hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • फ़ोटो

    अपनी गाड़ी वर्कशाप में देने के बाद, मैं चौराहे की ओर बस स्टैंड की तरफ निकल गया।...

  • मेरा परिचय

    मेरा परिचय मेरा परिचय क्या है ? कौन हूँ मैं ? तीस सालों का परिचय देना कुछ लाइनो...

  • दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग 

    दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग “हेलो सुजाता, क्या मैं अभी बात कर सकती हूँ ?”“हाँ ह...

फ़ोटो By amitaabh dikshit

अपनी गाड़ी वर्कशाप में देने के बाद, मैं चौराहे की ओर बस स्टैंड की तरफ निकल गया। शायद इस गरज से कि बस या टैक्सी कुछ भी मिल जाये तो घर चला जाय। इस चिलचिलाती धूप में पैदल जाने से तो ब...

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कितने त्रिशंकु - 1 By Dr kavita Tyagi

1. कितने त्रिशंकु आखिर क्यों आज हमें हर घर में हमें त्रिशंकु के दर्शन हो रहे हैं ? इसका कारण हम सबको मिलकर खोजना होगा ! लेकिन कारण खोजने से पहले यह तो समझ लीजिए कि त्रिशंकु आखिर है...

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मेरा परिचय By hananya bhushan

मेरा परिचय मेरा परिचय क्या है ? कौन हूँ मैं ? तीस सालों का परिचय देना कुछ लाइनो में बड़ा मुस्किल सा जान पड़ता है। एक मध्यमवर्गीय की लड़की जिसका नाम सुधा था बहुत सारे सपने लिए अपने आँख...

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दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग  By कल्पना मनोरमा

दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग “हेलो सुजाता, क्या मैं अभी बात कर सकती हूँ ?”“हाँ हाँ क्यों नहीं | दिन में दो से चार बार फोन करोगी और बार-बार क्या यही पूछती रहोगी...|”“अरे यार….तुम...

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ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 7 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' स्थितियाँ स्टेशन पर दस मिनट रूककर गाड़ी आगे चल चुकी थी, मगर मेरे दिमाग़ में अब भी पन्द्रह-बीस मिनट पहले का घटनाचक्रम घूम रहा था. कुछ देर पह...

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दो लघुकथाए By SURENDRA ARORA

भटकाव " थोड़ी देर रुक कर जाना." जैसे ही वो निकलने को हुआ, कविता ने टोक दिया. " मैं फ्री हो चुका हुँ. अब रुकने की क्या जरुरत है ? " वह बोल तो गया फिर उसने कुछ सोचते हुए कहा, " आज कुछ...

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दो कहानियां... By Anurag mandlik_मृत्युंजय

कहानी कहानी - 1 मददभीड़भरी बस में एक बूढ़ी औरत चढ़ी। "अरे आप अंदर तो आइए मैं जगह कर दूंगा.." कण्डक्टर ने लगभग दबाते हुए उनको अंदर किया और पीछे खड़े लोगो पर दबाव डालते हुए फाटक बंद क...

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अनपढ़ वैज्ञानिक By Archana Anupriya

"अनपढ़ वैज्ञानिक " - अर्चना अनुप्रियाकठुआ गांव के किसानों में खलबली मची हुई थी ।सभी किसान गांव के बीचोंबीच बने मैदान में बरगद के नीचे इकट्ठे हो गए थे...

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नीला रूमाल By Abha Yadav

"अब,कैसी हो?" एक अजनबी आवाज सुनकर मैंने आवाज की तरफ अपनी गर्दन घुमानी चाही तो मेरे होठों से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गई."बहुत दर्द हो रहा है?" अपने ऊपर एक पुलिस वाले को झु...

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तुम और मैं - 2 By Rahul Pandey

तुम और मैं - अध्याय - 2 (नाम और पहचान) — बचपन के कुछ किस्सों और कहानियों से निकाली गई एक छोटी सी लेखनी है। मैं Rahul Pandey ( poetpahadi ) आशा करता हूँ की आपको यह कोशिश ज़रूर पंसद...

