hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • अब जाग जाओ - भाग 2

    "भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है ,...

  • ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 2

    ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' मजबूरियों की समझ बच्चा बड़ी बेसब्री से...

  • माता पिता

    माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता क...

मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

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अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

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ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 2 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' मजबूरियों की समझ बच्चा बड़ी बेसब्री से पापा के दफ़्तर से वापिस आने का इन्तज़ार कर रहा था. परीक्षाएँ पास आ रही थीं और उसकी अंकगणित की किताब ग...

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माता पिता By Ganesh

माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता को प्रणाम।ये वही भगवान है जो धरती पर रहते है। और यही भगवान हमें छोटे से बड़ा भी करते है। बचपन में जब...

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एक वीरांगना By Udita Mishra

एक वीरांगना अगर झलकारी बाई पहचानी ना जाती तो आज इतिहास और कुछ होता । झलकारी बाई अपने मां बाप की इकलौती बेटी थी । झलकारी बाई जब मात्र 4 साल की थी तभी उनकी मां का देहांत हो गया । उन...

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Mobile Pin By Krutika

“Mobile Pin” में उस वक़्त दिल्ली जा रही राजधानी ट्रैन मे था. ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी के खूबसूरत लड़की ने मुझसे पूछा "ह...

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सुनो मीता ! By Dr Jaya Anand

सुनो मीता !मैंने कितने ख़्वाब बुने थे तुम्हारे साथ ,हर ख्वाब का एक एक धागा प्यार के रंग में रंगा था ,उनका रंग कितना चटकीला था ऐसे ही चटक रंग तो हम दोनों को पसंद है। याद है उस दिन सी...

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उपकार By Harsh Bhatt

वर्षा ऋतु अपना आधा वक्त काट चुकी थी , जंगल मे नदिया उफान पर थी, तब उसमें एक लोमड़ी का बच्चा कूदने की जिद करने लगता है, उसके मां-बाप उसको समझाते है पर वो मानने को तैयार नही हो...

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हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) By S Sinha

कहानी - हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) --------------------------------------------------------------------------------...

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खुशियों की दहलीज़... By सिमरन जयेश्वरी

अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , जब माँ ने उसे अपने कमरे में बुलाया था। कमरे मे जब वह पहुँची तो उसे एक उदासी महसूस हो रही थी। माँ के पास जाक...

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अनाथ लड़की By VANDANA VANI SINGH

कितनी मासूम कितनी कोमल हृदय की वह है जो भी देखता है वह दया भाव से भर जाता है, किसे मालूम होता है की जन्म के बाद उसने बाहर क्या-क्या दिन देखे होंगे। ये मना जाता है अनाथ लड़को का गुजा...

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चंदा By Udita Mishra

चंदा स्वीटी मीठी और मोनू तीन भाई बहन थे स्वीटी सबसे बड़ी बहन मीठी उस से छोटी और मोनू सबसे छोटा भाई था। सबसे छोटा होने के कारण मोनू सबका लाडला था। इन तीनों के पापा रोज सुबह जल्दी उठ...

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फोटो एलबम By तेज साहू

- फोटो एलबमबच्चे कब बड़े होते चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता। बचपन में सबके अपने सपने और जिद होते हैं, समय के साथ सब बदलते भी तो रहते हैं। औरों का क्या कहूँ मेरी ही एक सहेली थी, जो...

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कहाँ से छेड़ूं फ़साना By Ankita Bhargava

सुकून-ए-दिल के लिए कुछ तो एहतमाम करूं ज़रा नज़र जो मिले तो फिर उन्हें सलाम करूंमुझे तो होश नहीं आप मशविरा दीजैकहां से छेड़ूं फसाना कहां तमाम करूं अखबार के प्रतिनिधी से सौम्या की सफलत...

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एक रात ठिठुरन भरी By Abha Yadav

शाम ढ़ली भी न थी कि कोहरा उतरने लगा था. कुछ ही समय गुजरेगा ,यह जमीन को अपने आगोश में ले लेगा. फिर चलते-फिरते लोग काले धब्बे मात्र रह जायेंगे.उनकी आकृति भी साफ नजर नहीं आयेगी....

