही थी कि मौसम बदलने लगा। जैसे-जैसे उसके कदम आगे बढ़ रहे थे, वैसे-वैसे धूप-छांव का खेल भी बढ़ रहा था। लेकिन कुछ ही लम्हो...

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खोखले होते रिश्ते By Kishanlal Sharma

खोखले होते रिश्ते व अन्य लघुकथायें1--खोखले होते रिश्ते"काजल कह रही थी।शुक्रवार को चली जा।एक दिन और मिल जाएगा।"मैं एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रुद्रपुर जा रहा था।बस म...

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ना छलो मुझे By Neerja Pandey

आदित्य का आज रिज़ल्ट आना था। आई आई एम सी की इंट्रेस परीक्षा उसने दी थी। पेपर अच्छा हुआ था,उसे पूरी उम्मीद थी कि उसका सेलेक्शन हो जाएगा। जैसे ही मोबाइल में नोटिफिकेशन कि आवाज आई । उ...

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एक होली ऐसी भी By Rj Ritu

दोस्तो सबसे पहले तो आप सभी को रंगो से भरे होली के त्यौहार की बहुत बहुत शुभकामनाएं। दोस्तो होली का नाम सुनते ही पहला खयाल रंगो का आता है , हर दिशाओं में जगमगाता इन्द्रधनुष का सात...

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नागिन - का अंतिम इंतकाम By Datta Jaunjat

काहाणी शुरु करते हे . लेकिन पेहले नागिन कि अनोखी काहाणी पडलो तो ही समज आएगा . तो चलो काहाणी शुरु करते हे . बेला कि बेटी आरही हे काहाणी को पुरा करणे और वो रहस्य कोनसे हे देखेगे चलो...

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गुजिया By Mugdha

दिया की शादी के बाद पहली होली थी। शाम की पार्टी की सभी तैयारियां लगभग हो चुकी थी। दिया ने सोचा कि वो अपने हाथों से गुजिया बनाकर सबको सरप्राइज़ देगी। पर जब उसने गुजिया बनानी शुरू की...

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चुभती चकाचौंध By mandavi barway

"रोल साउंड..... कैमरा....... एंड.... एक्शन.... .. .. .. .. .. .. .. .. कट। कट। कट।दिल से स्माइल करो रोहिणी। चलो एक बार और।""कट। कट। क्या रोहिणी! आज हुआ क्या है तुम्हें??? ये आठवाँ...

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लहू का रंग एक है By S Sinha

कहानी - लहू का रंग एक है उस दिन कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर विजय अपने गाँव लौट रहा था . अचानक ही जोरों क...

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आलिंगन (The BIG One) By Ashish Saxena

फेसबुक पर बहुत सारे लाइक्स, लव इमोजीस आ रही थी, छाया बहुत ही आह्लादित थी । इतने वर्षो बाद उसे परिवार के साथ भ्रमण का अवसर मिला था और वहां उसने बहुत दिनों बाद अलग से एकल पिक्चर्स क्...

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नागिन - कि अनोखी काहाणी By Datta Jaunjat

काहाणी शुरू करते हे हमणे पिछले अध्याय मैं देखा कि नागराणी रुही मर गइ थी लेकिन रुही को किसणे मारा लेकिन जब रुही लेगी पुनर्जन्म दो साल बाद एक लडकी मंदिर मे तांडव करती है तब वो बोलती...

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उम्मीदों की छाॅंव में.... By pooja rani sori

6 साल की श्रीजा , जिसे पूरा विश्वास है कि "अच्छे लोगो के साथ हमेशा अच्छा होता है।" ये कहानी श्रीजा के उसी विश्वास और जीवन की वास्तविकता के बीच की संजीदा पहेली है। समय खुद में इतना...

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अजब गजब - 1 By Mens HUB

आज एक अजीबो गरीब मामला कोर्ट में पेश हुआ   अच्छा क्या हुआ ?   एक कवित्री पत्नी का विवाह एक क्रांतिकारी पति से हो गया   फिर क्या हुआ ?   विस्फोट    अच्...

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सम्मान By Mens HUB

नरेश अपने माँ बाप का इकलौता लड़का था और शायद गांव में अकेला जो दिल से खेती करना चाहता था । गांव के अन्य लड़के जो पढ़ लिख गए थे या तो मजबूरी में खेती करते थे या फिर खेती छोड़ चुके थे पर...

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अंतिम पर्यटन By Ratna Raidani

मधु मेरी कॉलेज की सहपाठी, मेरी अभिन्न सहेली आज मेरे शहर, मेरे घर पर आ रही थी। मेरी खुशी को नापने का अगर कोई पैमाना होता तो शायद वह भी आज नाकामयाब हो जाता। मधु और मैंने नागपुर में स...

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मेरी और तुम्हारी श्रद्धांजलि... By anshu Singh

चरण स्पर्श कर वह अपनी बड़ी-सी गाड़ी में बैठा और पलक झपकते ही नजरों से ओझल भी हो गया...। मेन गेट पर खड़े बुजुर्ग बस भाव शून्य हो थोड़ी देर वहां ठहरे रहे और फिर अपने कदमों को वापस उस...

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ट्रेन का सफर (खुशी या गम) By Pragya Chandna

आज अवंतिका सुबह से बहुत खुश हैं और हो भी क्यों ना आखिर आज वह अपने दोस्तों के साथ काॅलेज ट्रीप पर आगरा जा रही है पर वह हमेशा की तरह लेट है, उसकी सहेलियां लगातार उसे फोन करके जल्दी आ...

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आनंदधाम : कुंती की वेदना By Arin Kumar Shukla

आनंदधाम कुंती की वेदना अरिन कुमार शुक्ला दो शब्द मैंने 15 वर्ष की आयु मे मानवीय करुणा की एक झलक को कलम की स्याही से उकेरने का प्रयास किया है। स्वाभाविक रूप से यह एक आदर्श...

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आदमखोर By Amulya Sharma

हमेशा की तरह दिसंबर आते ही मेरे कॉलेज में विंटर वेकेशन घोषित हो गई और मै अगले ही दिन गांव की तरफ निकल पड़ा.जीरो रोड डिपो से सुबह सात बजे की बस पकड़ी और एक बजे मै घर पर था. गांव की...

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नागिन - का पाचवा अध्याय By Datta Jaunjat

ये काहाणी सो साल पुराणी हे एक टेकडी पे मूजूत मंदिर से शुरू होगा नागिन का पाचवा अध्याय मंदिर मे आरती चालू थी तब शिव के चरणो से एक नागिन आती है और वो तांडव करती है तब शिव आते है...

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