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Ludo Part 2 (Final Part) By Abhishek

"अरे क्या हो गया ?" अभिजीत की चीख सुन घबराते हुए विनायक बाबू ने पूछा | "बाबा मैं जीत गया ! सामने वाले की 3 गोटियां पक गयी थीं, सिर्फ एक बची थी | और मेरी 3 बची थीं, उनमे से भी 2 तो...

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लिखी हुई इबारत ( लघुकथा संग्रह ) By Jyotsana Kapil

1 - चुनौती जूनागढ़ रियासत में जबसे वार्षिक गायन प्रतियोगिता की घोषणा हुई थी संगीत प्रेमियों में हलचल मच गई थी। उस्ताद ज़ाकिर खान और पंडित ललित शास्त्री दोनों ही बेजोड़ गायक थ...

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अनोखी मित्रता - 4 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि ( दिशा पढ़ रही होती हैं , तभी फोन की रिंग बजती है । ) अब आगे ..... दिशा screen पर देखे बिना फोन उठाकर कहती हैं कौन ...? ? आकाश कहता है - ये अच्छा...

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आज फिर एक उम्मीद मिट गई By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। मैं अपनी लोकल ट्रेन में कॉलेज के एक ट्रेनिंग प्रोग्राम से वापस लौट रही थी। मेरे सामने की सीट पर एक 23 - 24 साल का नौजवान युवक बैठा था। उसने फॉर्मल...

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मेरा घर By Sunita Agarwal

आज लगभग दो बर्ष का समय हो गया है सुदेश और शोभा की बोलचाल बन्द हुए। ऐसा नहीं कि शोभा बोलती नहीं वो सुदेश की हर चीज़ का ख्याल रखती है नाश्ता खाना हर चीज़ समय पर देती है। सुदेश से उसकी...

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सैनिक By Atul Kumar Sharma ” Kumar ”

ठण्ड और बढ़ती जा रही थी।भयंकर बर्फ के बीच अपनी पोस्ट पर मुस्तेदी से पहरा देते हुए रूपेश और अकबर पल भर के लिए भी आँख नही झपका सकते थे।"" आज वाक़ई में हाथ पैर जम् ही जायेंगे।""..रूपेश...

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दीवाना राजा By प्रवीण बसोतिया

कलयुग की शुरुआत से पहले ही महाभारत का युद्ध हुआ। ये कहने अति सहज होगा। कि नारी की लाज स्वमं भगवान को बचानी पड़ी और द्रौपती को जब सभी रास्ते बंद होते दिखे तो उन्होंने मधु सूदन को पुक...

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सिंदूरी मांग By Deepika Mona

नमस्कारलॉकडाउन में इतने दिन हो गए घर पर गए हुए पूरे 5 महीने, आज पापा मम्मी मेरे घर पे ही मिलने आ गए बहुत दिनों के बाद उन्हें देखा बहुत अच्छा लगा, एनी तो खुशी से पागल ही हो गई थी उस...

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एक कहानी ऐसी भी By Sasmita Singh

रात कि १२ बज छुके थे । अनुराधा को नींद आ नहीं रही थी। करवटें बदल रही थी और अपनी किसी खयालात कि दुनिया में खो गई थी । आंखो से आशु निकल कर तकिया भीग रहे थे । वो चिक तो रही थी मगर खाम...

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जाॅनी वी. By Priyan Sri

"पापा... आपने मेरी डायरी को हाथ भी कैसे लगाया...????" जाॅनी अपने पापा पर लगभग चीखते हुए झल्लाया। इधर डेविड भी अपने किशोरवय बेटे की डायरी में लिखे शब्दों को पढ़कर गुस्से में लाल था।...

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कोरोना के खिलाफ By Uma Sonaviya

नमस्कार मित्रोअभी जो कोरॉना काल चल रहा है उसे हराने के लिए देश के सभी डॉक्टर पुलिस कर्मचारी सब अपनी अपनी ड्यूटी पे युद्ध लड़़ रहे हैं उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है फिर भी वह द...