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यारी - 2 By Prem Rathod

वो आदमी उस चीज को अच्छी तरह से समझ सकता है,जिसने उस चीज को महसूस किया हो और मैंने इस चीज को सिर्फ महसूस ही नहीं किया बल्कि इस चीज को जिया है,उस हर एक पल को उस हर एक लम्हे को इसीलिए...

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बड़े धोखे है इस राह में….. By Narendra Rajput

“ बड़े धोखे है इस राह में….. “ यह कहानी एक मोहन नाम के लड़के की है। मोहन जिस ऑफ़िस में काम करता था वहां एक लड़की भी काम करती थी। लड़की को इस ऑफ़िस में आए हुए १५-२० दिन हुए थे। ऑफ़िस म...

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फोन की घंटी - दो रोटी By Saroj Prajapati

सोनम सुबह जैसे ही काम मिलता कर बैठी , उसकी बेस्ट फ्रेंड नीतू का फोन आ गया। हाल चाल पूछने के बाद उसकी सहेली ने कहा " आज मैंने तुझे एक खुशखबरी सुनाने और इनवाइट करने के लिए फोन किया ह...

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एक दुल्हन की मौत... By निशा शर्मा

नैना को एक अंधेरी कोठरी में पलंग के ऊपर बिठाकर घर की सारी औरतें बाहर निकल गयीं। मई माह की गर्मी और उसपर बनारसी साड़ी, गहने, सबकुछ नैना को बहुत ही असुविधाजनक लग रहा था मगर न तो उसके...

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२०२० By Ganesh

२०२० एक ऐसा साल हमारे कैलेंडर का और ये भी केह सकते है कि हमारे ज़िंदगी का सबसे उतार चढ़ाव वाला साल। मतलब २०२० भाई तूने किसका मुंह देखा था पहले को ऐसा कर रहा है।आफत ही आफत है! पहले...

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वो भूली दास्तां... By Dr.Ranjana Jaiswal

प्रेम.... ढाई अक्षर का छोटा सा शब्द पर... अपने आप में न जाने कितने सपने, कितने अरमानों को समेटे हुए रहता है.... मोहित और मुग्धा का कॉलेज में आखिरी साल था। मुग्धा अपने नाम के अ...

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पूजा (लघुकथा) : हिन्दी जुड़वाँ - पूजा By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

पूजा (लघुकथा) मेरा साठवां जन्मदिन था । बड़ा उत्साह का माहौल था। चारों तरफ खड़े मेरे बेटे बहू, मेरे लिए बड़े गर्व की बात थी कि सब ने बहुत बड़ा इंतजाम किया। मुझे शुभकामनाएं देन...

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इसांन या रिश्तों की अहमियत ? By JYOTI MEENA

हम रोज़ की तरह एक दिन शाम को अपनी डायरी लिख रहे थे कि हमें एक मेसैज आया। वह किसी अनजान लड़के का था उसे देख हम सोचने लगे कि " क्या हमें इसका जबाव देना चाहिए? सही होगा ?क्या वो लड़का...

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दादा जी की धोती By Amarsen Yadav

खिड़की के पास कमरे में बैठा हूं। बाहर की ओर अब हल्की-हल्की बारिश अभी भी जारी है। कल रात से ही बारिश हो रही । एक बार तो बारिश होके बंद हो गई थी लेकिन रात को 3 बजे फिर से बारिश शुरू...

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डॉगी By Dipak Raval

डोगी दीपक रावल मनसुख की साँस अटक रही थी.... आँखें फटी हुई थी... डोगी सीने पर चढ़ बैठा था... उसके मुँह से बदबू आ रही थी... गले में उसके पैरों के नाखून काट रहे थे... वह चीखना चाहता थ...

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जामुन वाली अम्मा By Udita Mishra

जामुन वाली अम्मा बहुत समय से मैं अपने पापा के साथ रविवार को छोड़कर रोज सुबह की सैर पर जाती थी हमारे सैर पर जाने के लिए हमने दो रास्ते तय किए थे जिसमें एक रास्ता जामुन वाली अम्मा...

