hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • ईदी अब्बा

    सेठ ग्यान चंद्र चिकन के कारोबार के बड़े व्यापारी थे, व्यापार की अच्छी समझ थी, बाज...

  • टुकड़े टुकड़े इज्जत

    हिम्मत करके सुनीता गली में घुस गयी तभी गली के बीच में एक दरवाजा खुला, आम तौर पर...

  • संन्यास

    वह पगडंडियों के सहारे चला जा रहा था। गुस्से से काँपता उसका शरीर कभी इधर कदम रखता...

टेढ़ी लकीर By Saadat Hasan Manto

अगर सड़क सीधी हो......... बिलकुल सीधी तो इस पर उस के क़दम मनों भारी हो जाते थे। वो कहा करता था। ये ज़िंदगी के ख़िलाफ़ है। जो पेच दर पेच रास्तों से भरी है। जब हम दोनों बाहर सैर को निकलते...

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ईमानदार बेईमानी By Rajesh Maheshwari

ईमानदार बेईमानी एक दिन प्रातः काल स्वर्गलोक में प्रभु के साथ नारद जी भी भ्रमण कर रहे थे। नारद जी से अचानक प्रभु ने कहा- आज मुझे तुम कोई ऐस...

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मित्रता By Rajesh Maheshwari

मित्रता कुसनेर और मोहनियां एक-दूसरे से लगे हुए जबलपुर के पास के दो गांव हैं। कुसनेर के अभयसिंह और मोहनियां के मकसूद के बीच बचपन से ही घनिष्ठ मित्रता थी। वे बचपन से साथ-साथ खेले...

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मास्टर ब्लास्टर – सचिन तेंदुलकर की कहानी By Sonia Gupta

#Great Indian story *******************मास्टर ब्लास्टर – सचिन तेंदुलकर की कहानी ******** &&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&& भारत के महान रत्न सपूतों में जाने जाना वाला एक सुप्रसिद्...

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भारत का कोहिनूर (राकेश शर्मा ) By Jahnavi Suman

भारत का कोहनूर (राकेश शर्मा ) १३ जनवरी १९४९ पंजाब के पटियाला शहर में एक नन्हें बालक की किलकारी से देवेन्द्रनाथ शर्मा और तृप्ता शर्मा का आँगन गूँज उठा था ,वे बस इन किलकारियों पर ह...

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फातिहा By Rajesh Maheshwari

फातिहा हिमाच्छादित पर्वतों के बीच, कल-कल बहते हुए झरनों का संगीत, प्रकृति के सौन्दर्य को चार चाँद लगा रहा था। कश्मीर की इन वादियों में पहुँचना बहुत कठिन है। चारों ओर ऊँचे...

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कफ़न By Vikash Raj

जब मैंने उसे देखा था तब वो महज 13 साल का था खाली पेट सो जाया करता था, पर कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया, कपडे फटे थे उसके पर कभी भी अपनी टांग किसी दुसरे की चादर से ढकने की कोश...

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ईदी अब्बा By Surendra Tandon

सेठ ग्यान चंद्र चिकन के कारोबार के बड़े व्यापारी थे, व्यापार की अच्छी समझ थी, बाजार भाव से कम रेट पर माल बेच लेना और मुनाफा भी कमा लेना उन्हें अच्छी तरह आता था। भगवान के भक्त भी थे...

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टुकड़े टुकड़े इज्जत By Ved Prakash Tyagi

हिम्मत करके सुनीता गली में घुस गयी तभी गली के बीच में एक दरवाजा खुला, आम तौर पर गली के दरवाजे उस समय बंद ही रहते थे लेकिन उस दिन उस दरवाजे के खुलने से सुनीता को थोड़ी हिम्मत आई, लेक...

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संन्यास By Neetu Singh Renuka

वह पगडंडियों के सहारे चला जा रहा था। गुस्से से काँपता उसका शरीर कभी इधर कदम रखता था तो कभी उधर। उसे खुद होश नहीं था कि आखिर वो जा कहाँ रहा है। इतना तो पता था कि कहीं दूर जा रहा है,...

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नियत By Sonu Kasana

कई बार हमारे सामने ऐसी घटनाएें घटती हैं कि हमे अपनी आँखों पर यकीन नही होता। ऐसी ही एक घटना का वर्णन ।
जो सोचने पर मजबूर करती है। . . . . . ,. . . . .

