hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • लोहमार्गी कथाएँ

    रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन म...

  • जाको राखे रब

    कई बार मृत्यु जब किसी को खींच कर ले जा रही हो, उसे अफ्नो के प्रयास और रब की मर्ज...

  • बेटियों के लिए

    डौटेर्स वीक के उपलक्ष में सभी बेटियों को समर्पित है ये कहानी जो एक बेटी के त्याग...

अलिफ़ लैला - 29 By MB (Official)

मंत्री जाफर ने कहा कि पहले जमाने में मिस्र देश में एक बड़ा प्रतापी और न्यायप्रिय बादशाह था। वह इतना शक्तिशाली था कि आस-पड़ोस के राजा उससे डरते थे। उसका मंत्री बड़ा शासन- कुशल, न्या...

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ज़ेहाद... By Rajesh Kumar Srivastav

जेहाद एक वतनपरस्त माँ की कहानी है जो अपने वतन के लिए अपने बेटे को, जो बाहरी बहकावे में आकर देश और अपने समाज के साथ गद्दारी पर उतर आया है, को कुर्बान कर देती है यह कहानी उन युवकों...

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विषधर By Ashish Kumar Trivedi

अधिकाधिक पाने की लालसा इंसान की बुद्धी भ्रष्ट कर देती है। लालच मे फंसे दंपत्ति की कथा। जो बहुत पाने के लालच मे सब गंवा बैठे। कहीं के नही रहे। लालच के विषधर ने डस लिया।

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बेताल पच्चीसी - 13 By Somadeva

बनारस में देवस्वामी नाम का एक ब्राह्मण रहता था। उसके हरिदास नाम का पुत्र था। हरिदास की बड़ी सुन्दर पत्नी थी। नाम था लावण्यवती। एक दिन वे महल के ऊपर छत पर सो रहे थे कि आधी रात के सम...

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बंजर By Ashish Kumar Trivedi

जब सुनीता के दिल में छाए ईर्ष्या के बादल छंटे और क्रोध की ज्वाला शांत हुई तब उसे एहसास हुआ कि वह क्या कर बैठी है। उसने अपने ही हांथों खुद को बाँझ बना दिया।

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साध्वी By Dharm

क्या होता है जब मोहब्बत को बेकार कहने वालों को खुद ही मोहब्बत हो जाती है. जो सारे जमाने के सामने इसे बेशर्मी और संस्कृति का हनन बोलते हैं उन्हें ही मोहब्बत हो जाती है. जो साध्वी प्...

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छोटू नहीं - घर का मुखिया By Ved Prakash Tyagi

जिन बच्चों को हम चाय की दुकान या ढाबे पर अक्सर छोटू कहकर पुकारते हैं वो वास्तव में अपने घर के मुखिया होते हैं। मेरी इस कहानी में एक बच्चे के बारे में बताया गया है कि कैसे वह छोटू...

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लोहमार्गी कथाएँ By Sachin Godbole

रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन मात्र ना रहकर एक संस्कृति बन गयी है और रेलवे स्टेशन इस संस्कृति का तीर्थ। रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही...

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रंगीन टी.वी. By Ashish Kumar Trivedi

बृजेश जैसे मौका देख रहा था। फ़ौरन बोला अरे इसके घर तो ब्लैक एंड वाइट टी.वी. भी नहीं है। ये क्या खरीदेगा। यह कह कर वह ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। और कई स्वर भी उसके साथ जुड़ गए। गग...

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ज़िंदा है मन्टो By SHABD MASIHA

This is short story book. Part-1 already available in market for sale. Part-II is under print. The Short Stories describes about the system, society, religion , cast ism, corrupti...

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भिखारिन अम्मा By Dharm

हम जिसको किसी लायक नहीं समझते कभी वो हमारे बहुत काम आ जाता है. इस कहानी में एक भिखारिन बुढ़िया इसी तरह बलवीर के काम आयी. वलबीर ने कभी सोचा भी न था कि एक भिखारिन उनकी इतनी बड़ी मदद कर...