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सुरीली By Udita Mishra

सुरीली सुरीली का नाम यूं ही सुरीली नहीं था बल्कि बचपन से ही उसकी आवाज बहुत मीठी थी वो शहर के पाश इलाके में बनी अन्ना नगर झुग्गी बस्ती में अपने भाई और अपने माता पिता के साथ रहती...

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पुरानी तोप By Deepak sharma

पुरानी तोप चतुर्थ श्रेणी के रेलवे क्वार्टर नंबर छियालीस पर पहुँचते ही मैंने अपनी स्कूटी पर ब्रेक लगा ली। ‘निरंजन यहीं रहता है क्या?’ उसके सामने खड़े ठेले पर सब्जी खरीद रही स्त्री से...

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ऐसा किसीके साथ ना हो By Narendra Rajput

" ऐसा किसीके साथ ना हो " एक लड़का जो बहोत ही गरीब परिवार में रहता था। बहोत ही कम उम्र में उसे नौकरी करनी पड़ रही थी, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके। जब उसने १०वी कक्षा पास की त...

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बचपन By Ganesh

बचपन एक ऐसी चीज होती है, जिसमें हम बड़ो का आशीर्वाद भी लेते है और उनकी डांट भी खाते है। बचपन हमेशा ऐसा ही होना चाहिए। बचपन की तो बात ही अलग होती थी। सब दोस्तो से मिल के खुश होना, ग...

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Dear Angel By HeemaShree “Radhe"

Dear Angel,Happy Birthday SHREEबेटा जन्म दिन मुबारक हो...आज बोहत खास दिन हैं हमारी जिंदगी का आप जो आए थी हमारी जिंदगी में... आज आपकी याद रोज के दिनों से कुछ ज़्यादा ही आ रही हैं, तो...

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एक रात चोर की By Amarsen Yadav

यह कहानी मेरे बच्चपन की है। सिर्फ मेरा ही नहीं कई लोगों के साथ इससे मिलती घटनाएं हो चुकी होंगी। आप लोगों से निवेदन है कि आप इस कहानी को अवश्य पढ़ें और कहीं भी त्रुटि होने पर मुझे क...

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एनिवर्सरी By Dipak Raval

‘एनीवर्सरी’ दीपक रावल पंचम और वर्षा को अलग हुए आज एक साल हुआ. आज एनीवर्सरी!! वर्षा को अजीब लग रहा था. अलग होने की भी कोई एनीवर्सरी मनाता है? पर राजु को कुछ ऐसा ही सूझता. उसे हर बात...

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ग़लतफ़हमी By S Sinha

कहानी --ग़लतफ़हमी लगभग पाँच साल बाद मुझे सुधा का पत्र मिला था . सुधा मेरी बचपन...

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कोमल की हौसले की उड़ान By Udita Mishra

कोमल की हौसले की उड़ान आज रामचंद्र बहुत खुश था क्योंकि आज उसे अपना वारिस मिल गया रामचंद्र की तीन बेटी थी बेटे की चाह में तीन बेटियां हुई थी क्योंकि रामचंद्र ऑटो चलाता था और हर समय...

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संतोष By Annada patni

संतोष अन्नदा पाटनी दरवाज़े की घंटी बजी, देखा एक नवयुवती खड़ी थी । माँग में सिंदूर, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, होंठों पर लाली, कान में सोने के झुमके, सोने का नेकलेस, सिल्क की साड़ी और...

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बेस्ट फ्रेंड - 4 - अंतिम भाग By SURENDRA ARORA

बेस्ट फ्रेंड सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा (4) 25. आजादी पिता के ऑफिस में आजादी के अवसर पर एक पारिवारिक मिलन का आयोजन किया गया था । पत्नी स्कूल-टीचर होने के कारण अपने स्कूल में व्यस्त थी ।...