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हौसलों की उड़ान By Harish Kumar Amit

हौसलों की उड़ान : हरीश कुमार ‘अमित’ कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझ जैसी अनपढ़ स्त्री को भी देश के राष्ट्रपति महोदय के हाथों पुरस्कार पाने का गौरव मिल सकता है, लेकिन ऐस...

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सूखा पेड़ By Ved Prakash Tyagi

घर पर दोनों अकेले रहते थे, कोई पूछने वाला भी नहीं था और यह भी चिंता नहीं होती थी कि कोई घर पर प्रतीक्षा कर रहा है अतः दोनों ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ बिताने लगे, कभी आइस क्रीम प...

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ढाई बजे की बस By Neetu Singh Renuka

ढाई बजे की बस इतनी रात का सफर किसे अच्छा लगता है भला? मगर क्या किया जाए? वहाँ के लिए बस ही रात को दो बजे के बाद मिलती है। वह भी इस शहर से नहीं बल्कि दूसरे शहर जाकर। यह तो वैसे...

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आहिस्ता आहिस्ता By Renu Gupta

"राज, सॉरी, मैं तुम्हारी वो स्पेशल वाली फ्रेंड नहीं बन सकती, मुझे जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करना है, अभी फिलहाल मेरी जिंदगी में अफेयर, रोमांस के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। अभी XII के...

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प्यारालंपिक By Harish Kumar Amit

प्यारालंपिक : हरीश कुमार ‘अमित’ ‘पापा, मैंने टॉप कर लिया है. अब आपकी बारी है.’ मेरी बेटी, जिया, के फोन पर मुझसे कहे गए यही शब्द बार-बार मेरे दिमाग़ में गूँज रहे थे,...

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दलदल By Mamta shukla

 नाम  - ममता शुक्लाव्यवसाय-   गृहिणी,स्थान -     अहमदाबाद,शिक्षा- स्नातक(बी.ए)रुचि  - नए एवं पुराने लेखकों की रचनाएँ    ...

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जाओ हनीफ़ जाओ... By Saadat Hasan Manto

चौधरी ग़ुलाम अब्बास की ताज़ा तरीन तक़रीर-ओ-तबादल-ए-ख़यालात हो रहा था। टी हाउस की फ़ज़ा वहां की चाय की तरह गर्म थी। सब इस बात पर मुत्तफ़िक़ थे कि हम कश्मीर ले कर रहें गे, और ये कि डोगरा...

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अधूरा प्रण By Tejas Poonia

उसके फ़ोन का इंतज़ार करते-करते कब टोनी की आँखों में नींद आकर चुपचाप समा गई उसे पता ही न चला। ऐसा केवल एक बार नहीं हुआ था टोनी के साथ। अमूमन हर बार वह किसी न किसी के फ़ोन का इंतजार करत...

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जब किसान ने जहर खाया By Ved Prakash Tyagi

सात साल का रिशु दौड़ते हुए दादी के पास जाकर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा, दादी, दादी जल्दी चलो, बैठक में दादाजी फर्श पर गिरे पड़े हैं, जल्दी चलो, वो बोल भी नहीं रहे हैं।

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पुरस्कार By Ravi Ranjan Goswami

अगले दिन शशांक का पाँचवी कक्षा की आन्तिम परीक्षा का परिणाम आने वाला था । प्रेमा ऐसे घबराई हुई थी मानो उसका अपना परिणाम आने वाला हो । इस बार प्रेमा ने मेहनत भी खूब की थी । ट्यूटर...

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दो मुँहवाला साँप By Neetu Singh Renuka

धीरे-धीरे शाम पसर रही थी और ठंड ने फैलना शुरु कर दिया था। सूरज ने अपना सुनहरा आँचल वापस खींच लिया था मगर रात ने अभी भी अपनी काली चादर नहीं ओढ़ाई थी।सिंक में अपने हाथ धोते हुए उर्मिल...

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द्रढ संकल्प By Rajesh Maheshwari

दृढ़ संकल्प ठंड से ठिठुरती हुयी, घने कोहरे से आच्छादित रात्रि के अंतिम प्रहर में एक मोटरसाइकिल पर सवार नवयुवक अपने घर वापिस जा रहा था, उसे एक चैीराहे पर कचरे के ढ़ेर में से किसी नवजा...

