hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • जनपथ का दर्द

    स्व रोजगार करके अपनी रोजी कमाकर रोटी खाने वाले लोगों के सामने नगर निगम और पुलिस...

  • शारदा माँ

    वास्तव में शारदा माँ सरस्वती का ही एक स्वरूप थी, निडर साहसी एवं आत्मविश्वास से प...

  • केंद्र बिंदु

    अपने पापा का दर्द आरव समझ गया। कुछ रुक कर बोला पापा बचपन में आप मुझे ज्योमेट्री...

बेताल पच्चीसी - 5 By Somadeva

उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच रा...

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जनपथ का दर्द By Ved Prakash Tyagi

स्व रोजगार करके अपनी रोजी कमाकर रोटी खाने वाले लोगों के सामने नगर निगम और पुलिस किस तरह अडचने पैदा करते हैं जिसका नगर निगम या पुलिस को तो कोई लाभ नहीं है लेकिन गरीब का भारी नुकसान...

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एक टुकड़ा आसमान By Ashish Kumar Trivedi

समीर मारिया को जाते हुए देख रहा था। उसने अपने जज़्बातों को काबू करने की कोशिश की किंतु फिर भी आँखें छलक पड़ीं। उसने आसमान की तरफ देखा। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे। भले ही उसका प्या...

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अलिफ़ लैला - 20 By MB (Official)

सिंदबाद ने कहा कि मैंने अच्छी-खासी पैतृक संपत्ति पाई थी किंतु मैंने नौजवानी की मूर्खताओं के वश में पड़कर उसे भोग-विलास में उड़ा डाला। मेरे पिता जब जीवित थे तो कहते थे कि निर्धनता क...

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पूर्वाग्रह By Vinita Shukla

विवाह के बाद, पत्नी सुजाता के प्रति देवेन का पूर्वाग्रह, उन दोनों का मन मिलने नहीं देता. आगे क्या होता है ....क्या देवेन अपने पूर्वाग्रह से निकल पाटा है, पढ़िये इस कहानी में.

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हट जा रे खड़ूस! By Qais Jaunpuri

पाँच रुपए उसने अपनी सलवार के नेफ़े में ठूँस लिए और तसल्ली से अपनी कमीज़ नीचे सरका दी, ऐसे, जैसे उसने वो पाँच का सिक्का ज़मीन में गाड़ दिया है और अब किसी की नज़र उसपे पड़ने वाली नहीं.

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शारदा माँ By Ved Prakash Tyagi

वास्तव में शारदा माँ सरस्वती का ही एक स्वरूप थी, निडर साहसी एवं आत्मविश्वास से परिपूर्ण अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफल रही यहाँ तक कि अपने आखिरी समय में भी वे यही कह रही थी कि मुझ...

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केंद्र बिंदु By Ashish Kumar Trivedi

अपने पापा का दर्द आरव समझ गया। कुछ रुक कर बोला पापा बचपन में आप मुझे ज्योमेट्री पढ़ाते थे। आपने मुझे सर्कल के बारे में बताया था। उसकी परिधि का हर बिंदु समान रूप से केंद्र से जुड़ा...

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बदलते रंग By Vinita Shukla

स्त्री और पुरुष के चरित्र को लेकर, समाज के दोहरे मानदंडों पर प्रश्न उठाती हुई कहानी. समाज से मिली कुंठा में डूबी हुई नायिका, अपनी मनोग्रंथि से कैसे उबर पाती है- इस कहानी में यही द...

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कागज़ की कश़्ती By Ashish Kumar Trivedi

जब बड़ा हुआ तब स्त्री होने की वेदना समझ में आई कि एक लड़की तो अपने मन को बड़ा कर माँ की भूमिका निभा सकती है लेकिन यह समाज उसकी एक भूल को उदारता से सह नही सकता. उसके प्रायश्चित में...

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दायरे By Vinita Shukla

विवाह के बाद, पति के जान- पहचान के लोगों के साथ समायोजन करती नायिका. पति के परिचितों के साथ एडजेस्ट करने में, उसे खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

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काम की धुन By Ved Prakash Tyagi

कैसे एक व्यक्ति अपने काम मे इतना मशगूल हो गया कि यह भी भूल गया कि उसकी पत्नी अस्पताल केन प्रांगण मे उसका शाम तक इंतज़ार करती रही और वह उसको वहीं भूल कर घर पहुँच गया।

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अगर तुम ना होते By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी पति पत्नी के रिश्ते के लिए आवश्यक आपसी विश्वास को दिखाती है। बिना आपसी विश्वास के यह रिश्ता खोखला है। आपसी विश्वास ही इसकी नींव है। यही प्रेम का आधार भी है।

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रक्तबीज By Vinita Shukla

बचपन से ही माँ को खो चुका किशोर, उसके बारे में उल्टी- पुलटी बातें सुनता रहता है जिसके चलते, उसे अपनी माँ से ही घृणा हो जाती है लेकिन एक दिन उसे अपनी सोच को बदलना पड़ता है. जानिये...