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अरदास By डिम्पल गौड़

गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठी नयनतारा जीवन के विगत पलोंको आँखों में भर बहती गंगा की धारा को शून्य सी होकर निहार रही थी । सीढ़ियों पर उतरते चढ़ते लोगों के मन में उमड़ते गंगा मैया के लिए...

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भाभी काश तुम पुरुष हुई होतीं By shalini singh

माँ ने फ़ोन पर जब घबराई आवाज़ में बताया कि बेटा.. अपरा हम सबको छोड़ कर चली गई तो मेरे मुँह से बस इतना निकला कि माँ वो गई नही.. उसे मार डाला हम सबने मिलकर,हमारी खोखली मान्यताओं ने ..जी...

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एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

किसी को कभी इस बात का अंदाजा नही होता उसका कौन सा कदम उसकी दुनिया बदलने वाला है और वो जिन्दगी जिसमे दो कदम और दोनो गलत रास्ते पे निकल पड़े हो।ये बात तो सच है की प्रेम में अलग ताकत ह...

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भावुकता के नुकसान By Pt Satya Sharma

नवीन एक बहुत ही भावुक व्यक्ति था,जो सेना से पेंशन आ जाने के बाद अपने गाव से दूर शहर मे रहता था और एक छोटी सी राशन की दुकान चलाता था। एक दिन उसके पास एक सीधा साधा दिखने वाला लड़का आ...

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What is Women Empowerment By Madhuri Vaghasana

આજ સવાર ના જ્યારે 5 વાગ્યે મેં મારું WhatsApp ખોલ્યું ત્યારે સૌથી પહેલો મેસેજ જોવા મળ્યો મારા 3 વર્ષ પહેલાં ની મિત્ર નો.મેસેજ જોતા મને થયું લાવ વાંચું શુ કાઈ કામ હશે તો જ મેસેજ કર્...

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चोखी की दूसरी विदाई  By Udita Mishra

चोखी की दूसरी विदाई कभी कभी मेरी नानी अपने बचपन की कहानियां किस्से मुझे सुनाती है एक बार उन्होंने अपनी बचपन की सहेली चोखी के बारे में मुझे बताएं कि चोखी बहुत धनी परिवार की महिला थ...

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किसी से ना कहना By अनुभूति अनिता पाठक

रिया की शादी बड़े ही अच्छे और रईस खानदान में हुई थी। इन सबसे अच्छी बात यह थी कि उसे एक बहुत ही प्यारा परिवार मिला था।सारा परिवार प्यार के बंधन में बँधा था। सास - ससूर बेटी मानते थे...

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ख़ुशी क्या है? By Trishala_त्रिशला

जब कभी मैं ख़ुशी के बारे में सोचती हूँ तो मुझे एक मूवी का डायलॉग याद आ जाता है। “आज खुश तो बहुत होंगे तुम “ शायद इसलिए क्योकि कोई भी मुझसे ये सवाल पूछता ही नहीं या फिर मैं सबसे दू...

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दूसरी मां By Udita Mishra

दूसरी मां जिले के एक प्रसिद्ध आंख के डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ सरकारी क्वार्टर में रहते थे उनका एक बेटा था जोकि एक दूसरे शहर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था डॉक्टर साहब अपनी पत्न...

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बाबुल मोरा नैहर छुटियो जाए... By Dr.Ranjana Jaiswal

बेटे के बोर्ड के पेपर चल रहे थे...महीनों से घर से बाहर भी नहीं निकली थी ।सोचा था..इस बार इम्तिहान खत्म होने के बाद ही पीहर चली जायेगी...पर ये नाशपीटी बीमारी कोरोना के चक्कर म...

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पटरी पर गाड़ी By Annapurna Bajpai

रानो आज फिर देर से आयी।कारण पूछने पर भड़क उठी । " का बहू जी , हमहूं मनई हैं , देर अबेर हुई जात है ! घर ते देर निखरे रहे , ससुरा बड़का लड़का बहुरिया दुन्नों निरी गाली बक्कत रहा ! तो ह...