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इंद्रधनुषी नावें By RITA SHEKHAR MADHU

इंद्रधनुषी नावें “ज्योंहि आसमान में बादल छाए, पवन भी आह्लादित हो गई| उसने शीतलता की चादर ओढ़ ली और मंद मंद बहकर प्रकृति के साथ कदमताल मिलाकर थिरकने लगी| उसे मालूम है कि अब सभी बच्च...

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पेन फ्रेंड By S Sinha

कहानी - पेन फ्रेंड शादी से पहले मेरे पति अशोक का डोरा के साथ काफी पत्राचार हुआ करता थ...

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सीमा- एक अपूर्ण किन्तु पूर्ण प्रेम कहानी By RISHABH PANDEY

याद से समय से आ जाना मैं रोड साइड खड़े होकर वेट नहीं करूँगी पहले ही बता देती हूँ- ( फोन पर) सीमा ने अवनीश से कहाहाँ बाबा...!!! आ जाऊँगा एक बार वेट क्या कर ली हो ऐसा लग रहा है कि म...

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प्लीज पापा By SURENDRA ARORA

प्लीज पापा " पापा ! आज आपकी बहुत याद आई. सब लोग हँस रहे थे.खुद हंसने के साथ - साथ,हँसा भी रहे थे. मैं चुप थी. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं भी ऐसा क्या कहूँ कि सब लोग बड़ी जोर स...

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सूरज की पहली किरण By Sheetal

उस दिन रात को अस्पताल का एक कमरा खुला रह गया था. बालकनी में कोइ खड़ा फोन पर बातें कर रहा था.उसकी बातों से ये लग रहा था कि आज रात को वह एक लड़की का पिता बना है और वह यह खबर अपनी पत्नी...

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नया हिंदुस्तान By Sarvesh Singh

भारत एक सोने की चिड़िया था पर सोने की चिड़िया है और जिंदगी भर सोने की चिड़िया ही रहेगा क्योंकि यहां के लोगों की सोच सोने की सोच यहां के लोगों में एकता और इस चीज की ताकत की बदौलत भ...

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यारी - 4 By Prem Rathod

हम सब के मना करने के बावजूद भी रघु ने पानी में छलांग लगा दी, कुछ देर तक रघु पानी से बाहर नहीं आया। हम सब लोग वहीं पर देख रहे थे,पर वहां पर कोई हलचल नहीं हुई,हमें चिंता हो रही थी कि...

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मेंहदी है रचने वाली By Pragya Chandna

प्रतिक्षा बहुत खुश है क्योंकि उसकी शादी उसके बचपन के दोस्त मोहित से तय हो गई है। मोहित जिसके साथ वह बचपन से पढ़ती, खेलती रही है। उसी मोहित के साथ 15 अप्रैल को उसकी शादी होने वाली ह...

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मानसून की रात.. By Anurag mandlik_मृत्युंजय

भादों का महीना था और इतने घने बादल छाए हुए थे कि दोपहर में ही ऐसा लगता था मानो रात हो गई हो। घने काले बादल और उसपर से कड़कड़ाती हुई बिजली की चमक रह रह कर हरिराम और सुमति के सीने की...

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नाला में जिंदगी By Archana Singh

भोला अपने मां बाप का एकलौता बेटा गांव से शहर नौकरी करने के सिलसिले में आ जाता है। माता पिता जरा गरीब होते हैं लेकिन बेटे को लेकर उनके सपने बड़े हैं। पर इतने भी बड़े नहीं कि पूरे न...

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उसका अपराधी कौन??? By निशा शर्मा

कमला तुम आज भी देर से आयी हो तुम्हें पता है न कि तुम्हारे देर से आने पर मेरा पूरा दिन खराब हो जाता है, मुंह बनाते हुए मिसेज शर्मा अपनी कामवाली बाई से बोलीं। मगर कमला को तो जैसे कुछ...

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आज का रावण By Kusum

मैं यह रचना किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं लिख रही। यदि किसी को कुछ अच्छा न लगे तो कमी बताएं। क्षमा प्रार्थी हूं यदि कोई गलती हो तो। "मां ओ मां कहां हो"। मेरी...