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झूठी औरत By Qais Jaunpuri

उसने उस औरत की हालत देखी और अब वो उसके गाने के बोल का मतलब निकालने लगा. अब औरत गाये जा रही है और वो उसके एक–एक लफ़्ज़ का मतलब निकाल रहा है. महलों की रानी... इसी पे वो बार-बार अटक जा...

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जाको राखे रब By Ved Prakash Tyagi

कई बार मृत्यु जब किसी को खींच कर ले जा रही हो, उसे अफ्नो के प्रयास और रब की मर्जी उसको जीवनदान देने के लिए पर्याप्त हैं। इसीलिए कहते हैं जाको राखे रब, बचा लेते हैं सब

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नन्हकू By Ashish Kumar Trivedi

अँधेरा बढ़ गया था और ताई दिन भर की भूखी प्यासी वहीँ पर बैठी थीं। तभी उन्हें लगा जैसे की गेट पर कोई है। कहीं वही तो नहीं। ताई ने लपक कर बिजली जलाई। उनका नन्हकू ही था। बूढ़े शारीर में...

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मिट्टी के मन By Dharm

मोहन और सुमन, जो अनजाने में एकदूसरे से प्रेम कर बैठे. न सुमन को पता चला और न मोहन को. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था. उनकी की एक प्रेम कहानी. जिसमें वही सब है जो हमारे आसपास होता है...

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बेटियों के लिए By Ved Prakash Tyagi

डौटेर्स वीक के उपलक्ष में सभी बेटियों को समर्पित है ये कहानी जो एक बेटी के त्याग, तपस्या और समझदारी की मिसाल है, उसका आदर्श जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा है

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लोहमार्गी कथाएँ By Sachin Godbole

रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन मात्र ना रहकर एक संस्कृति बन गयी है और रेलवे स्टेशन इस संस्कृति का तीर्थ। रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही...

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मुखाग्नि By Ashish Kumar Trivedi

समाज की रूढ़ियों को तोड़ती एक लड़की की कहानी जिसने सबको अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया था। किंतु बेटे की चाह रखने वाली माँ ने सदैव उसका तिरस्कार किया।

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कसर By Ayushi

ज़िन्दगी की उलझनों में तमाम जद्दोजहद के बाद भी कुछ ना कुछ रह जाता है। ऐसी ही कहानी है नीलिमा, अजय और रोहन की। अब क्या कसर रही ये तो पढ़कर ही मालूम होगा। आशा करती हूँ आप सबको पसन्द आए...

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‘वैसी’ लड़की By Qais Jaunpuri

कामिनी ने उसे जिस दलदल में फँसाया था, नीतू को उसमें मज़ा आ रहा था. बड़े शहर की चकाचौंध में उसे असलियत दिखायी नहीं दे रही थी. कभी-कभी उसका मन, उसे ये सब करने को रोकता भी था, लेकिन उसन...

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जाली नोट By Ved Prakash Tyagi

एक ऐसे युवक की कहानी है जो अधिक महत्वाकांक्षी होने के कारण नकली नोट बनाने वालों के चक्कर मे पड़ जाता है, लेकिन किस्मत उसका साथ देती है किसी की सहायता से अपराधी पकड़े जाते हैं, उसक...

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सौर By Ashish Kumar Trivedi

घर से निकल कर दिनेश यूँ ही सड़क पर चलने लगा। उसकी आमदनी की सौर इतनी छोटी थी की पाँव सिकोड़ते सिकोड़ते घुटने दुखने लगे थे। उसके मन के भीतर बहुत कुछ चल रहा था। क्या ज़िन्दगी है दिन भर...

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गुनहगार By Pradeep Mishra

Police waalon aur Netaaon ke prati janta janaardan mein humesha se ghor asantosh ka bhaav raha hai Par ek bachhe k jeevan mein inke aatmiya vyavhaar ne jo prabhaav daala wahi is...