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मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

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अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

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ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 2 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' मजबूरियों की समझ बच्चा बड़ी बेसब्री से पापा के दफ़्तर से वापिस आने का इन्तज़ार कर रहा था. परीक्षाएँ पास आ रही थीं और उसकी अंकगणित की किताब ग...

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माता पिता By Ganesh

माता पिता, नाम लेते हैं हमारा जीवन सफल हो जाता है। हमारे भगवान हमारे माता पिता को प्रणाम।ये वही भगवान है जो धरती पर रहते है। और यही भगवान हमें छोटे से बड़ा भी करते है। बचपन में जब...

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एक वीरांगना By Udita Mishra

एक वीरांगना अगर झलकारी बाई पहचानी ना जाती तो आज इतिहास और कुछ होता । झलकारी बाई अपने मां बाप की इकलौती बेटी थी । झलकारी बाई जब मात्र 4 साल की थी तभी उनकी मां का देहांत हो गया । उन...

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Mobile Pin By Krutika

“Mobile Pin” में उस वक़्त दिल्ली जा रही राजधानी ट्रैन मे था. ट्रैन के ए.सी. कम्पार्टमेंट में मेरे सामने की सीट पर बैठी के खूबसूरत लड़की ने मुझसे पूछा "ह...

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सुनो मीता ! By Dr Jaya Anand

सुनो मीता !मैंने कितने ख़्वाब बुने थे तुम्हारे साथ ,हर ख्वाब का एक एक धागा प्यार के रंग में रंगा था ,उनका रंग कितना चटकीला था ऐसे ही चटक रंग तो हम दोनों को पसंद है। याद है उस दिन सी...

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उपकार By Harsh Bhatt

वर्षा ऋतु अपना आधा वक्त काट चुकी थी , जंगल मे नदिया उफान पर थी, तब उसमें एक लोमड़ी का बच्चा कूदने की जिद करने लगता है, उसके मां-बाप उसको समझाते है पर वो मानने को तैयार नही हो...

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हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) By S Sinha

कहानी - हवा हवाई - भाग 2 ( अंतिम भाग ) --------------------------------------------------------------------------------...

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खुशियों की दहलीज़... By सिमरन जयेश्वरी

अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , जब माँ ने उसे अपने कमरे में बुलाया था। कमरे मे जब वह पहुँची तो उसे एक उदासी महसूस हो रही थी। माँ के पास जाक...

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अनाथ लड़की By VANDANA VANI SINGH

कितनी मासूम कितनी कोमल हृदय की वह है जो भी देखता है वह दया भाव से भर जाता है, किसे मालूम होता है की जन्म के बाद उसने बाहर क्या-क्या दिन देखे होंगे। ये मना जाता है अनाथ लड़को का गुजा...

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चंदा By Udita Mishra

चंदा स्वीटी मीठी और मोनू तीन भाई बहन थे स्वीटी सबसे बड़ी बहन मीठी उस से छोटी और मोनू सबसे छोटा भाई था। सबसे छोटा होने के कारण मोनू सबका लाडला था। इन तीनों के पापा रोज सुबह जल्दी उठ...

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फोटो एलबम By तेज साहू

- फोटो एलबमबच्चे कब बड़े होते चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता। बचपन में सबके अपने सपने और जिद होते हैं, समय के साथ सब बदलते भी तो रहते हैं। औरों का क्या कहूँ मेरी ही एक सहेली थी, जो...

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कहाँ से छेड़ूं फ़साना By Ankita Bhargava

सुकून-ए-दिल के लिए कुछ तो एहतमाम करूं ज़रा नज़र जो मिले तो फिर उन्हें सलाम करूंमुझे तो होश नहीं आप मशविरा दीजैकहां से छेड़ूं फसाना कहां तमाम करूं अखबार के प्रतिनिधी से सौम्या की सफलत...

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एक रात ठिठुरन भरी By Abha Yadav

शाम ढ़ली भी न थी कि कोहरा उतरने लगा था. कुछ ही समय गुजरेगा ,यह जमीन को अपने आगोश में ले लेगा. फिर चलते-फिरते लोग काले धब्बे मात्र रह जायेंगे.उनकी आकृति भी साफ नजर नहीं आयेगी....