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गन्दा ख़ून By Qais Jaunpuri

वसीम ग़ुस्से में सामने पड़ी शराब की बोतल को काफ़ी देर से घूर रहा है. उसका जी चाह रहा है कि शराब की बोतल को दाँतों से कूच के थूक दे और फिर शीशे के टुकड़ों को अपने पैरों तले कुचल के मिट्...

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मन के मोती - 11 By Ashish Kumar Trivedi

यह मेरी कहानियों का संग्रह है यह सभी कहानियां जीवन के विभिन्न मनोभावों को दिखाती हैं. जीवन के उतार चढ़ाव में डटे रहने वा उम्मीद न छोड़ने की प्रेरणा देती हैं।

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जीने की वो कशमकश By Vinita Shukla

पत्रकारिता के क्षेत्र में पहचान बना चुका नायक, एक ऐसी परिस्थिति से गुजरता है, जब उसे अपने अतीत की अप्रिय यादों से बारम्बार गुजरना पड़ता है. ऐसा क्या होता है उसके साथ

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देसी घी का खाली कनस्तर By Ved Prakash Tyagi

गाँव की एक अनपढ़ बुढ़िया ने एक दुकानदार को ऐसा उल्लू बनाया जो उसको ज़िंदगी भर के लिए याद रहेगा कि उसका पाला भी किसी सवा सेर से पड़ा था। अभी तक तो अपने से ज्यादा होशियार किसी को नहीं स...

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सच से मुठभेड़ By Vinita Shukla

सोशल मीडिया के आकर्षण में जकड़ी नायिका, अंतर्जाल के जाल में फंस कर रह जाती है और आभासी दुनियां का जादू उसके सर पर चढ़कर बोलने लगता है. क्या कभी वह इस जाल से निकल पाएगी

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राजपूत कैदी By Munshi Premchand

धर्म सिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आई कि मैं बूढ़ी होती जाती हूँ, मरने से पहले एक बार तुम्हें देखने की अभिलाषा है, यहाँ आकर मुझे विदा कर आ...

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मूर्ख सुमंत By Munshi Premchand

एक समय एक गांव में एक धनी किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थे-विजय सिपाही, तारा वणिक, सुमंत मूर्ख। गूंगीबहरी मनोरमा नाम की एक कुंवारी कन्या भी थी। विजय तो जाकर किसी राजा की सेना में भ...

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एक नया अध्याय By Vinita Shukla

जमीन से ऊपर उठे एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की कहानी. परिस्थितियां ही उन्हें एक- दूजे से विमुख करती हैं और परिस्थितियां ही आपस में जोड़ भी देतीं हैं. रिश्तों की जोड़- तोड़ से बुनी गयी कह...

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भांग का भूत By Dharm

कभी कभी हम मजाक में किसी को भांग खिला देते हैं, या फिर किसी से बड़ी मजाक कर देते है. लेकिन वही मजाक जब विकराल रूप धारण कर लेट है तो हमारे हाथ पैर फूल जाते हैं. कुछ का कुछ समझा जाता...

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बचपन By Pawnesh Dixit

हर उम्र में सपने पंख पसारते हैं कुछ को गरीबी ले डूबती है कुछ पैदा करनेवाले माँ बाप के कारनामों के भेंट चढ़ जाते हैं ऐसा ही किस्सा पेश है आप लोगों के लिए -नन्ही सी जान कैसे फैसला क...

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मुंगेरी By Vinita Shukla

मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने वाली लड़की, जिसका नाम ही मुंगेरी पड़ गया था. बड़ी बड़ी हांकने और जमीनी हकीक़त को नज़रअंदाज़ करने वाला उसका रवैया क्या रंग लाया, पढ़ें इस कहानी में.