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हिम्मत-ए-मर्दा By सतविन्द्र कुमार राणा बाल

"शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शायद उसका पति कुछ ठान कर ही आया था।पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं।उसने पहली रातों की तरह ही सोने का बहान...

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फौजी का प्रेम By RISHABH PANDEY

बस मे बंधे नजरबट्टू के छल्ले की आवाज में मधु की चूड़ियों की मधुर संगीत को महसूस करता हुआ स्पोई रवि आज छुट्टियों के बाद वापस लेह के किसी गुप्त स्थान में अपनी पोस्ट पर लौट रहा था। आज...

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नाम. By SURENDRA ARORA

नाम " लगता है, पागल हो गए हो " " क्या हुआ, मैंने बावलों जैसा कौन सा काम किया है ? " " रोज - रोज फोन और वो भी ठीक इसी वक्त, क्या यह पागलपन नहीं है ?" " प्यार में दीवानगी न ही तो वो...

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बोतल By Abhishek

"मोनू, सुन क्यों नहीं रहा तू?"माँ ने पिछले एक मिनट में तीसरी बार मुझे आवाज़ लगायी थी | मैं हॉल के सोफे पे एक टांग नीचे लटका के अपना फ़ोन चलाने में बिजी था | महीनों बाद सिर्फ हफ्ते भर...

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बीड़ी By Anurag mandlik_मृत्युंजय

खेत पर गेंहू में पानी चल रहा था और मैं किनारे पर बैठकर जहां कल पाइप का मुंह रखा हुआ था वहां की भुरभुरी मिट्टी से खेल रहा था।उस समय मेरी उम्र लगभग आठ या नौ वर्ष की रही होगी। उस उम्...

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ज़हरीले दाने By Ramnarayan Sungariya

कहानी ज़हरीले दाने आर.एन. सुनगरिया राज बार-बार दरवाजे तक जाते ही एक दृष्टि दूर रोड पर फैलाता, जिसे घोर अंधेरा निग...

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मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

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अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

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फ़ोटो By amitaabh dikshit

अपनी गाड़ी वर्कशाप में देने के बाद, मैं चौराहे की ओर बस स्टैंड की तरफ निकल गया। शायद इस गरज से कि बस या टैक्सी कुछ भी मिल जाये तो घर चला जाय। इस चिलचिलाती धूप में पैदल जाने से तो ब...

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कितने त्रिशंकु - 1 By Dr kavita Tyagi

1. कितने त्रिशंकु आखिर क्यों आज हमें हर घर में हमें त्रिशंकु के दर्शन हो रहे हैं ? इसका कारण हम सबको मिलकर खोजना होगा ! लेकिन कारण खोजने से पहले यह तो समझ लीजिए कि त्रिशंकु आखिर है...

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मेरा परिचय By hananya bhushan

मेरा परिचय मेरा परिचय क्या है ? कौन हूँ मैं ? तीस सालों का परिचय देना कुछ लाइनो में बड़ा मुस्किल सा जान पड़ता है। एक मध्यमवर्गीय की लड़की जिसका नाम सुधा था बहुत सारे सपने लिए अपने आँख...

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दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग  By कल्पना मनोरमा

दो ध्रुवों पर मित्रता के रंग “हेलो सुजाता, क्या मैं अभी बात कर सकती हूँ ?”“हाँ हाँ क्यों नहीं | दिन में दो से चार बार फोन करोगी और बार-बार क्या यही पूछती रहोगी...|”“अरे यार….तुम...

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ज़िन्दगी की धूप-छाँव - 7 By Harish Kumar Amit

ज़िन्दगी की धूप-छाँव हरीशं कुमार ’अमित' स्थितियाँ स्टेशन पर दस मिनट रूककर गाड़ी आगे चल चुकी थी, मगर मेरे दिमाग़ में अब भी पन्द्रह-बीस मिनट पहले का घटनाचक्रम घूम रहा था. कुछ देर पह...

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दो लघुकथाए By SURENDRA ARORA

भटकाव " थोड़ी देर रुक कर जाना." जैसे ही वो निकलने को हुआ, कविता ने टोक दिया. " मैं फ्री हो चुका हुँ. अब रुकने की क्या जरुरत है ? " वह बोल तो गया फिर उसने कुछ सोचते हुए कहा, " आज कुछ...