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यारी - 2 By Prem Rathod

वो आदमी उस चीज को अच्छी तरह से समझ सकता है,जिसने उस चीज को महसूस किया हो और मैंने इस चीज को सिर्फ महसूस ही नहीं किया बल्कि इस चीज को जिया है,उस हर एक पल को उस हर एक लम्हे को इसीलिए...

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बड़े धोखे है इस राह में….. By Narendra Rajput

“ बड़े धोखे है इस राह में….. “ यह कहानी एक मोहन नाम के लड़के की है। मोहन जिस ऑफ़िस में काम करता था वहां एक लड़की भी काम करती थी। लड़की को इस ऑफ़िस में आए हुए १५-२० दिन हुए थे। ऑफ़िस म...

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फोन की घंटी - दो रोटी By Saroj Prajapati

सोनम सुबह जैसे ही काम मिलता कर बैठी , उसकी बेस्ट फ्रेंड नीतू का फोन आ गया। हाल चाल पूछने के बाद उसकी सहेली ने कहा " आज मैंने तुझे एक खुशखबरी सुनाने और इनवाइट करने के लिए फोन किया ह...

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एक दुल्हन की मौत... By निशा शर्मा

नैना को एक अंधेरी कोठरी में पलंग के ऊपर बिठाकर घर की सारी औरतें बाहर निकल गयीं। मई माह की गर्मी और उसपर बनारसी साड़ी, गहने, सबकुछ नैना को बहुत ही असुविधाजनक लग रहा था मगर न तो उसके...

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२०२० By Ganesh

२०२० एक ऐसा साल हमारे कैलेंडर का और ये भी केह सकते है कि हमारे ज़िंदगी का सबसे उतार चढ़ाव वाला साल। मतलब २०२० भाई तूने किसका मुंह देखा था पहले को ऐसा कर रहा है।आफत ही आफत है! पहले...

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वो भूली दास्तां... By Dr.Ranjana Jaiswal

प्रेम.... ढाई अक्षर का छोटा सा शब्द पर... अपने आप में न जाने कितने सपने, कितने अरमानों को समेटे हुए रहता है.... मोहित और मुग्धा का कॉलेज में आखिरी साल था। मुग्धा अपने नाम के अ...

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पूजा (लघुकथा) : हिन्दी जुड़वाँ - पूजा By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

पूजा (लघुकथा) मेरा साठवां जन्मदिन था । बड़ा उत्साह का माहौल था। चारों तरफ खड़े मेरे बेटे बहू, मेरे लिए बड़े गर्व की बात थी कि सब ने बहुत बड़ा इंतजाम किया। मुझे शुभकामनाएं देन...

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इसांन या रिश्तों की अहमियत ? By JYOTI MEENA

हम रोज़ की तरह एक दिन शाम को अपनी डायरी लिख रहे थे कि हमें एक मेसैज आया। वह किसी अनजान लड़के का था उसे देख हम सोचने लगे कि " क्या हमें इसका जबाव देना चाहिए? सही होगा ?क्या वो लड़का...

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दादा जी की धोती By Amarsen Yadav

खिड़की के पास कमरे में बैठा हूं। बाहर की ओर अब हल्की-हल्की बारिश अभी भी जारी है। कल रात से ही बारिश हो रही । एक बार तो बारिश होके बंद हो गई थी लेकिन रात को 3 बजे फिर से बारिश शुरू...

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डॉगी By Dipak Raval

डोगी दीपक रावल मनसुख की साँस अटक रही थी.... आँखें फटी हुई थी... डोगी सीने पर चढ़ बैठा था... उसके मुँह से बदबू आ रही थी... गले में उसके पैरों के नाखून काट रहे थे... वह चीखना चाहता थ...

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जामुन वाली अम्मा By Udita Mishra

जामुन वाली अम्मा बहुत समय से मैं अपने पापा के साथ रविवार को छोड़कर रोज सुबह की सैर पर जाती थी हमारे सैर पर जाने के लिए हमने दो रास्ते तय किए थे जिसमें एक रास्ता जामुन वाली अम्मा...