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चरैवेति By महेश रौतेला

ऐसा लगता है,साठ साल के दो मित्रों के अंतरंग क्षणों का संक्षिप्त वार्तालाप अपनी सुगंध खोया नहीं है।निशांत इस बीच अराध्या को एक यात्रा वृतान्त व्हाइटस एप्प पर पोस्ट करता है-

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ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार By Munshi Premchand

हम एक दिन रीछ के शिकार को निकले। मेरे साथी ने एक रीछ पर गोली चलाई। वह गहरी नहीं लगी। रीछ भाग गया। बर्फ पर लहू के चिह्न बाकी रह गए।
हम एकत्र होकर यह विचार करने लगे कि तुरंत पीछा कर...

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मोबाइल का झंझट By Dharm

एक मोबाइल सुविधा के साथ साथ कुछ मुश्किलें भी खड़ी कर देता है. अगर आप पहली बार मोबाइल लाये हैं तो और बड़ी मुश्किल. इस कहानी में आपको एक मुश्किल का मजेदार किस्सा पढने को मिलेगा.

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मिडिल क्लास के कारनामे By Pawnesh Dixit

कैसी होती है एक ज़िंदगी- मिडिल क्लास सोसायटी की जो अपनी नैतिकता और संस्कारों से कभी जकड़ी हुयी दिखाई देती है तो कभी आधुनिकता के पहलु में चुपके से सराबोर होती हुयी दिखती है ये पैसे...

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क्षमादान By Munshi Premchand

दिल्ली नगर में भागीरथ नाम का युवक सौदागर रहता था। वहाँ उसकी अपनी दो दुकानें और एक रहने का मकान था। वह सुंदर था। उसके बाल कोमल, चमकीले और घुँघराले थे। वह हँसोड़ और गाने का बड़ा प्रे...

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आंधी की आग By Dharm

सुबह एक बाप अपने छोटे बच्चे को किसी बात पर डांट फटकार देता है. लेकिन घर से बाहर जा उसे उस बच्चे के प्रति दया उत्पन्न हो जाती है. लेकिन शाम को घर लौट कर आता है तो पता चलता है कि अब...

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एक चिनगारी घर को जला देती है By Munshi Premchand

एक चिनगारी घर को जला देती है
-राजपूत कैदी
-ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार
-मनुष्य का जीवन आधार क्या है
-एक चिनगारी घर को जला देती है
-दो वृद्ध पुरुष
-प्रेम में परमेश्वर
-मूर्ख सुम...

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बेताल पच्चीसी - 5 By Somadeva

उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चिन्ता होने लगी। इसी बीच रा...

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जनपथ का दर्द By Ved Prakash Tyagi

स्व रोजगार करके अपनी रोजी कमाकर रोटी खाने वाले लोगों के सामने नगर निगम और पुलिस किस तरह अडचने पैदा करते हैं जिसका नगर निगम या पुलिस को तो कोई लाभ नहीं है लेकिन गरीब का भारी नुकसान...

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एक टुकड़ा आसमान By Ashish Kumar Trivedi

समीर मारिया को जाते हुए देख रहा था। उसने अपने जज़्बातों को काबू करने की कोशिश की किंतु फिर भी आँखें छलक पड़ीं। उसने आसमान की तरफ देखा। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे। भले ही उसका प्या...

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अलिफ़ लैला - 20 By MB (Official)

सिंदबाद ने कहा कि मैंने अच्छी-खासी पैतृक संपत्ति पाई थी किंतु मैंने नौजवानी की मूर्खताओं के वश में पड़कर उसे भोग-विलास में उड़ा डाला। मेरे पिता जब जीवित थे तो कहते थे कि निर्धनता क...

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पूर्वाग्रह By Vinita Shukla

विवाह के बाद, पत्नी सुजाता के प्रति देवेन का पूर्वाग्रह, उन दोनों का मन मिलने नहीं देता. आगे क्या होता है ....क्या देवेन अपने पूर्वाग्रह से निकल पाटा है, पढ़िये इस कहानी में.

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हट जा रे खड़ूस! By Qais Jaunpuri

पाँच रुपए उसने अपनी सलवार के नेफ़े में ठूँस लिए और तसल्ली से अपनी कमीज़ नीचे सरका दी, ऐसे, जैसे उसने वो पाँच का सिक्का ज़मीन में गाड़ दिया है और अब किसी की नज़र उसपे पड़ने वाली नहीं.