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भंवर By Ashish Kumar Trivedi

वासना लालच ईर्ष्या और क्रोध के भंवर में फँसी तीन जिंदगियां तबाह हो गईं। रोबिन अस्पताल में कोमा में पड़ा था और सोनिया जेल की सलाखों के पीछे। लालच का भंवर सबको लील जाता है। लालच बुरी...

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बिछुड़ा प्यार By Ved Prakash Tyagi

एक ऐसी कहानी है जिसमे लोग अपने झूठे अहम के लिए अपने ही बच्चों की खुशिओं का बलिदान कर देते हैं यहाँ तक कि अपने बच्चों का भी बलिदान करने से नहीं हिचकिचाते।

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जुहू बीच By Qais Jaunpuri

लोग देख रहे थे कि मैं भगवान की मूर्ति के साथ छेड़-छाड़ कर रहा हूँ. मगर किसी ने मुझसे कुछ कहा नहीं. मूर्ति पूरी रेत से सनी हुई थी. मैंने अगली लहर में मूर्ति को धोने के इरादे से पानी म...

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उड़नखटोला By Ashish Kumar Trivedi

चंदा और कई बच्चे साईकिल से रेस लगा रहे हैं। चंदा उन सबसे आगे है। वह तेज़ी से साईकिल चलाती हुई स्कूल जा रही है। वह बहुत खुश है।

यह कोई सपना नहीं सच है। मिसेज़ मालिक के स्टोररूम में...

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सन चौरासी देखा न गया By Ved Prakash Tyagi

सन चौरासी के दंगो का यह मंजर भुलाए नहीं भूलता जिसने इंसानियत की सभी हदें पार कर दी थी। आज भी याद आता है तो रूह काँप जाती है। आप पढ़ेंगे तो आपको भी ऐसा ही एहसास होगा।

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डॉलफिनें By Vinita Shukla

कुंठा में डूबी प्रौढ़ स्त्री, दूसरी स्त्रियों को शिकार की तरह देखती है. उन्हें अपनी मीठी मीठी बातों में फंसाकर , वह उनका फायदा उठाना चाहती है. उसके इस मनोविकार का कारण क्या है- जा...

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एक चिता अचानक By sushil yadav

वो किस्से-कहानी मिलाकर, हम लोगों को बताता कि, कैसे पिछली रात उस नुक्कड़ पर भूत- प्रेत से पाला पड गया था बमुश्किल जान बचा कर भागा एक लेम्प का कांच तभी टूट पड़ी प्रमाण में वो टूटा...

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अतिथि देवो भव By vineet kumar srivastava

रिश्तों को अपनी सीमा में रहकर प्रेम और अपनेपन से निभाया जाए तो रिश्तो में शहद सी मिठास घुल जाती है अन्यथा वही रिश्ते नीम से कड़ुए प्रतीत होते हैं अक्सर हम बड़े लोग भी बचकानी हरकतें...

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होली बाद नमाज़ By Qais Jaunpuri

तभी भीड़ में से एक सवाल और हुआ, “ये रंग आपको जहन्नुम में ले जाएँगे.” अब अहद को गुस्सा आने लगा, क्योंकि उससे सवाल करने वाले जाहिल लोग थे, जिन्हें ख़ुद जन्नत और जहन्नुम के बारे में ठीक...

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पंडीत जी By Pradeep Mishra

Samaaj me vyaapt andhvishvaas, dharma ke naam par dikhaawa va masoom gareeb insaano ke shoshan ko kendra banakar likhi gayi is kahani mein Pandit Ji pag-pag par Ramu ka shoshan kar...

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डायरी By Ashish Kumar Trivedi

अब तक जिस व्यक्ति को मैंने सिर्फ तस्वीर में देखा था उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व इस डायरी के माध्यम से मेरी आँखों के सामने था। उनसे मेरा रक्त सम्बन्ध तो था ही लेकिन आज उनके विचारों और...