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सुरीली By Udita Mishra

सुरीली सुरीली का नाम यूं ही सुरीली नहीं था बल्कि बचपन से ही उसकी आवाज बहुत मीठी थी वो शहर के पाश इलाके में बनी अन्ना नगर झुग्गी बस्ती में अपने भाई और अपने माता पिता के साथ रहती...

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पुरानी तोप By Deepak sharma

पुरानी तोप चतुर्थ श्रेणी के रेलवे क्वार्टर नंबर छियालीस पर पहुँचते ही मैंने अपनी स्कूटी पर ब्रेक लगा ली। ‘निरंजन यहीं रहता है क्या?’ उसके सामने खड़े ठेले पर सब्जी खरीद रही स्त्री से...

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ऐसा किसीके साथ ना हो By Narendra Rajput

" ऐसा किसीके साथ ना हो " एक लड़का जो बहोत ही गरीब परिवार में रहता था। बहोत ही कम उम्र में उसे नौकरी करनी पड़ रही थी, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सके। जब उसने १०वी कक्षा पास की त...

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बचपन By Ganesh

बचपन एक ऐसी चीज होती है, जिसमें हम बड़ो का आशीर्वाद भी लेते है और उनकी डांट भी खाते है। बचपन हमेशा ऐसा ही होना चाहिए। बचपन की तो बात ही अलग होती थी। सब दोस्तो से मिल के खुश होना, ग...

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Dear Angel By HeemaShree “Radhe"

Dear Angel,Happy Birthday SHREEबेटा जन्म दिन मुबारक हो...आज बोहत खास दिन हैं हमारी जिंदगी का आप जो आए थी हमारी जिंदगी में... आज आपकी याद रोज के दिनों से कुछ ज़्यादा ही आ रही हैं, तो...

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एक रात चोर की By Amarsen Yadav

यह कहानी मेरे बच्चपन की है। सिर्फ मेरा ही नहीं कई लोगों के साथ इससे मिलती घटनाएं हो चुकी होंगी। आप लोगों से निवेदन है कि आप इस कहानी को अवश्य पढ़ें और कहीं भी त्रुटि होने पर मुझे क...

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एनिवर्सरी By Dipak Raval

‘एनीवर्सरी’ दीपक रावल पंचम और वर्षा को अलग हुए आज एक साल हुआ. आज एनीवर्सरी!! वर्षा को अजीब लग रहा था. अलग होने की भी कोई एनीवर्सरी मनाता है? पर राजु को कुछ ऐसा ही सूझता. उसे हर बात...

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ग़लतफ़हमी By S Sinha

कहानी --ग़लतफ़हमी लगभग पाँच साल बाद मुझे सुधा का पत्र मिला था . सुधा मेरी बचपन...

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कोमल की हौसले की उड़ान By Udita Mishra

कोमल की हौसले की उड़ान आज रामचंद्र बहुत खुश था क्योंकि आज उसे अपना वारिस मिल गया रामचंद्र की तीन बेटी थी बेटे की चाह में तीन बेटियां हुई थी क्योंकि रामचंद्र ऑटो चलाता था और हर समय...

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संतोष By Annada patni

संतोष अन्नदा पाटनी दरवाज़े की घंटी बजी, देखा एक नवयुवती खड़ी थी । माँग में सिंदूर, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, होंठों पर लाली, कान में सोने के झुमके, सोने का नेकलेस, सिल्क की साड़ी और...

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बेस्ट फ्रेंड - 4 - अंतिम भाग By SURENDRA ARORA

बेस्ट फ्रेंड सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा (4) 25. आजादी पिता के ऑफिस में आजादी के अवसर पर एक पारिवारिक मिलन का आयोजन किया गया था । पत्नी स्कूल-टीचर होने के कारण अपने स्कूल में व्यस्त थी ।...