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माया एक प्रेम कहानी By Ved Prakash Tyagi

प्रणय ने दरवाजा खोलकर साक्षात्कार के लिए जैसे ही अंदर प्रवेश किया, माया उसको देखती ही रह गयी, छः फ़ुटा सांवला युवक प्रथम दृष्टि में ही माया को ऐसा भाया कि वह अपनी भावना के विमान पर...

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अरमान By Ashish Kumar Trivedi

उस युवक की बात सुन कर नीलिमा को दुविधा समाप्त हो गई। वह सेकेंड हैंड कार खरीदने नहीं आया था। बल्कि उसके पति के सपने को अपना अरमान बनाने आया था। नीलिमा ने उसे शादी के लिए शुभ कामनाएं...

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चोर By Saadat Hasan Manto

मुझे बेशुमार लोगों का क़र्ज़ अदा करना था और ये सब शराब-नोशी की बदौलत था। रात को जब मैं सोने के लिए चारपाई पर लेटता तो मेरा हर क़र्ज़ ख्वाह मेरे सिरहाने मौजूद होता...... कहते हैं कि श...

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अमीरी का नशा (विश्व के महान दार्शनिकों की कहानियाँ) By MB (Official)

अमीरी का नशा (विश्व के महान दार्शनिकों की कहानियाँ)

1. अमीरी का नशा
2. वनमानुस की चुप्पी
3. चाँदनी की बाँहें
4. तीन पैगम्बर
5. नाश्ते के बाद
6. किस्सा पनचक्कीवाले का...

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क्या खोया क्या पाया By Renu Gupta

मेरी यह कहानी राजस्थान पत्रिका में 13 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित हो चुकी है। कहानी..........‘ क्या खोया, क्या पाया?’अमेरिका के लिए उड़ान भरने को तैयार पुरवा का हवाईजहाज रनवे पर तीव्...

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सीख By Neetu Singh Renuka

"अगर आपका सेलेक्शन हो जाता है तो आपको यहाँ मुंबई आना पड़ेगा। तब आप अपनी फैमली लाइफ कैसे मैनेज करेंगे, मि. सैनी?""सॉरी सर.....मैं कुछ समझा नहीं?""आई मीन टू से ....कि आपकी वाइफ तो दिल...

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अकेला By Vrishali Gotkhindikar

एक सपना देखा था ,लगता था जिन्दगी खुशहाल होगी ..मगर जाने क्या हुआ देखते देखते सपना चूर चूर हो गया शायद भगवान् की मर्जी नही थी ,इसलिए ये अकेलापन आ गया

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माता पिता और बच्चे By Monika Verma

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। हर इंसान किसी न किसी समाज से जुड़ा हुआ है। और यह समाज मिलकर बनता है एक देश।बिल्कुल इसी में से एक समाज में एक 28 साल का युवक समीर अपने मात पिता कमल लाल औ...

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छलावा By Ved Prakash Tyagi

जज साहब, ना तो जूली मुझे धोखा देती, ना मैं चोर बनता और ना ही नई नई लड़कियों से मित्रता करता, बस मैं वही सीधा सादा लड़का रहता जिसे उसके माँ बाप बहुत प्यार करते थे और वही सब सच था, बाक...

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खिंचाव By Ashish Kumar Trivedi

यह सही है कि आज प्रतियोगिता का स्तर बहुत बढ़ गया है। लेकिन इसके लिए बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाना भी ठीक नहीं।
शाज़िया अपने बेटे अमान पर बेवजह बोझ डाल रही थी। जबकी वह स्वयं एक ज़ि...

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काली By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी है एक सशक्त महिला की। जिसे तीन तरफा संघर्ष करना पड़ा।
स्त्री होते हुए अपनी पहचान पाने का
पोलियोग्रस्त होते हुए अपनी मंज़िल तक पहुँचने का
समाज के पिछड़े वर्ग में जन्म ले...

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तोहफा By Namita Gupta

It s a great book
You all will love to read it
I will not open the secret of this book
Let you discover what s so special about it
I will tell you its just about a man who go...

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फ्रंट By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी एक शहीद मेजर की पत्नी की है। जैसे सेना का सिपाही पूरी मुस्तैदी से सरहद पर डटा रहता है वैसे ही उसकी पत्नी सामाजिक व पारिवारिक फ्रंट पर डटी रहती है। यह पूरी हिम्मत के साथ जी...