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रिश्तों का रेगिस्तान By Ved Prakash Tyagi

रिश्तों का रेगिस्तान उस इंसान की कहानी है जो अपनी मेहनत के बल पर अपनी ज़िंदगी और संपत्ति अर्जित करता है लेकिन उसकी अपनी ही औलाद उसके विरुद्ध हो जाती है जब वो गरीब बच्चों के लिए एक...

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अलिफ़ लैला - 29 By MB (Official)

मंत्री जाफर ने कहा कि पहले जमाने में मिस्र देश में एक बड़ा प्रतापी और न्यायप्रिय बादशाह था। वह इतना शक्तिशाली था कि आस-पड़ोस के राजा उससे डरते थे। उसका मंत्री बड़ा शासन- कुशल, न्या...

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ज़ेहाद... By Rajesh Kumar Srivastav

जेहाद एक वतनपरस्त माँ की कहानी है जो अपने वतन के लिए अपने बेटे को, जो बाहरी बहकावे में आकर देश और अपने समाज के साथ गद्दारी पर उतर आया है, को कुर्बान कर देती है यह कहानी उन युवकों...

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विषधर By Ashish Kumar Trivedi

अधिकाधिक पाने की लालसा इंसान की बुद्धी भ्रष्ट कर देती है। लालच मे फंसे दंपत्ति की कथा। जो बहुत पाने के लालच मे सब गंवा बैठे। कहीं के नही रहे। लालच के विषधर ने डस लिया।

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बेताल पच्चीसी - 13 By Somadeva

बनारस में देवस्वामी नाम का एक ब्राह्मण रहता था। उसके हरिदास नाम का पुत्र था। हरिदास की बड़ी सुन्दर पत्नी थी। नाम था लावण्यवती। एक दिन वे महल के ऊपर छत पर सो रहे थे कि आधी रात के सम...

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बंजर By Ashish Kumar Trivedi

जब सुनीता के दिल में छाए ईर्ष्या के बादल छंटे और क्रोध की ज्वाला शांत हुई तब उसे एहसास हुआ कि वह क्या कर बैठी है। उसने अपने ही हांथों खुद को बाँझ बना दिया।

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साध्वी By Dharm

क्या होता है जब मोहब्बत को बेकार कहने वालों को खुद ही मोहब्बत हो जाती है. जो सारे जमाने के सामने इसे बेशर्मी और संस्कृति का हनन बोलते हैं उन्हें ही मोहब्बत हो जाती है. जो साध्वी प्...

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छोटू नहीं - घर का मुखिया By Ved Prakash Tyagi

जिन बच्चों को हम चाय की दुकान या ढाबे पर अक्सर छोटू कहकर पुकारते हैं वो वास्तव में अपने घर के मुखिया होते हैं। मेरी इस कहानी में एक बच्चे के बारे में बताया गया है कि कैसे वह छोटू...

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लोहमार्गी कथाएँ By Sachin Godbole

रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन मात्र ना रहकर एक संस्कृति बन गयी है और रेलवे स्टेशन इस संस्कृति का तीर्थ। रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही...

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रंगीन टी.वी. By Ashish Kumar Trivedi

बृजेश जैसे मौका देख रहा था। फ़ौरन बोला अरे इसके घर तो ब्लैक एंड वाइट टी.वी. भी नहीं है। ये क्या खरीदेगा। यह कह कर वह ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। और कई स्वर भी उसके साथ जुड़ गए। गग...

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ज़िंदा है मन्टो By SHABD MASIHA

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भिखारिन अम्मा By Dharm

हम जिसको किसी लायक नहीं समझते कभी वो हमारे बहुत काम आ जाता है. इस कहानी में एक भिखारिन बुढ़िया इसी तरह बलवीर के काम आयी. वलबीर ने कभी सोचा भी न था कि एक भिखारिन उनकी इतनी बड़ी मदद कर...