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दो कहानियां... By Anurag mandlik_मृत्युंजय

कहानी कहानी - 1 मददभीड़भरी बस में एक बूढ़ी औरत चढ़ी। "अरे आप अंदर तो आइए मैं जगह कर दूंगा.." कण्डक्टर ने लगभग दबाते हुए उनको अंदर किया और पीछे खड़े लोगो पर दबाव डालते हुए फाटक बंद क...

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अनपढ़ वैज्ञानिक By Archana Anupriya

"अनपढ़ वैज्ञानिक " - अर्चना अनुप्रियाकठुआ गांव के किसानों में खलबली मची हुई थी ।सभी किसान गांव के बीचोंबीच बने मैदान में बरगद के नीचे इकट्ठे हो गए थे...

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नीला रूमाल By Abha Yadav

"अब,कैसी हो?" एक अजनबी आवाज सुनकर मैंने आवाज की तरफ अपनी गर्दन घुमानी चाही तो मेरे होठों से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गई."बहुत दर्द हो रहा है?" अपने ऊपर एक पुलिस वाले को झु...

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तुम और मैं - 2 By Rahul Pandey

तुम और मैं - अध्याय - 2 (नाम और पहचान) — बचपन के कुछ किस्सों और कहानियों से निकाली गई एक छोटी सी लेखनी है। मैं Rahul Pandey ( poetpahadi ) आशा करता हूँ की आपको यह कोशिश ज़रूर पंसद...

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Ludo Part 2 (Final Part) By Abhishek

"अरे क्या हो गया ?" अभिजीत की चीख सुन घबराते हुए विनायक बाबू ने पूछा | "बाबा मैं जीत गया ! सामने वाले की 3 गोटियां पक गयी थीं, सिर्फ एक बची थी | और मेरी 3 बची थीं, उनमे से भी 2 तो...

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लिखी हुई इबारत ( लघुकथा संग्रह ) By Jyotsana Kapil

1 - चुनौती जूनागढ़ रियासत में जबसे वार्षिक गायन प्रतियोगिता की घोषणा हुई थी संगीत प्रेमियों में हलचल मच गई थी। उस्ताद ज़ाकिर खान और पंडित ललित शास्त्री दोनों ही बेजोड़ गायक थ...

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अनोखी मित्रता - 4 By Payal Sakariya

हमने देखा था कि ( दिशा पढ़ रही होती हैं , तभी फोन की रिंग बजती है । ) अब आगे ..... दिशा screen पर देखे बिना फोन उठाकर कहती हैं कौन ...? ? आकाश कहता है - ये अच्छा...

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आज फिर एक उम्मीद मिट गई By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। मैं अपनी लोकल ट्रेन में कॉलेज के एक ट्रेनिंग प्रोग्राम से वापस लौट रही थी। मेरे सामने की सीट पर एक 23 - 24 साल का नौजवान युवक बैठा था। उसने फॉर्मल...

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मेरा घर By Sunita Agarwal

आज लगभग दो बर्ष का समय हो गया है सुदेश और शोभा की बोलचाल बन्द हुए। ऐसा नहीं कि शोभा बोलती नहीं वो सुदेश की हर चीज़ का ख्याल रखती है नाश्ता खाना हर चीज़ समय पर देती है। सुदेश से उसकी...

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सैनिक By Atul Kumar Sharma ” Kumar ”

ठण्ड और बढ़ती जा रही थी।भयंकर बर्फ के बीच अपनी पोस्ट पर मुस्तेदी से पहरा देते हुए रूपेश और अकबर पल भर के लिए भी आँख नही झपका सकते थे।"" आज वाक़ई में हाथ पैर जम् ही जायेंगे।""..रूपेश...

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दीवाना राजा By प्रवीण बसोतिया

कलयुग की शुरुआत से पहले ही महाभारत का युद्ध हुआ। ये कहने अति सहज होगा। कि नारी की लाज स्वमं भगवान को बचानी पड़ी और द्रौपती को जब सभी रास्ते बंद होते दिखे तो उन्होंने मधु सूदन को पुक...