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धुंवे की लकीर By Ved Prakash Tyagi

अनुज अनुज! देखो तुम्हारे गाँव से आसमान की तरफ धुंवे की कितनी मोटी लकीर बन गयी है। रीना ने अनुज को आवाज लगाकर बताया तो अनुज बोला, रीना तुम गाँव देखने आई थीं न, अब तुम्ही देखो, मैं...

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टेढ़ी लकीर By Saadat Hasan Manto

अगर सड़क सीधी हो......... बिलकुल सीधी तो इस पर उस के क़दम मनों भारी हो जाते थे। वो कहा करता था। ये ज़िंदगी के ख़िलाफ़ है। जो पेच दर पेच रास्तों से भरी है। जब हम दोनों बाहर सैर को निकलते...

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ईमानदार बेईमानी By Rajesh Maheshwari

ईमानदार बेईमानी एक दिन प्रातः काल स्वर्गलोक में प्रभु के साथ नारद जी भी भ्रमण कर रहे थे। नारद जी से अचानक प्रभु ने कहा- आज मुझे तुम कोई ऐस...

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मित्रता By Rajesh Maheshwari

मित्रता कुसनेर और मोहनियां एक-दूसरे से लगे हुए जबलपुर के पास के दो गांव हैं। कुसनेर के अभयसिंह और मोहनियां के मकसूद के बीच बचपन से ही घनिष्ठ मित्रता थी। वे बचपन से साथ-साथ खेले...

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मास्टर ब्लास्टर – सचिन तेंदुलकर की कहानी By Sonia Gupta

#Great Indian story *******************मास्टर ब्लास्टर – सचिन तेंदुलकर की कहानी ******** &&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&& भारत के महान रत्न सपूतों में जाने जाना वाला एक सुप्रसिद्...

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भारत का कोहिनूर (राकेश शर्मा ) By Jahnavi Suman

भारत का कोहनूर (राकेश शर्मा ) १३ जनवरी १९४९ पंजाब के पटियाला शहर में एक नन्हें बालक की किलकारी से देवेन्द्रनाथ शर्मा और तृप्ता शर्मा का आँगन गूँज उठा था ,वे बस इन किलकारियों पर ह...

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फातिहा By Rajesh Maheshwari

फातिहा हिमाच्छादित पर्वतों के बीच, कल-कल बहते हुए झरनों का संगीत, प्रकृति के सौन्दर्य को चार चाँद लगा रहा था। कश्मीर की इन वादियों में पहुँचना बहुत कठिन है। चारों ओर ऊँचे...

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कफ़न By Vikash Raj

जब मैंने उसे देखा था तब वो महज 13 साल का था खाली पेट सो जाया करता था, पर कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया, कपडे फटे थे उसके पर कभी भी अपनी टांग किसी दुसरे की चादर से ढकने की कोश...

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ईदी अब्बा By Surendra Tandon

सेठ ग्यान चंद्र चिकन के कारोबार के बड़े व्यापारी थे, व्यापार की अच्छी समझ थी, बाजार भाव से कम रेट पर माल बेच लेना और मुनाफा भी कमा लेना उन्हें अच्छी तरह आता था। भगवान के भक्त भी थे...

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टुकड़े टुकड़े इज्जत By Ved Prakash Tyagi

हिम्मत करके सुनीता गली में घुस गयी तभी गली के बीच में एक दरवाजा खुला, आम तौर पर गली के दरवाजे उस समय बंद ही रहते थे लेकिन उस दिन उस दरवाजे के खुलने से सुनीता को थोड़ी हिम्मत आई, लेक...

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संन्यास By Neetu Singh Renuka

वह पगडंडियों के सहारे चला जा रहा था। गुस्से से काँपता उसका शरीर कभी इधर कदम रखता था तो कभी उधर। उसे खुद होश नहीं था कि आखिर वो जा कहाँ रहा है। इतना तो पता था कि कहीं दूर जा रहा है,...

Read Free

नियत By Sonu Kasana

कई बार हमारे सामने ऐसी घटनाएें घटती हैं कि हमे अपनी आँखों पर यकीन नही होता। ऐसी ही एक घटना का वर्णन ।
जो सोचने पर मजबूर करती है। . . . . . ,. . . . .

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हौसलों की उड़ान By Harish Kumar Amit

हौसलों की उड़ान : हरीश कुमार ‘अमित’ कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझ जैसी अनपढ़ स्त्री को भी देश के राष्ट्रपति महोदय के हाथों पुरस्कार पाने का गौरव मिल सकता है, लेकिन ऐस...