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झूठी औरत By Qais Jaunpuri

उसने उस औरत की हालत देखी और अब वो उसके गाने के बोल का मतलब निकालने लगा. अब औरत गाये जा रही है और वो उसके एक–एक लफ़्ज़ का मतलब निकाल रहा है. महलों की रानी... इसी पे वो बार-बार अटक जा...

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जाको राखे रब By Ved Prakash Tyagi

कई बार मृत्यु जब किसी को खींच कर ले जा रही हो, उसे अफ्नो के प्रयास और रब की मर्जी उसको जीवनदान देने के लिए पर्याप्त हैं। इसीलिए कहते हैं जाको राखे रब, बचा लेते हैं सब

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नन्हकू By Ashish Kumar Trivedi

अँधेरा बढ़ गया था और ताई दिन भर की भूखी प्यासी वहीँ पर बैठी थीं। तभी उन्हें लगा जैसे की गेट पर कोई है। कहीं वही तो नहीं। ताई ने लपक कर बिजली जलाई। उनका नन्हकू ही था। बूढ़े शारीर में...

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मिट्टी के मन By Dharm

मोहन और सुमन, जो अनजाने में एकदूसरे से प्रेम कर बैठे. न सुमन को पता चला और न मोहन को. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था. उनकी की एक प्रेम कहानी. जिसमें वही सब है जो हमारे आसपास होता है...

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बेटियों के लिए By Ved Prakash Tyagi

डौटेर्स वीक के उपलक्ष में सभी बेटियों को समर्पित है ये कहानी जो एक बेटी के त्याग, तपस्या और समझदारी की मिसाल है, उसका आदर्श जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा है

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लोहमार्गी कथाएँ By Sachin Godbole

रेलगाडी ने बचपन से ही हम लोगों को आकर्षित किया है। रेल सिर्फ एक आवागमन का साधन मात्र ना रहकर एक संस्कृति बन गयी है और रेलवे स्टेशन इस संस्कृति का तीर्थ। रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही...

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मुखाग्नि By Ashish Kumar Trivedi

समाज की रूढ़ियों को तोड़ती एक लड़की की कहानी जिसने सबको अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा लिया था। किंतु बेटे की चाह रखने वाली माँ ने सदैव उसका तिरस्कार किया।

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कसर By Ayushi

ज़िन्दगी की उलझनों में तमाम जद्दोजहद के बाद भी कुछ ना कुछ रह जाता है। ऐसी ही कहानी है नीलिमा, अजय और रोहन की। अब क्या कसर रही ये तो पढ़कर ही मालूम होगा। आशा करती हूँ आप सबको पसन्द आए...

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‘वैसी’ लड़की By Qais Jaunpuri

कामिनी ने उसे जिस दलदल में फँसाया था, नीतू को उसमें मज़ा आ रहा था. बड़े शहर की चकाचौंध में उसे असलियत दिखायी नहीं दे रही थी. कभी-कभी उसका मन, उसे ये सब करने को रोकता भी था, लेकिन उसन...

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जाली नोट By Ved Prakash Tyagi

एक ऐसे युवक की कहानी है जो अधिक महत्वाकांक्षी होने के कारण नकली नोट बनाने वालों के चक्कर मे पड़ जाता है, लेकिन किस्मत उसका साथ देती है किसी की सहायता से अपराधी पकड़े जाते हैं, उसक...

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सौर By Ashish Kumar Trivedi

घर से निकल कर दिनेश यूँ ही सड़क पर चलने लगा। उसकी आमदनी की सौर इतनी छोटी थी की पाँव सिकोड़ते सिकोड़ते घुटने दुखने लगे थे। उसके मन के भीतर बहुत कुछ चल रहा था। क्या ज़िन्दगी है दिन भर...

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गुनहगार By Pradeep Mishra

Police waalon aur Netaaon ke prati janta janaardan mein humesha se ghor asantosh ka bhaav raha hai Par ek bachhe k jeevan mein inke aatmiya vyavhaar ne jo prabhaav daala wahi is...