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शारदा माँ By Ved Prakash Tyagi

वास्तव में शारदा माँ सरस्वती का ही एक स्वरूप थी, निडर साहसी एवं आत्मविश्वास से परिपूर्ण अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफल रही यहाँ तक कि अपने आखिरी समय में भी वे यही कह रही थी कि मुझ...

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केंद्र बिंदु By Ashish Kumar Trivedi

अपने पापा का दर्द आरव समझ गया। कुछ रुक कर बोला पापा बचपन में आप मुझे ज्योमेट्री पढ़ाते थे। आपने मुझे सर्कल के बारे में बताया था। उसकी परिधि का हर बिंदु समान रूप से केंद्र से जुड़ा...

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बदलते रंग By Vinita Shukla

स्त्री और पुरुष के चरित्र को लेकर, समाज के दोहरे मानदंडों पर प्रश्न उठाती हुई कहानी. समाज से मिली कुंठा में डूबी हुई नायिका, अपनी मनोग्रंथि से कैसे उबर पाती है- इस कहानी में यही द...

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कागज़ की कश़्ती By Ashish Kumar Trivedi

जब बड़ा हुआ तब स्त्री होने की वेदना समझ में आई कि एक लड़की तो अपने मन को बड़ा कर माँ की भूमिका निभा सकती है लेकिन यह समाज उसकी एक भूल को उदारता से सह नही सकता. उसके प्रायश्चित में...

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दायरे By Vinita Shukla

विवाह के बाद, पति के जान- पहचान के लोगों के साथ समायोजन करती नायिका. पति के परिचितों के साथ एडजेस्ट करने में, उसे खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

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काम की धुन By Ved Prakash Tyagi

कैसे एक व्यक्ति अपने काम मे इतना मशगूल हो गया कि यह भी भूल गया कि उसकी पत्नी अस्पताल केन प्रांगण मे उसका शाम तक इंतज़ार करती रही और वह उसको वहीं भूल कर घर पहुँच गया।

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अगर तुम ना होते By Ashish Kumar Trivedi

यह कहानी पति पत्नी के रिश्ते के लिए आवश्यक आपसी विश्वास को दिखाती है। बिना आपसी विश्वास के यह रिश्ता खोखला है। आपसी विश्वास ही इसकी नींव है। यही प्रेम का आधार भी है।

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रक्तबीज By Vinita Shukla

बचपन से ही माँ को खो चुका किशोर, उसके बारे में उल्टी- पुलटी बातें सुनता रहता है जिसके चलते, उसे अपनी माँ से ही घृणा हो जाती है लेकिन एक दिन उसे अपनी सोच को बदलना पड़ता है. जानिये...

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गन्दा ख़ून By Qais Jaunpuri

वसीम ग़ुस्से में सामने पड़ी शराब की बोतल को काफ़ी देर से घूर रहा है. उसका जी चाह रहा है कि शराब की बोतल को दाँतों से कूच के थूक दे और फिर शीशे के टुकड़ों को अपने पैरों तले कुचल के मिट्...

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मन के मोती - 11 By Ashish Kumar Trivedi

यह मेरी कहानियों का संग्रह है यह सभी कहानियां जीवन के विभिन्न मनोभावों को दिखाती हैं. जीवन के उतार चढ़ाव में डटे रहने वा उम्मीद न छोड़ने की प्रेरणा देती हैं।

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जीने की वो कशमकश By Vinita Shukla

पत्रकारिता के क्षेत्र में पहचान बना चुका नायक, एक ऐसी परिस्थिति से गुजरता है, जब उसे अपने अतीत की अप्रिय यादों से बारम्बार गुजरना पड़ता है. ऐसा क्या होता है उसके साथ

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देसी घी का खाली कनस्तर By Ved Prakash Tyagi

गाँव की एक अनपढ़ बुढ़िया ने एक दुकानदार को ऐसा उल्लू बनाया जो उसको ज़िंदगी भर के लिए याद रहेगा कि उसका पाला भी किसी सवा सेर से पड़ा था। अभी तक तो अपने से ज्यादा होशियार किसी को नहीं स...

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सच से मुठभेड़ By Vinita Shukla

सोशल मीडिया के आकर्षण में जकड़ी नायिका, अंतर्जाल के जाल में फंस कर रह जाती है और आभासी दुनियां का जादू उसके सर पर चढ़कर बोलने लगता है. क्या कभी वह इस जाल से निकल पाएगी

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राजपूत कैदी By Munshi Premchand

धर्म सिंह नामी राजपूत राजपूताना की सेना में एक अफसर था। एक दिन माता की पत्री आई कि मैं बूढ़ी होती जाती हूँ, मरने से पहले एक बार तुम्हें देखने की अभिलाषा है, यहाँ आकर मुझे विदा कर आ...