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अरदास By डिम्पल गौड़

गंगा घाट की सीढ़ियों पर बैठी नयनतारा जीवन के विगत पलोंको आँखों में भर बहती गंगा की धारा को शून्य सी होकर निहार रही थी । सीढ़ियों पर उतरते चढ़ते लोगों के मन में उमड़ते गंगा मैया के लिए...

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भाभी काश तुम पुरुष हुई होतीं By shalini singh

माँ ने फ़ोन पर जब घबराई आवाज़ में बताया कि बेटा.. अपरा हम सबको छोड़ कर चली गई तो मेरे मुँह से बस इतना निकला कि माँ वो गई नही.. उसे मार डाला हम सबने मिलकर,हमारी खोखली मान्यताओं ने ..जी...

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एक गलत कदम By VANDANA VANI SINGH

किसी को कभी इस बात का अंदाजा नही होता उसका कौन सा कदम उसकी दुनिया बदलने वाला है और वो जिन्दगी जिसमे दो कदम और दोनो गलत रास्ते पे निकल पड़े हो।ये बात तो सच है की प्रेम में अलग ताकत ह...

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भावुकता के नुकसान By Pt Satya Sharma

नवीन एक बहुत ही भावुक व्यक्ति था,जो सेना से पेंशन आ जाने के बाद अपने गाव से दूर शहर मे रहता था और एक छोटी सी राशन की दुकान चलाता था। एक दिन उसके पास एक सीधा साधा दिखने वाला लड़का आ...

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What is Women Empowerment By Madhuri Vaghasana

આજ સવાર ના જ્યારે 5 વાગ્યે મેં મારું WhatsApp ખોલ્યું ત્યારે સૌથી પહેલો મેસેજ જોવા મળ્યો મારા 3 વર્ષ પહેલાં ની મિત્ર નો.મેસેજ જોતા મને થયું લાવ વાંચું શુ કાઈ કામ હશે તો જ મેસેજ કર્...

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चोखी की दूसरी विदाई  By Udita Mishra

चोखी की दूसरी विदाई कभी कभी मेरी नानी अपने बचपन की कहानियां किस्से मुझे सुनाती है एक बार उन्होंने अपनी बचपन की सहेली चोखी के बारे में मुझे बताएं कि चोखी बहुत धनी परिवार की महिला थ...

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किसी से ना कहना By अनुभूति अनिता पाठक

रिया की शादी बड़े ही अच्छे और रईस खानदान में हुई थी। इन सबसे अच्छी बात यह थी कि उसे एक बहुत ही प्यारा परिवार मिला था।सारा परिवार प्यार के बंधन में बँधा था। सास - ससूर बेटी मानते थे...

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ख़ुशी क्या है? By Trishala_त्रिशला

जब कभी मैं ख़ुशी के बारे में सोचती हूँ तो मुझे एक मूवी का डायलॉग याद आ जाता है। “आज खुश तो बहुत होंगे तुम “ शायद इसलिए क्योकि कोई भी मुझसे ये सवाल पूछता ही नहीं या फिर मैं सबसे दू...

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दूसरी मां By Udita Mishra

दूसरी मां जिले के एक प्रसिद्ध आंख के डॉक्टर अपनी पत्नी के साथ सरकारी क्वार्टर में रहते थे उनका एक बेटा था जोकि एक दूसरे शहर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था डॉक्टर साहब अपनी पत्न...

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बाबुल मोरा नैहर छुटियो जाए... By Dr.Ranjana Jaiswal

बेटे के बोर्ड के पेपर चल रहे थे...महीनों से घर से बाहर भी नहीं निकली थी ।सोचा था..इस बार इम्तिहान खत्म होने के बाद ही पीहर चली जायेगी...पर ये नाशपीटी बीमारी कोरोना के चक्कर म...

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पटरी पर गाड़ी By Annapurna Bajpai

रानो आज फिर देर से आयी।कारण पूछने पर भड़क उठी । " का बहू जी , हमहूं मनई हैं , देर अबेर हुई जात है ! घर ते देर निखरे रहे , ससुरा बड़का लड़का बहुरिया दुन्नों निरी गाली बक्कत रहा ! तो ह...

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