###जिंदगी ###
जिंदगी का सही अर्थ क्या है? पहले तो इसे समझना जरूरी है। क्योंकि कुछ लोग इसे बिना समझे ही ऐसा मानते है कि वो अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, अथवा कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि उनकी जिंदगी खराब हो गई हैं।
लेकिन यदि वास्तव में देखा जाए तो जिंदगी किसी वस्तु अथवा पैसे पर निर्भर नहीं करती। कि हमारे पास पैसे हो तो जिंदगी अच्छी है, वरना खराब है।
यदि ऐसा माना जाए तो सभी पैसे वालों की जिंदगी अच्छी होनी चाहिए। परंतु ऐसा कुछ निश्चित नहीं है। क्योंकि अनेक ऐसे लोग देखे जाते है जो पैसे वाले होकर भी जीवन में परेशान होते हैं।और कुछ लोग बिना पैसे के भी जीवन में खुश रहते हैं।अत: यह तो निश्चित है कि जिंदगी में पैसा ही सब कुछ नहीं है।
तो अब प्रश्न उठता है कि जिंदगी क्या है? तो हकीकत में देखा जाए तो जिंदगी का मूल आधार सरलता , सहजता है। अर्थात जीवन में हमेशा सरल व्यवहार रखना चाहिए। तथा सबसे सहजता से पेश आना चाहिए यही वास्तविक जिंदगी है।
परंतु आज के समय में ये दोनों चीज लोगों में बहुत कम दिखाई देती है। आज के समय बस लोगों को पैसे के अलावा कुछ और नहीं दिखता। बस सब पैसे के पीछे भाग रहे हैं और उसके चक्कर में लोग सरलता को भूल से गए हैं। और आज सब के अंदर क्रोध, अभिमान और कपट भरा पड़ा है। ऐसे में लोगों की जिंदगी कहां तक अच्छी होगी । सभी लोग आज एक दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
आज के समय में लोग पैसे के चक्कर में अपने परिवार के लोगों को भी भूल जाते हैं। "लेकिन सबको साथ में लेकर चलना , उसी का नाम जिंदगी है।" क्योंकि जिंदगी कभी भी अकेले नहीं गुजारी जा सकती है, जीवन में प्यार होना सबसे जरूरी है उसके बिना जिंदगी में उदासी ही उदासी छाई रहती है।अत: जिंदगी में सबका प्यार और सबका साथ सबसे जरूरी है। उसके बिना जिंदगी का कोई आधार नहीं है। सबके साथ हंसी - खुशी , मिल - जुलकर रहना तथा सबकी परवाह करते हुए जीवन में आगे बढ़ना , सबको साथ में लेकर चलना और हर किसी के प्रति उपकार की भावना रखना ही जिंदगी है।
वैसे तो जिंदगी में अनेक ऐसे मोड़ आते हैं जब हमें कुछ पाने के लिए किसी को छोड़ना पड़ता है। परंतु उस स्थिति में भी जो साम्यभाव रखे , वहीं जिंदगी को अच्छी तरह जी सकता है।
अत: जिंदगी में सरलता बहुत जरूरी है। क्योंकि क्रोध और अभिमान के जरिए जिंदगी कभी खूबसूरत नहीं हो सकती अत: इन सब विकारों को छोड़कर ही जिंदगी में खुश रह सकते है।और जीवन में कभी इतने सरल भी मत बनो की लोग तुम्हारा मजाक बना दें,और इतने शांत भी ना बनो की लोग तुम्हें डराएं।
अत: जीवन में मध्यस्थता बनाकर रखना ही जिंदगी है। इनसे ही जिंदगी अच्छे से व्यतीत हो सकती है, जीवन खुशहाल हो सकता है, और वास्तव में यही जिंदगी है।
अत: सरलता ही जिंदगी का आधार है, सहजता ही जिंदगी का विस्तार है।