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मूर्ख सुमंत By Munshi Premchand

एक समय एक गांव में एक धनी किसान रहता था। उसके तीन पुत्र थे-विजय सिपाही, तारा वणिक, सुमंत मूर्ख। गूंगीबहरी मनोरमा नाम की एक कुंवारी कन्या भी थी। विजय तो जाकर किसी राजा की सेना में भ...

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एक नया अध्याय By Vinita Shukla

जमीन से ऊपर उठे एक व्यक्ति और उसकी पत्नी की कहानी. परिस्थितियां ही उन्हें एक- दूजे से विमुख करती हैं और परिस्थितियां ही आपस में जोड़ भी देतीं हैं. रिश्तों की जोड़- तोड़ से बुनी गयी कह...

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भांग का भूत By Dharm

कभी कभी हम मजाक में किसी को भांग खिला देते हैं, या फिर किसी से बड़ी मजाक कर देते है. लेकिन वही मजाक जब विकराल रूप धारण कर लेट है तो हमारे हाथ पैर फूल जाते हैं. कुछ का कुछ समझा जाता...

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बचपन By Pawnesh Dixit

हर उम्र में सपने पंख पसारते हैं कुछ को गरीबी ले डूबती है कुछ पैदा करनेवाले माँ बाप के कारनामों के भेंट चढ़ जाते हैं ऐसा ही किस्सा पेश है आप लोगों के लिए -नन्ही सी जान कैसे फैसला क...

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मुंगेरी By Vinita Shukla

मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने वाली लड़की, जिसका नाम ही मुंगेरी पड़ गया था. बड़ी बड़ी हांकने और जमीनी हकीक़त को नज़रअंदाज़ करने वाला उसका रवैया क्या रंग लाया, पढ़ें इस कहानी में.

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चरैवेति By महेश रौतेला

ऐसा लगता है,साठ साल के दो मित्रों के अंतरंग क्षणों का संक्षिप्त वार्तालाप अपनी सुगंध खोया नहीं है।निशांत इस बीच अराध्या को एक यात्रा वृतान्त व्हाइटस एप्प पर पोस्ट करता है-

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ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार By Munshi Premchand

हम एक दिन रीछ के शिकार को निकले। मेरे साथी ने एक रीछ पर गोली चलाई। वह गहरी नहीं लगी। रीछ भाग गया। बर्फ पर लहू के चिह्न बाकी रह गए।
हम एकत्र होकर यह विचार करने लगे कि तुरंत पीछा कर...

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मोबाइल का झंझट By Dharm

एक मोबाइल सुविधा के साथ साथ कुछ मुश्किलें भी खड़ी कर देता है. अगर आप पहली बार मोबाइल लाये हैं तो और बड़ी मुश्किल. इस कहानी में आपको एक मुश्किल का मजेदार किस्सा पढने को मिलेगा.

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मिडिल क्लास के कारनामे By Pawnesh Dixit

कैसी होती है एक ज़िंदगी- मिडिल क्लास सोसायटी की जो अपनी नैतिकता और संस्कारों से कभी जकड़ी हुयी दिखाई देती है तो कभी आधुनिकता के पहलु में चुपके से सराबोर होती हुयी दिखती है ये पैसे...

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क्षमादान By Munshi Premchand

दिल्ली नगर में भागीरथ नाम का युवक सौदागर रहता था। वहाँ उसकी अपनी दो दुकानें और एक रहने का मकान था। वह सुंदर था। उसके बाल कोमल, चमकीले और घुँघराले थे। वह हँसोड़ और गाने का बड़ा प्रे...

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आंधी की आग By Dharm

सुबह एक बाप अपने छोटे बच्चे को किसी बात पर डांट फटकार देता है. लेकिन घर से बाहर जा उसे उस बच्चे के प्रति दया उत्पन्न हो जाती है. लेकिन शाम को घर लौट कर आता है तो पता चलता है कि अब...

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एक चिनगारी घर को जला देती है By Munshi Premchand

एक चिनगारी घर को जला देती है
-राजपूत कैदी
-ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार
-मनुष्य का जीवन आधार क्या है
-एक चिनगारी घर को जला देती है
-दो वृद्ध पुरुष
-प्रेम में परमेश्वर
-मूर्ख सुम...

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