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भंवर By Ashish Kumar Trivedi

वासना लालच ईर्ष्या और क्रोध के भंवर में फँसी तीन जिंदगियां तबाह हो गईं। रोबिन अस्पताल में कोमा में पड़ा था और सोनिया जेल की सलाखों के पीछे। लालच का भंवर सबको लील जाता है। लालच बुरी...

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बिछुड़ा प्यार By Ved Prakash Tyagi

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जुहू बीच By Qais Jaunpuri

लोग देख रहे थे कि मैं भगवान की मूर्ति के साथ छेड़-छाड़ कर रहा हूँ. मगर किसी ने मुझसे कुछ कहा नहीं. मूर्ति पूरी रेत से सनी हुई थी. मैंने अगली लहर में मूर्ति को धोने के इरादे से पानी म...

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उड़नखटोला By Ashish Kumar Trivedi

चंदा और कई बच्चे साईकिल से रेस लगा रहे हैं। चंदा उन सबसे आगे है। वह तेज़ी से साईकिल चलाती हुई स्कूल जा रही है। वह बहुत खुश है।

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सन चौरासी देखा न गया By Ved Prakash Tyagi

सन चौरासी के दंगो का यह मंजर भुलाए नहीं भूलता जिसने इंसानियत की सभी हदें पार कर दी थी। आज भी याद आता है तो रूह काँप जाती है। आप पढ़ेंगे तो आपको भी ऐसा ही एहसास होगा।

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डॉलफिनें By Vinita Shukla

कुंठा में डूबी प्रौढ़ स्त्री, दूसरी स्त्रियों को शिकार की तरह देखती है. उन्हें अपनी मीठी मीठी बातों में फंसाकर , वह उनका फायदा उठाना चाहती है. उसके इस मनोविकार का कारण क्या है- जा...

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एक चिता अचानक By sushil yadav

वो किस्से-कहानी मिलाकर, हम लोगों को बताता कि, कैसे पिछली रात उस नुक्कड़ पर भूत- प्रेत से पाला पड गया था बमुश्किल जान बचा कर भागा एक लेम्प का कांच तभी टूट पड़ी प्रमाण में वो टूटा...

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अतिथि देवो भव By vineet kumar srivastava

रिश्तों को अपनी सीमा में रहकर प्रेम और अपनेपन से निभाया जाए तो रिश्तो में शहद सी मिठास घुल जाती है अन्यथा वही रिश्ते नीम से कड़ुए प्रतीत होते हैं अक्सर हम बड़े लोग भी बचकानी हरकतें...

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होली बाद नमाज़ By Qais Jaunpuri

तभी भीड़ में से एक सवाल और हुआ, “ये रंग आपको जहन्नुम में ले जाएँगे.” अब अहद को गुस्सा आने लगा, क्योंकि उससे सवाल करने वाले जाहिल लोग थे, जिन्हें ख़ुद जन्नत और जहन्नुम के बारे में ठीक...

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पंडीत जी By Pradeep Mishra

Samaaj me vyaapt andhvishvaas, dharma ke naam par dikhaawa va masoom gareeb insaano ke shoshan ko kendra banakar likhi gayi is kahani mein Pandit Ji pag-pag par Ramu ka shoshan kar...

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डायरी By Ashish Kumar Trivedi

अब तक जिस व्यक्ति को मैंने सिर्फ तस्वीर में देखा था उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व इस डायरी के माध्यम से मेरी आँखों के सामने था। उनसे मेरा रक्त सम्बन्ध तो था ही लेकिन आज उनके विचारों और...

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रिश्तों का रेगिस्तान By Ved Prakash Tyagi

रिश्तों का रेगिस्तान उस इंसान की कहानी है जो अपनी मेहनत के बल पर अपनी ज़िंदगी और संपत्ति अर्जित करता है लेकिन उसकी अपनी ही औलाद उसके विरुद्ध हो जाती है जब वो गरीब बच्चों के लिए एक...

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