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सूखा पेड़ By Ved Prakash Tyagi

घर पर दोनों अकेले रहते थे, कोई पूछने वाला भी नहीं था और यह भी चिंता नहीं होती थी कि कोई घर पर प्रतीक्षा कर रहा है अतः दोनों ज्यादा से ज्यादा समय एक साथ बिताने लगे, कभी आइस क्रीम प...

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ढाई बजे की बस By Neetu Singh Renuka

ढाई बजे की बस इतनी रात का सफर किसे अच्छा लगता है भला? मगर क्या किया जाए? वहाँ के लिए बस ही रात को दो बजे के बाद मिलती है। वह भी इस शहर से नहीं बल्कि दूसरे शहर जाकर। यह तो वैसे...

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आहिस्ता आहिस्ता By Renu Gupta

"राज, सॉरी, मैं तुम्हारी वो स्पेशल वाली फ्रेंड नहीं बन सकती, मुझे जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करना है, अभी फिलहाल मेरी जिंदगी में अफेयर, रोमांस के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। अभी XII के...

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प्यारालंपिक By Harish Kumar Amit

प्यारालंपिक : हरीश कुमार ‘अमित’ ‘पापा, मैंने टॉप कर लिया है. अब आपकी बारी है.’ मेरी बेटी, जिया, के फोन पर मुझसे कहे गए यही शब्द बार-बार मेरे दिमाग़ में गूँज रहे थे,...

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दलदल By Mamta shukla

 नाम  - ममता शुक्लाव्यवसाय-   गृहिणी,स्थान -     अहमदाबाद,शिक्षा- स्नातक(बी.ए)रुचि  - नए एवं पुराने लेखकों की रचनाएँ    ...

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जाओ हनीफ़ जाओ... By Saadat Hasan Manto

चौधरी ग़ुलाम अब्बास की ताज़ा तरीन तक़रीर-ओ-तबादल-ए-ख़यालात हो रहा था। टी हाउस की फ़ज़ा वहां की चाय की तरह गर्म थी। सब इस बात पर मुत्तफ़िक़ थे कि हम कश्मीर ले कर रहें गे, और ये कि डोगरा...

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अधूरा प्रण By Tejas Poonia

उसके फ़ोन का इंतज़ार करते-करते कब टोनी की आँखों में नींद आकर चुपचाप समा गई उसे पता ही न चला। ऐसा केवल एक बार नहीं हुआ था टोनी के साथ। अमूमन हर बार वह किसी न किसी के फ़ोन का इंतजार करत...

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जब किसान ने जहर खाया By Ved Prakash Tyagi

सात साल का रिशु दौड़ते हुए दादी के पास जाकर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा, दादी, दादी जल्दी चलो, बैठक में दादाजी फर्श पर गिरे पड़े हैं, जल्दी चलो, वो बोल भी नहीं रहे हैं।

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पुरस्कार By Ravi Ranjan Goswami

अगले दिन शशांक का पाँचवी कक्षा की आन्तिम परीक्षा का परिणाम आने वाला था । प्रेमा ऐसे घबराई हुई थी मानो उसका अपना परिणाम आने वाला हो । इस बार प्रेमा ने मेहनत भी खूब की थी । ट्यूटर...

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दो मुँहवाला साँप By Neetu Singh Renuka

धीरे-धीरे शाम पसर रही थी और ठंड ने फैलना शुरु कर दिया था। सूरज ने अपना सुनहरा आँचल वापस खींच लिया था मगर रात ने अभी भी अपनी काली चादर नहीं ओढ़ाई थी।सिंक में अपने हाथ धोते हुए उर्मिल...

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द्रढ संकल्प By Rajesh Maheshwari

दृढ़ संकल्प ठंड से ठिठुरती हुयी, घने कोहरे से आच्छादित रात्रि के अंतिम प्रहर में एक मोटरसाइकिल पर सवार नवयुवक अपने घर वापिस जा रहा था, उसे एक चैीराहे पर कचरे के ढ़ेर में से किसी नवजा...

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माया एक प्रेम कहानी By Ved Prakash Tyagi

प्रणय ने दरवाजा खोलकर साक्षात्कार के लिए जैसे ही अंदर प्रवेश किया, माया उसको देखती ही रह गयी, छः फ़ुटा सांवला युवक प्रथम दृष्टि में ही माया को ऐसा भाया कि वह अपनी भावना के विमान पर...