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सिंदूरी मांग By Deepika Mona

नमस्कारलॉकडाउन में इतने दिन हो गए घर पर गए हुए पूरे 5 महीने, आज पापा मम्मी मेरे घर पे ही मिलने आ गए बहुत दिनों के बाद उन्हें देखा बहुत अच्छा लगा, एनी तो खुशी से पागल ही हो गई थी उस...

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एक कहानी ऐसी भी By Sasmita Singh

रात कि १२ बज छुके थे । अनुराधा को नींद आ नहीं रही थी। करवटें बदल रही थी और अपनी किसी खयालात कि दुनिया में खो गई थी । आंखो से आशु निकल कर तकिया भीग रहे थे । वो चिक तो रही थी मगर खाम...

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जाॅनी वी. By Priyan Sri

"पापा... आपने मेरी डायरी को हाथ भी कैसे लगाया...????" जाॅनी अपने पापा पर लगभग चीखते हुए झल्लाया। इधर डेविड भी अपने किशोरवय बेटे की डायरी में लिखे शब्दों को पढ़कर गुस्से में लाल था।...

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कोरोना के खिलाफ By Uma Sonaviya

नमस्कार मित्रोअभी जो कोरॉना काल चल रहा है उसे हराने के लिए देश के सभी डॉक्टर पुलिस कर्मचारी सब अपनी अपनी ड्यूटी पे युद्ध लड़़ रहे हैं उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है फिर भी वह द...

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इंद्रधनुषी नावें By RITA SHEKHAR MADHU

इंद्रधनुषी नावें “ज्योंहि आसमान में बादल छाए, पवन भी आह्लादित हो गई| उसने शीतलता की चादर ओढ़ ली और मंद मंद बहकर प्रकृति के साथ कदमताल मिलाकर थिरकने लगी| उसे मालूम है कि अब सभी बच्च...

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पेन फ्रेंड By S Sinha

कहानी - पेन फ्रेंड शादी से पहले मेरे पति अशोक का डोरा के साथ काफी पत्राचार हुआ करता थ...

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सीमा- एक अपूर्ण किन्तु पूर्ण प्रेम कहानी By RISHABH PANDEY

याद से समय से आ जाना मैं रोड साइड खड़े होकर वेट नहीं करूँगी पहले ही बता देती हूँ- ( फोन पर) सीमा ने अवनीश से कहाहाँ बाबा...!!! आ जाऊँगा एक बार वेट क्या कर ली हो ऐसा लग रहा है कि म...

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प्लीज पापा By SURENDRA ARORA

प्लीज पापा " पापा ! आज आपकी बहुत याद आई. सब लोग हँस रहे थे.खुद हंसने के साथ - साथ,हँसा भी रहे थे. मैं चुप थी. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं भी ऐसा क्या कहूँ कि सब लोग बड़ी जोर स...

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सूरज की पहली किरण By Sheetal

उस दिन रात को अस्पताल का एक कमरा खुला रह गया था. बालकनी में कोइ खड़ा फोन पर बातें कर रहा था.उसकी बातों से ये लग रहा था कि आज रात को वह एक लड़की का पिता बना है और वह यह खबर अपनी पत्नी...

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नया हिंदुस्तान By Sarvesh Singh

भारत एक सोने की चिड़िया था पर सोने की चिड़िया है और जिंदगी भर सोने की चिड़िया ही रहेगा क्योंकि यहां के लोगों की सोच सोने की सोच यहां के लोगों में एकता और इस चीज की ताकत की बदौलत भ...

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यारी - 4 By Prem Rathod

हम सब के मना करने के बावजूद भी रघु ने पानी में छलांग लगा दी, कुछ देर तक रघु पानी से बाहर नहीं आया। हम सब लोग वहीं पर देख रहे थे,पर वहां पर कोई हलचल नहीं हुई,हमें चिंता हो रही थी कि...

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मेंहदी है रचने वाली By Pragya Chandna

प्रतिक्षा बहुत खुश है क्योंकि उसकी शादी उसके बचपन के दोस्त मोहित से तय हो गई है। मोहित जिसके साथ वह बचपन से पढ़ती, खेलती रही है। उसी मोहित के साथ 15 अप्रैल को उसकी शादी होने वाली ह...