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अरमान By Ashish Kumar Trivedi

उस युवक की बात सुन कर नीलिमा को दुविधा समाप्त हो गई। वह सेकेंड हैंड कार खरीदने नहीं आया था। बल्कि उसके पति के सपने को अपना अरमान बनाने आया था। नीलिमा ने उसे शादी के लिए शुभ कामनाएं...

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चोर By Saadat Hasan Manto

मुझे बेशुमार लोगों का क़र्ज़ अदा करना था और ये सब शराब-नोशी की बदौलत था। रात को जब मैं सोने के लिए चारपाई पर लेटता तो मेरा हर क़र्ज़ ख्वाह मेरे सिरहाने मौजूद होता...... कहते हैं कि श...

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अमीरी का नशा (विश्व के महान दार्शनिकों की कहानियाँ) By MB (Official)

अमीरी का नशा (विश्व के महान दार्शनिकों की कहानियाँ)

1. अमीरी का नशा
2. वनमानुस की चुप्पी
3. चाँदनी की बाँहें
4. तीन पैगम्बर
5. नाश्ते के बाद
6. किस्सा पनचक्कीवाले का...

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क्या खोया क्या पाया By Renu Gupta

मेरी यह कहानी राजस्थान पत्रिका में 13 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित हो चुकी है। कहानी..........‘ क्या खोया, क्या पाया?’अमेरिका के लिए उड़ान भरने को तैयार पुरवा का हवाईजहाज रनवे पर तीव्...

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सीख By Neetu Singh Renuka

"अगर आपका सेलेक्शन हो जाता है तो आपको यहाँ मुंबई आना पड़ेगा। तब आप अपनी फैमली लाइफ कैसे मैनेज करेंगे, मि. सैनी?""सॉरी सर.....मैं कुछ समझा नहीं?""आई मीन टू से ....कि आपकी वाइफ तो दिल...

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अकेला By Vrishali Gotkhindikar

एक सपना देखा था ,लगता था जिन्दगी खुशहाल होगी ..मगर जाने क्या हुआ देखते देखते सपना चूर चूर हो गया शायद भगवान् की मर्जी नही थी ,इसलिए ये अकेलापन आ गया

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माता पिता और बच्चे By Monika Verma

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। हर इंसान किसी न किसी समाज से जुड़ा हुआ है। और यह समाज मिलकर बनता है एक देश।बिल्कुल इसी में से एक समाज में एक 28 साल का युवक समीर अपने मात पिता कमल लाल औ...

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छलावा By Ved Prakash Tyagi

जज साहब, ना तो जूली मुझे धोखा देती, ना मैं चोर बनता और ना ही नई नई लड़कियों से मित्रता करता, बस मैं वही सीधा सादा लड़का रहता जिसे उसके माँ बाप बहुत प्यार करते थे और वही सब सच था, बाक...

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खिंचाव By Ashish Kumar Trivedi

यह सही है कि आज प्रतियोगिता का स्तर बहुत बढ़ गया है। लेकिन इसके लिए बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाना भी ठीक नहीं।
शाज़िया अपने बेटे अमान पर बेवजह बोझ डाल रही थी। जबकी वह स्वयं एक ज़ि...

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काली By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी है एक सशक्त महिला की। जिसे तीन तरफा संघर्ष करना पड़ा।
स्त्री होते हुए अपनी पहचान पाने का
पोलियोग्रस्त होते हुए अपनी मंज़िल तक पहुँचने का
समाज के पिछड़े वर्ग में जन्म ले...

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तोहफा By Namita Gupta

It s a great book
You all will love to read it
I will not open the secret of this book
Let you discover what s so special about it
I will tell you its just about a man who go...

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फ्रंट By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी एक शहीद मेजर की पत्नी की है। जैसे सेना का सिपाही पूरी मुस्तैदी से सरहद पर डटा रहता है वैसे ही उसकी पत्नी सामाजिक व पारिवारिक फ्रंट पर डटी रहती है। यह पूरी हिम्मत के साथ जी...

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धुंवे की लकीर By Ved Prakash Tyagi

अनुज अनुज! देखो तुम्हारे गाँव से आसमान की तरफ धुंवे की कितनी मोटी लकीर बन गयी है। रीना ने अनुज को आवाज लगाकर बताया तो अनुज बोला, रीना तुम गाँव देखने आई थीं न, अब तुम्ही देखो, मैं...

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