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मानसून की रात.. By Anurag mandlik_मृत्युंजय

भादों का महीना था और इतने घने बादल छाए हुए थे कि दोपहर में ही ऐसा लगता था मानो रात हो गई हो। घने काले बादल और उसपर से कड़कड़ाती हुई बिजली की चमक रह रह कर हरिराम और सुमति के सीने की...

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नाला में जिंदगी By Archana Singh

भोला अपने मां बाप का एकलौता बेटा गांव से शहर नौकरी करने के सिलसिले में आ जाता है। माता पिता जरा गरीब होते हैं लेकिन बेटे को लेकर उनके सपने बड़े हैं। पर इतने भी बड़े नहीं कि पूरे न...

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उसका अपराधी कौन??? By निशा शर्मा

कमला तुम आज भी देर से आयी हो तुम्हें पता है न कि तुम्हारे देर से आने पर मेरा पूरा दिन खराब हो जाता है, मुंह बनाते हुए मिसेज शर्मा अपनी कामवाली बाई से बोलीं। मगर कमला को तो जैसे कुछ...

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आज का रावण By Kusum

मैं यह रचना किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं लिख रही। यदि किसी को कुछ अच्छा न लगे तो कमी बताएं। क्षमा प्रार्थी हूं यदि कोई गलती हो तो। "मां ओ मां कहां हो"। मेरी...

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हिम्मत-ए-मर्दा By सतविन्द्र कुमार राणा बाल

"शादी को सात दिन हो गए हैं। लेकिन कायदे से हमारी सुहागरात अभी तक नहीं हुई।"आज शायद उसका पति कुछ ठान कर ही आया था।पर उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं।उसने पहली रातों की तरह ही सोने का बहान...

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फौजी का प्रेम By RISHABH PANDEY

बस मे बंधे नजरबट्टू के छल्ले की आवाज में मधु की चूड़ियों की मधुर संगीत को महसूस करता हुआ स्पोई रवि आज छुट्टियों के बाद वापस लेह के किसी गुप्त स्थान में अपनी पोस्ट पर लौट रहा था। आज...

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नाम. By SURENDRA ARORA

नाम " लगता है, पागल हो गए हो " " क्या हुआ, मैंने बावलों जैसा कौन सा काम किया है ? " " रोज - रोज फोन और वो भी ठीक इसी वक्त, क्या यह पागलपन नहीं है ?" " प्यार में दीवानगी न ही तो वो...

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बोतल By Abhishek

"मोनू, सुन क्यों नहीं रहा तू?"माँ ने पिछले एक मिनट में तीसरी बार मुझे आवाज़ लगायी थी | मैं हॉल के सोफे पे एक टांग नीचे लटका के अपना फ़ोन चलाने में बिजी था | महीनों बाद सिर्फ हफ्ते भर...

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बीड़ी By Anurag mandlik_मृत्युंजय

खेत पर गेंहू में पानी चल रहा था और मैं किनारे पर बैठकर जहां कल पाइप का मुंह रखा हुआ था वहां की भुरभुरी मिट्टी से खेल रहा था।उस समय मेरी उम्र लगभग आठ या नौ वर्ष की रही होगी। उस उम्...

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ज़हरीले दाने By Ramnarayan Sungariya

कहानी ज़हरीले दाने आर.एन. सुनगरिया राज बार-बार दरवाजे तक जाते ही एक दृष्टि दूर रोड पर फैलाता, जिसे घोर अंधेरा निग...

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मां बेटी By Udita Mishra

मां बेटी सोनम के पापा का का तबादला दूसरे शहर में हो गया था । उन्होंने काफी प्रयास किया कि तबादला ना हो पर यह संभव ना हो सका और उन्हें जॉइन करने जाना पड़ा। सोनम थर्ड ईयर मेडिकल की...

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अब जाग जाओ - भाग 2 By सिद्धार्थ शुक्ला

"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही उस दिव्य पुरुष ने अपना दाह...

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